पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं, पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की स्थिति पर ये कहावत बिल्कुल फिट बैठती है। राज्य में इस वर्ष अप्रैल-मई के बीच चुनाव होने हैं। ऐसे में टाइम्स नाउ और सी-वोटर द्वारा किए गए सर्वे में सामने आया है कि बीजेपी की लोकप्रियता पहली बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से भी ज्यादा हो गई है। करीब 41 प्रतिशत लोग बीजेपी का खुलकर समर्थन कर रहे हैं, लेकिन दिक्कत केवल इतनी ही है कि बीजेपी के पास कोई सीएम पद का चेहरा नहीं है, जिसके चलते जरूरी हो गया है कि बीजेपी अब राज्य में अपने मुख्यमंत्री पद का योग्य चेहरा भी पेश करे।
2014 के बाद से बीजेपी पश्चिम बंगाल में अपना जनाधार बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इस कड़ी में 2016 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हार तो मिली लेकिन उसके वोट प्रतिशत में भारी भी वृद्धि हुई थी। बढ़े वोट प्रतिशत ने बीजेपी को उत्साहित किया और उसकी मेहनत का बड़ा नतीजा 2019 लोकसभा चुनाव में सामने आया, जब 42 सीटों में से 18 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली। अब विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी युद्धस्तर पर काम करने लगी है। आज की ताजा स्थिति में हुआ सर्वे बताता है कि बीजेपी अब राज्य की सबसे लोकप्रिय पार्टी बन गई है।
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टाइम्स नाउ और सी-वोटर का सर्वे बताता है कि बीजेपी की लोकप्रियता अब बंगाल में सबसे ज्यादा है। पहली बार बंगाल में बीजेपी को करीब 41 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने लोकप्रिय माना है। वहीं ममता की पार्टी को केवल 36.9 फीसदी लोग ही पसंद कर रहे हैं। सबसे बुरी हालत तो देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की है, जिसका नाम केवल 8 फीसदी लोग ही ले रहे हैं और जिस बंगाल को एक दशक पहले लेफ्ट का गढ़ माना जाता था वहां आज लेफ्ट की लोकप्रियता केवल 4 फीसदी ही रह गई है। ये पूरा सर्वे दावा कर रहा है कि इस बार राज्य में बीजेपी का भगवा लहराएगा लेकिन मुख्य़मंत्री पद के चेहरे को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई है।
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वही ममता को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में करीब 54 फीसदी लोग पसंद कर रहे हैं। ये आंकड़ा जरूर बीजेपी के समर्थकों को खौफ में ला सकता है, लेकिन इसकी वजह ये नही है कि बीजेपी से कोई सीएम उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है। सीएम के तौर पर बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष की लोकप्रियता इस मामले में 22 फीसदी समर्थन के साथ सूची में दूसरे नंबर पर है। ये पूरी परिस्थिति बताती है कि अब राज्य में बीजेपी को अपना सीएम उम्मीदवार घोषित करना ही होगा, क्योंकि बीजपी के विजय रथ में ममता बनर्जी की कथित लोकप्रियता ब्रेक लगा सकती है। केवल इसी मुद्दे पर आगे चल रही ममता दीदी को अब इसमें भी पछाड़ने का सही समय आ गया है क्योंकि ममता को अपनी लोकप्रियता का ही सबसे ज्यादा घमंड है।
ये वक्त ऐसा है कि अब बीजेपी को राज्य में सर्वसम्मति के साथ अपना सीएम उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए जिससे बीजेपी की लगभग तय हो चुकी पश्चिम बंगाल की विजय को एक प्रचंड जीत में बदल सके क्योंकि प्रचंड जीत से बीजेपी को बंगाल में कठिन फैसलों को लेने में खासी आसानी होगी।