लोकसभा में खड्गे ने सत्यनाश किया लेकिन वो गांधियों के चाटुकार थे, अब वो राज्यसभा में कांग्रेस का चेहरा होंगे

राज्यसभा

देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस की हालत दिन-ब-दिन बद-से-बदतर होती जा रही है, हाल ही में गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल राज्यसभा में पूरा हो गया जिसके बाद सदन में मुख्य विपक्षी नेता का पद खाली है। ऐसे में कांग्रेस अपने ही एक और चाटुकार नेता मल्लिकार्जुन खड्गे को अपना नेता विपक्ष बनाने की तैयारी कर रही है। खड्गे का विवादों से काफी पुराना नाता रहा है। ऐसे में अब कांग्रेस अपना भरोसा एक बार फिर इस विवादित नेता पर दिखाने वाली है जो ये साबित करता है कि जिस तरह से लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड्गे  के कारण कांग्रेस को विवादों का सामना करना पड़ा था, ठीक वैसा ही माहौल अब राज्यसभा में भी होगा।

गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा से विदा होना कांग्रेस के लिए एक बड़े और तगड़े झटके से कम नहीं हैं क्योंकि उनके जैसा राजनीतिक अनुभव शायद ही किसी अन्य कांग्रेस नेता के पास है। ऐसे में कांग्रेस के पास कई अन्य नेता मौजूद तो हैं जो कि उनकी जगह ले सकते थे, जिनमें कपिल सिब्बल से लेकर आनंद शर्मा तक के नाम हैं लेकिन कांग्रेस ने अपना भरोसा एक हारे हुए खिलाड़ी पर जताकर जाहिर कर दिया है कि वो विवादों से घिरी लोकसभा की तरह ही राज्य सभा की गरिमा को भी गिराने के लिए तैयार है।

हिन्दुस्तान की रिपोर्ट बताती है कि अब कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद की जगह राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड्गे को नेता विपक्ष बनाने का फैसला लिया गया है। कांग्रेस ने देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू को पत्र भेजकर इस संबंध में जानकारी दे दी है। मल्लिकार्जुन खड्गे को ये पद आखिर इतनी आसानी से कैसे मिल गया वो अब राजनीति में एक बड़ा प्रश्न बन गया है,क्योंकि अभी साल भर ही हुए हैं कि खड्गे अपनी लोकसभा सीट से ही बुरी तरह चुनाव में हारे हैं।

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खड्गे के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो लोकसभा में वो मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान विपक्ष के नेता थे। इस दौरान उनका विवादों से बड़ा नाता रहा है।  सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के मामले से लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की आलोचना तक खड्गे विपक्ष के नेता के नाते लोकसभा में जितना ज्यादा बोले, कांग्रेस को उतना ही ज्यादा नुकसान भी हुआ। यही नहीं लोकसभा  में हंगामों का अंजाम देने और उनकी रूप-रेखा तैयार करने में मल्लिकार्जुन खड्गे की भूमिका किसी से नहीं छिपी है। वो कई बार अपनी खराब हिन्दी का बहाना देकर विवादित बयान भी दे चुके हैं जिससे कांग्रेस को मुसीबतों का सामना करना पड़ा। इन सब के बावजूद कांग्रेस का भरोसा केवल और केवल खड़गे पर ही है।

राज्यसभा एक ऐसा सदन है जिसे उच्च सदन और चर्चा का मंच भी  कहा जाता है। ऐसे में यदि कांग्रेस के नेता खड्गे एक बार फिर राज्यसभा में दिखेंगे तो साफ है कि एक बार फिर लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी उथल पुथल की स्थितियां भी पैदा हो जाएंगी। इन सारी परिस्थितियों का अंदाजा होने के बावजूद कांग्रेस ने अब खड्गे पर अपना भरोसा जताया है जो कांग्रेस को मुसीबत में डाल सकता है।

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