रूस भारत का सदाबहार साथी है और किसी भी परिस्थिती में भारत का साथ देने से पीछे नहीं हटता। जब भारत में कुछ दिनों पहले कथाकथित पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आन्दोलन की आड़ में देश के अन्दर अस्थिरता फ़ैलाने की कोशिश की तब रूस की स्टेट मीडिया ने इस खबर की जैसे रिपोर्टिंग की उससे यह और स्पष्ट हो गया। रूस ऐसे विदेशी तत्व के खिलाफ भी भारत का साथ नहीं छोड़ने वाला है जो भारत सरकार को बदनाम कर देश के अन्दर अराजकता फैलाना चाहते हैं।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से किसान आन्दोलन की आड़ में कई इंटरनेशनल भारत विरोधी तत्व जम कर अपना प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं। पॉप स्टार रिहाना से लेकर ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में स्थिरता पैदा करने की भरपूर कोशिश की। परन्तु यह प्रोपेगेंडा तब धरी-की-धरी रह गई जब ग्रेटा ने भारत विरोधी तत्वों द्वारा तैयार किये गए गूगल टूलकिट ट्विटर पर शेयर कर दिया। इस मामले पर रूसी स्टेट मीडिया RT ने बेहतरीन कवरेज किया और ग्रेटा की खूब धज्जियाँ उड़ाई।
RT’s (RUSSIA TODAY) ने पूरे मामले की रिपोर्टिंग में ग्रेटा और उसके प्लान को पूरी तरह से भारतीय दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया। जब यह खबर आई तब RT ने 3 फरवरी को लेख प्रकाशित किया जिसका हेडलाइन था, “बैठ जाओ तुम मूर्ख: ग्रेटा थनबर्ग, रिहाना और मिया खलीफा द्वारा किसानों के समर्थन के बाद बॉलीवुड ने वापस हिट किया”
इसके बाद जब ग्रेटा ने गलती से अपने भारत को अस्थिर करने वाले टूलकिट को ही सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया था तब उसके बाद RT ने ग्रेटा को फेक भी करार कर दिया था। अपनी रिपोर्टिंग में RT ने पूरी तरह से भारतीय दृष्टिकोण अपनाते हुए ग्रेटा की भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा को प्रकाशित किया। 4 फरवरी को प्रकाशित रिपोर्ट की हेडलाइन थी कि, “’’ग्रेटा उतनी ही फेक हैं जितने उनके ट्वीट’? पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग के “प्रोटेस्ट टूलकिट” के षड़यंत्र जांच शुरू की, ‘भारत के खिलाफ युद्ध’ का आरोप”
इन रिपोर्ट्स में सिर्फ रिपोर्ट ही नहीं लिखी थी बल्कि भारतीयों की सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया भी प्रकाशित की गयी थी जो यह सन्देश दे रहा था कि भारत के लोग ग्रेटा से कितने नाराज हैं।
वहीँ इसके बाद 5 फरवरी को RT ने ग्रेटा के खिलाफ एक ओपिनियन को अपने वेबसाइट पर स्थान दिया जिसका हेडलाइन था, “भाड़े के लिए एक्टिविजम? सिख अलगाववाद के लिए जलवायु परिवर्तन को लात मार के, ग्रेटा थुनबर्ग ने अपनी बचपना को दिखाया और विश्वसनीयता को मिट्टी में मिला दिया”.
इस लेख में यह स्पष्ट लिखा है कि यह निश्चित रूप से भारत के लिए एक घरेलू मुद्दा है।
इस में कोई संदेह नहीं है कि रूस भारत का पारंपरिक साथी तथा रणनीतिक साझीदार रहा है परन्तु अब जिस तरह से लिबरल ब्रिगेड को भारत के खिलाफ प्रोपोगेन्डा फैला कर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, वैसे समय में रूसी मीडिया का इस तरह से भारत के पक्ष में रिपोर्टिंग दिखाता है कि वह आज भी भारत का कितना बड़ा समर्थक है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही ग्रेटा की आलोचना कर चुके हैं और अब रूसी मिडिया का ग्रेटा के खिलाफ रिपोर्टिंग से स्पष्ट है कि उसके एजेंडे अब सभी देश समझ चुके हैं। भारत रूस का सबसे बड़े हथियार खरीदार देशों में से एक है, यानि रूस ने भारत को रणनीतिक तौर पर तो मजबूत होने में साथ दिया ही अब प्रोपोगेंडे के खिलाफ भी साथ दे रहा है। इससे पहले चीन के खिलाफ भी वह इसी तरह भारत का साथ दे चूका है। इससे एक बात तो शत प्रतिशत स्पष्ट हो चुकी है कि इस नए दशक में भी रूस भारत के साथ खड़ा है।