दुनिया के अन्य देशों में मुस्लिम समाज के लोगों की स्थिति को लेकर कहा है कि ‘पाकिस्तान से लेकर विश्व के सभी देशों में इस्लाम को मानने वाले लोगों की स्थिति बेहद ही बुरी है। ये बेहद ही सकारात्मक बात है कि पूरी दुनिया में अगर कहीं मुसलमान सुरक्षित है तो वो केवल भारत है’। उन्होंने भारत के प्रति गर्व जाहिर करते हुए कहा है कि ‘देश के प्रत्येक मुस्लिम व्यक्ति को इस बात का गर्व होना चाहिए’।
गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ में भी खूब कसीदे पढ़े हैं और कहा कि उनके पीएम मोदी के साथ निजी संबंध बेहद ही प्रगाढ़ हैं और राजनीतिक गतिरोध ने कभी-भी संबंधों को खराब नहीं होने दिया। गुलाम नबी आजाद के वक्तव्यों में पीएम मोदी के साथ निजी संबंधों से लेकर संसद में मुद्दों पर चर्चा और पाकिस्तान को लेकर जो बातें कहीं हैं वो दुनियाभर के लिए किसी साधारण विदाई भाषण की तरह हो सकती हैं, लेकिन वो अपने भाषण में अपनी ही पार्टी को निशाने पर लेते दिखे हैं।
ताजा स्थिति की बात करें तो देश में किसान आंदोलन हो या सीएए का मुद्दा, सभी पर विपक्ष ने सारी मर्यादाएं तार-तार की हैं। संसद की बातचीत तो दूर की बात रही, कांग्रेस ने सड़कों का माहौल ही बदल दिया। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर सांसद राहुल गांधी के वक्तव्यों के चलते देश में आक्रमकता का माहौल बना और ये बात किसी से भी छिपी नहीं है। ठीक उसी तरह वर्तामान में किसान आंदोलन के मुद्दे पर पहले कांग्रेस ने 26 जनवरी को लाल किले वाली घटना पर कार्रवाई करने की मांग की और फिर उसी कांग्रेस की पंजाब सरकार ने गिरफ्तार हुए आरोपियों के लिए वकीलों की फौज खड़ी कर दी है।
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वर्तमान में अगर विपक्ष चाहे तो संसद में गुलाम नबी आजाद के कथन अनुसार मुद्दों को आसानी से सुलझाया जा सकता है क्योंकि इसमें अब कोई शक नहीं रहा है कि ये किसान आंदोलन विपक्ष द्वारा प्रायोजित है। एक तरफ हरियाणा, पंजाब के अमरिंदर सिंह और भूपेनद्र सिंह हुड्डा किसान आंदोलन से पार्टी को दूर रहने की बात कह रहे है तो दूसरी ओर इस मुद्दे पर केन्द्रीय नेतृत्व किसान आंदोलन को जानबूझकर उग्र बनाने की कोशिशें कर रहा है। साफ है कि गुलाम नबी आजाद अब जाते-जाते कांग्रेस को ही सीख दे रहे हैं कि विरोध किस तरह होना चाहिए।
इसके अलावा पाकिस्तान को लेकर भी आजाद ने जो बात कही है वो उनकी ही पार्टी के नेताओं को काफी चुभने वाली हैं क्योंकि कांग्रेस के मणिशंकर अय्यर से लेकर नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान के प्रति अपना प्रेम जाहिर कर चुके हैं। ऐसे में पाकिस्तान के प्रति अपनी नफरत दिखाकर पार्टी को सीख दी है, कि इन सभी नेताओं से खुद को अलग करते हुए पार्टी को अपनी नीतियां जनता के सामने रखनीं चाहिए। कांग्रेस के ही नेता रहे उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने हाल ही में अपनी किताब में भारत के मुस्लिमों की स्थिति को लेकर पीड़ित होने का कार्ड खेला था, आजाद ने भारत के मुस्लिमों की स्थिति को दुनियाभर में सबसे बेहतर बताकर हामिद आंसारी के मुंह पर तमाचा जड़ दिया है।
आजाद को केरल से दोबारा राज्यसभा लाने की बातें चल रही थी लेकिन वो केवल कयास मात्र हैं क्योंकि आजाद ने पिछले साल भर में पार्टी के कुकृत्यों को जनता के सामने लाकर एक बगावत की स्थिति पैदा कर दी है। इसलिए वो अब वापसी नहीं करेंगे, यही कारण है कि कांग्रेस को बगावत का असली रंग आजाद ने अपने आखिरी भाषण में दिखा दिया है।