नरेंद्र मोदी स्टेडियम उचित भी है और वैधानिक भी, सरदार पटेल एन्क्लेव का नाम नहीं बदला गया है

तो विवाद किस बात का है ?

नरेंद्र मोदी

हाल ही में भारत इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच अहमदाबाद में आयोजित किया। लेकिन ये इसलिए सुर्खियों में नहीं है क्योंकि यहाम भारत का दूसरा डे नाइट टेस्ट मैच खेला जा रहा है, या इसलिए कि भारतीय गेंदबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। ये इसलिए सुर्खियों में है क्योंकि इस स्टेडियम का नाम नरेंद्र मोदी स्टेडियम है।

जी हाँ, जिस विश्व स्तरीय स्टेडियम को हाल ही में क्रिकेट मैचों के लिए खोला गया, उसका नाम गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन ने नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा है। इससे पूरे सोशल मीडिया पर खलबली मच गई है। जहां एक तरफ कई वामपंथी इस बात का तंज कस रहे हैं कि नरेंद्र मोदी अपनी बात से पलट गए, तो हार्दिक पटेल जैसे नेताओं ने उलटे नरेंद्र मोदी पर सरदार पटेल के अपमान का आरोप लगा दिया, और ये भी भ्रम फैलाया कि सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम रख दिया गया है।

अब बात करें तथ्यों की, तो एक बार फिर वामपंथी अपने ही फैलाए जाल में फंस गए। नरेंद्र मोदी स्टेडियम नवनिर्मित स्टेडियम का नाम है, जो सरदार पटेल स्पोर्ट्स एनक्लेव नामक विशाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का एक हिस्सा है। सरदार पटेल स्पोर्ट्स एनक्लेव का नाम नहीं बदला गया है। हालांकि, एक क्रिकेट स्टेडियम का नाम बदले जाने से आश्चर्यजनक रूप से उन कांग्रेसियों में सरदार पटेल के लिए इज्ज़त बढ़ गई, जिन्हें जीते जीते जी तो छोड़िए, मरने के बाद भी उनका सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करे जाने से रोकने का पार्टी हाइकमान ने प्रयास किया था।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर उपजे विवाद से ये स्पष्ट होता है कि अभी भी हम गांधीवादी मानसिकता से नहीं उबर पाए हैं। जिस स्टेडियम के नाम पर इतना विवाद हो रहा है, उसे पीपीपी [Public Private Partnership] मॉडल के अंतरगत निर्मित किया गया है। इसके अलावा नरेंद्र मोदी ने बतौर गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन अध्यक्ष गुजरात क्रिकेट के कायाकल्प में काफी योगदान भी दिया है। ऐसे में अहमदाबाद के क्रिकेट स्टेडियम का नाम यदि नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा गया है, तो यह तार्किक भी है और वैधानिक भी।

इसके अलावा गुजरात में खेलों के विकास के लिए भी बतौर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी योगदान किया है। गृह मंत्री अमित शाह के अनुसार यदि सरदार पटेल स्पोर्ट्स एनक्लेव पूरी तरह से विकसित हो गया, तो यह अपने आप में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी करने के योग्य भी हो जाएगा।

इसी विषय पर TFI के संस्थापक अतुल मिश्रा ने ट्वीट किया, “मैं मोटेरा स्टेडियम का नाम नरेंद्र मोदी स्टेडियम करने के पक्ष में नहीं, पर नेहरू, राजीव, जैसे नाम के पक्ष में हैं..

मोदी के प्रशंसक एक छोटी सी बात को भी क्यों नहीं सही सिद्ध कर पाते? जिस व्यक्ति के नाम पर स्टेडियम है, वह 3 बार गुजरात का मुख्यमंत्री रह चुका है, 2 बार से देश का प्रधानमंत्री है और तीसरी बार भी बनने की पूरी संभावना है। बात हो गई खत्म”।

ये तर्क सही भी है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं, बल्कि देश के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं जिनकी लोकप्रियता और जिनके काम को लेकर देश की जनता में कोई संदेह नहीं है। उनके नेतृत्व में ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का कद बढ़ा है, चीन को सबक मिला है, पाकिस्तान अलग-थलग पड़ चुका है। यही नहीं देश में भी कई महत्वपूर्ण बदलाव उन्होंने किये हैं जिसे कोई नहीं नकार सकता। ऐसे में सरदार पटेल स्पोर्ट्स एनक्लेव में स्थित एक स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर रखा जाना कहीं से भी गलत नहीं है क्योंकि आज भी वो गुजरात की जनता के लिए किसी नायक से कम नहीं हैं।

इसपर खुद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस मामले पर कांग्रेस और अन्य विपक्ष के दावों की पोल खोलते हुए कहा, ‘‘खेल परिसर का नाम सरदार पटेल स्पोर्ट्स एनक्लेव है। परिसर के अंदर सिर्फ क्रिकेट स्टेडियम का नाम नरेन्द्र मोदी स्टेडियम रखा गया है। विडंबना है कि जिस ‘परिवार’ ने मृत्यु के बाद भी सरदार पटेल का सम्मान नहीं किया वह हाय तौबा मचा रहे हैं।’’

हास्यास्पद बात तो यह है कि अहमदाबाद के नवनिर्मित क्रिकेट स्टेडियम का नाम नरेंद्र मोदी के नाम पर रखे जाने पर वो लोग आपत्ति जता रहे हैं, जिन्हें राजीव गांधी के नाम पर देश के सर्वोच्च खेल सम्मान को रखने को लेकर चर्चा के नाम पर ही सांप सूंघ जाता है। ऐसे में नरेंद्र मोदी स्टेडियम ने एक बार फिर इन वामपंथियों की निकृष्ट सोच और इनके मानसिक दिवालियापन को ही जगजाहिर किया है।

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