केरल कांग्रेस के जनवरी में पोस्ट किए गए ट्वीट, ग्रेटा के टूलकिट के जैसे हैं!

कांग्रेस और ग्रेटा, दोनों ही भारत विरोधी plan में शामिल?

ग्रेटा थनबर्ग द्वारा भारत विरोधी टूलकिट एक्सपोज होने के बाद धीरे-धीरे कई और सच्चाई सामने आ रही है। इसमें से सबसे पहला खुलासा कांग्रेस का उस भारत विरोधी टूलकिट से सम्बंधित है।

टूलकिट से जुड़े मामले में अब यह बात सामने आई है कि केरल प्रदेश महिला कांग्रेस ने 18 जनवरी को किसानों के विरोध के समर्थन में जो ट्वीट किया था वह ठीक उसी प्रकार का था जैसा ग्रेटा के गूगल टूलकिट में एक ट्वीट सुझाया गया  था। हैरानी की बात यह है कि वह ट्वीट अब डिलीट किया जा चुका है।

अब सवाल उठता है कि KPMC ने उस ट्वीट को क्यों हटा दिया है?

सच्चाई यही है कि वह ट्वीट ग्रेटा के उस गूगल टूलकिट पर “सुझाए गए पोस्ट” के अनुरूप था जिसे अनजाने में इको-फासिस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने शेयर कर दिया था।

वही टूलकिट, जिसमें से पॉप स्टार रिहाना ने एक सुझाया हुआ पोस्ट अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था। इससे यह साबित होता है कि कांग्रेस के पास वह टूलकिट पहले से ही थी जो भारत विरोधी तत्व और खालिस्तानी समूहों में शेयर किया गया था।

KPMC के आधिकारिक हैंडल ने ट्वीट किया किया था कि, “मोदी सरकार ने देश के एक बड़ी आबादी के अस्तित्व पर हमला किया है। ये तीन कृषि कानून उन महिलाओं के लिए स्थिति को और खराब कर देंगे जिनका जीवन पहले से ही आवश्यक वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों के कारण गंभीर संकट से जूझ रहा है। #MahilaAdhikarDiwas”

ग्रेटा द्वारा साझा किये गए टूलकिट में भी एक ट्वीट ठीक इसी प्रकार का था।

यह कैसे हो सकता है कि कांग्रेस भी भारत विरोधी टूलकिट से ट्वीट को उसी तरह कॉपी पेस्ट कर देती है जैसे पॉप स्टार रिहाना ने किया, जो यह जानती ही नहीं कि किसानों का यह विरोध प्रदर्शन क्यों हो तरह है या कृषि क्षेत्र के लिए मोदी सरकार ने क्या सुधार किए हैं।

यह कॉपी पेस्ट ऐसे टूलकिट से किया गया था जिसका एकमात्र उद्देश्य भारत को बदनाम करना था, और जिसे तैयार करने वाले कथित तौर पर भारत विरोधी खालिस्तानी इरादों के साथ काम कर रहे हैं।

इसके अलावा, केरल प्रदेश महिला कांग्रेस ने उक्त ट्वीट को हटा भी दिया जिससे यह बात और भी अधिक स्पष्ट हो गयी कि वे भारत विरोधी डॉक्यूमेंट से कॉपी पेस्ट कर रहे थे।

यह चिंताजनक तथ्य है कि कांग्रेस पार्टी उक्त भारत-विरोधी तत्वों के पक्ष में थी, जो गणतंत्र दिवस के मौके पर अराजकता और अस्थिरता फ़ैलाने का उद्देश्य रखते थे। यही नहीं उस टूलकिट में 18 जनवरी को दिल्ली की घेराबंदी का विवरण था।

अब कांग्रेस से यह सवाल है कि क्या वह आज देश की जनता के सामने यह कुबूल कर सकती है कि उसे उस भारत विरोधी टूलकिट के बारे में जानकारी नहीं थी या यह उसके पास मौजूद नहीं था? क्या कांग्रेस यह कह सकती है कि वे भारत को बदनाम करने के अंतर्राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा नहीं हैं? हालाँकि अब तो यह केवल समय ही बताएगा, या मामले में चल रही दिल्ली पुलिस जांच बताएगी।

इस खुलासे से एक बात तो स्पष्ट हो गयी है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जो देश को स्वतंत्रता दिलाने के दावे करती रहती है, अब कथित तौर पर खालिस्तानी तत्वों और उन स्वार्थी समूहों के साथ हाथ मिलाती है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम करने और जनता द्वारा चुनी गयी मोदी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने की कोशिश कर रही है।

 

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