कमला हैरिस! अगर आपको भारत-US के रिश्तों को बचाना है तो अपनी भतीजी मीना का मुंह अभी बंद करो

मीना का एक्टिविज़्म भारत-US के रिश्तों की बलि दे जाएगा!

मीना

अमेरिकी प्रशासन के लिए यह समय बहुत कठिन है। एक ओर उसे चीन की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, तो दूसरी ओर उसे अपनी शक्तिशाली छवि को भी बरकरार रखना है। इसी बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस अपने बड़बोलेपन से न सिर्फ अमेरिका की किरकिरी करा रही हैं, बल्कि यदि उसे अमेरिकी प्रशासन द्वारा आड़े हाथ नहीं लिया गया, तो यह कमला हैरिस और बाइडन प्रशासन के लिए आगे चलकर बहुत हानिकारक सिद्ध होगा।

मीना हैरिस ने हाल ही में अपने बड़बोलेपन से बवाल खड़ा कर दिया था, जब उन्होंने भारतीय सरकार पर तानाशाह होने का आरोप लगाया और यहां तक ये भी कहा कि वर्तमान सरकार आक्रामक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देती है।

मीना हैरिस ने पीएम मोदी को तानाशाह सिद्ध करने के लिए उनकी तुलना ट्रम्प से करते हुए ट्वीट किया, “ट्रम्प ने भले ही ऑफिस छोड़ दिया हो, पर उसका प्रभाव अभी भी है। आतंकी राष्ट्रवाद अमेरिका के लिए उतना ही खतरनाक है, जितना कि भारत या किसी भी अन्य राष्ट्र में है। यह तभी खत्म हो सकता है जब लोग इस बात को समझे कि फासीवादी तानाशाहों को हम लोग न्याय की चौखट पर न लाएँ”।

मीना हैरिस, आपके लिए कैपिटल हिल पर हमला “हमला” और भारत के लाल किले पर हमला लोकतंत्र की आवाज नहीं कहलाया जा सकता। मीना हैरिस जैसे लोग जमीनी हकीकत से कितना कोसों दूर है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हो कि अमेरिका के विदेश मंत्रालय तक को कृषि कानून के सकारात्मक पहलुओं के बारे में चर्चा करने को मजबूर होना पड़ा।

एक तरफ जहां अमेरिकी विदेश मंत्रालय भारत के साथ मजबूत संबंध स्थापित कर चीन के विरुद्ध एक स्पष्ट विकल्प तैयार करना चाहता है, तो वहीं मीना हैरिस अपने बड़बोलेपन से सारे किए कराए पर पानी फेरने के लिए तैयार है। भारत के विदेश मंत्रालय ने पहले ही ऐसे लोगों के लिए एक विशेष स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा, ” ऐसे विषयों पर पहले बोलने की होड़ में शामिल होने से बेहतर है कि सभी तथ्यों का निष्पक्षता से विश्लेषण करें। आकर्षक सोशल मीडिया हैशटैग और कमेंट्स के लिए ऐसी हरकतें ना सिर्फ गलत है बल्कि गैर जिम्मेदाराना भी”

अगर मीना हैरिस ऐसे ही भारत के विरुद्ध जहर उगलती रही, और कमला हैरिस ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया, तो भारत और अमेरिका के संबंध इस बड़बोली वामपंथी के चलते रसातल में जा सकते हैं। आलोचना बुरी नहीं है, लेकिन और आलोचना और अपमान के बीच में एक हल्की सी रेखा है, जिसके बारे में मीना हैरिस को कतई कोई ज्ञान नहीं है

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