जब हार सामने दिखती है, तो राजनेताओं के बयान भी गोल-मोल होने ही लगते हैं। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का बढ़ता जनाधार ममता बनर्जी के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इन परिस्थितियों के बीच अपने कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ाने के लिए उन्होंने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन सच तो ये है कि अभी कुछ तय ही नहीं हैं। इसके चलते अब बीजेपी ममता बनर्जी को सीधा चैलेंज दे रही है कि वो एक सीट से चुनाव लड़े, जो दिखाता है कि चुनाव से पहले परसेप्शन की लड़ाई में बीजेपी ममता बनर्जी से तेजी से आगे निकल रही है, क्योंकि ममता इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बचने लगी हैं।
ममता बनर्जी ने पिछले महीने नंदीग्राम की एक रैली में ऐलान किया था कि वो नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। इसके पीछे बड़ा कारण ये है कि ममता के करीबी और नंदीग्राम विधायक शुभेंदु अधिकारी ने ममता का हाथ झटक बीजेपी का दामन थाम लिया है। नंदीग्राम से लेकर जंगल महल की लगभग 60 सीटों में उनका दबदबा है। ऐसे में शुभेंदु के जाने से TMC का एक बड़ा कार्यकर्ता वर्ग भी बीजेपी में चला गया है, जिसके चलते उस इलाक़े में TMC कार्यकर्ताओं का जोश ठंडा पड़ चुका है। ऐसे में ममता ने कार्यकर्ताओं के उत्साह में बढ़ोतरी के लिए ये कहा था कि वो शुभेंदु को टक्कर देंगी, लेकिन अब बीजेपी ममता के सामने एक नई चुनौती पेश कर रही है।
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दरअसल, ममता बनर्जी अपनी परंपरागत विधानसभा सीट भवानीपुर से चुनाव लड़ती हैं, ऐसे में बीजेपी ममता को एक ही सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती दे रहे ही है। इसमें सबसे आगे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल चुनाव प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय है। उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। लेकिन, ये नहीं कहा कि वो सिर्फ यहीं से मैदान में उतरेंगी। यदि उनको अपनी जीत का भरोसा है, तो ये घोषणा भी करें… नहीं तो यही समझा जाएगा कि उन्हें नंदीग्राम पर भरोसा नहीं है।”
ममता बनर्जी को नंदीग्राम की अकेली सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती देना दिखाता हे कि असल में अब TMC के खिलाफ बीजेपी का आलाकमान हद से ज्यादा आक्रमक हो चला हो चला है। ऐसे में टीएमसी भी सीएम चेहरे को लेकर बीजेपी के सामने सवाल खड़े कर रही है। पार्टी की ओर से कहा गया , “बीजेपी नंदीग्राम के प्रत्याशी की घोषणा करने या यहां तक कि सीएम फेस बताने से भी डर क्यों रही है? ममता दी सभी 294 सीटों पर टीएमसी का चेहरा हैं।…बीजेपी को पहले यह घोषणा करनी चाहिए कि नंदीग्राम में ममता बनर्जी के खिलाफ वह किसे उतारेगी। हम बहुत बड़ी जीत दर्ज करने वाले हैं।”
बीजेपी किसी भी नए राज्य में चुनाव के लिए कभी-भी अपने सीएम का ऐलान नहीं करती है। ऐसे में उससे सीएम पद का सवाल पूछना व्यर्थ ही है, लेकिन इस पूरे प्रकरण से ये साबित होता है, कि TMC ममता की चुनावी सीट को लेकर की गई नंदीग्राम की बयानबाजी से सकपका गई है। पार्टी को अंदाज़ा नहीं था कि बीजेपी ममता की इस हवा-हवाई चुनौती को स्वीकार कर लेगी।
ममता बनर्जी अब अपनी चुनावी सीट को लेकर ऐलान से डर रही हैं क्योंकि उन्हें पता है कि उनके खिलाफ शुभेंदु ही खड़े होंगे जो कि उस पूरे क्षेत्र का एक बड़ा नाम है। इसका असर ये होगा कि ममता दीदी की हार तय हो जाएगी। इन सभी परिस्थितियों के चलते ही ममता बनर्जी अब एक ही विधानसभा सीट से चुनाव के ऐलान को लेकर पशोपेश की स्थिति में आ चुकी हैं, जो कि एक बड़ा मुद्दा बन गया है।