माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर की दुनियाभर में मनमानियां बढ़ती ही जा रही हैं, जिसका असर भारत पर भी देखने को मिल रहा है। देश में चल रहे तथाकथित किसानों के आंदोलन के नाम पर कुछ लोग ट्विटर का सहारा लेकर फेक न्यूज फैला रहे हैं लेकिन ट्विटर कोई एक्शन नहीं ले रहा है। भारत सरकार के कहने पर कुछ लोगों पर ट्विटर ने एक्शन लिया भी, तो 12 घंटे के अंदर ही पलट गया। ऐसे में ट्विटर का ये रवैया भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेशों के अपमान है। इसलिए अब भारत सरकार ने ट्विटर को नोटिस जारी कर दिया है, जिसके बाद माना जा रहा है कि भारत में 48 घंटों के भीतर ट्विटर पर मोदी सरकार कोई बड़ी गाज गिरा सकती है।
किसान आंदोलन को लेकर लगातार फेक न्यूज फैलाई जा रही है, जिसके चलते भारत में लोगों में संशय की स्थिति है। वहीं, विदेशों में मोदी सरकार के खिलाफ एक नकारात्मक संदेश भी जा रहा है। इसका उदाहरण ट्विटर पर चला #ModiPlanningFarmerGenocide भी है, जो कि भ्रामकता की कई हदें पार करने वाला है। ऐसे में मोदी सरकार ने ट्विटर को आदेश दिया है कि वो जल्द से जल्द अपने प्लेटफॉर्म से इस तरह के भ्रामक हैशटैग को हटाए वरना उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ऐसा नहीं है कि मोदी सरकार का ये आदेश केवल वक्तव्यों तक ही सीमित है। सरकारी ने इस पूरे मामले में ट्विटर को लिखित नोटिस जारी किया है। सरकार ने जारी किए गए अपने नोटिस में कहा, “#ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के साथ ट्विटर पर कंटेंट पोस्ट किया गया जो कि तथ्यात्मक तौर पर गलत था। इस पोस्ट का मकसद सिर्फ और सिर्फ लोगों के बीच नफरत फैलाना था।” अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे पर आपत्तिजनक सवाल उठाने वालों को लेकर सरकार ने कहा, “नरसंहार को प्रोत्साहन देना फ्रीडम ऑफ स्पीच नहीं है। ये कानून व्यवस्था के लिए खतरा है।”
पिछले दिनों सरकार के आईटी मंत्रालय के आदेश पर ट्विटर ने कुछ फेक न्यूज फैलाने वाले लोगों के ट्विटर अकाउंट को बैन किया और फिर कुछ समय बाद बहाल कर दिया। इस मुद्दे पर ट्विटर ने व्यक्ति विशेष और अकाउंट को लेकर अपनी अजीबो-गरीब पॉलिसी का हवाला दे दिया। ऐसे में सरकार ने ट्विटर की उस सफाई को भी खारिज कर दिया कि कोई प्रतिबंध सिर्फ व्यक्ति विशेष पर लगाया जा सकता है पूरे हैंडल पर नहीं। ऐसे में सरकार ने ट्विटर को सुप्रीम कोर्ट के कुछ मामले भी याद दिलाए, “कई बार यह तय करना मुश्किल होता है कि कौन सा खास व्यक्ति माहौल बिगाड़ सकता है और कौन नहीं। ऐसी स्थिति में समग्र रूप से फैसला लेना होता है।”
सरकार ने ट्विटर द्वारा आईटी कानून 69(A) के उल्लंघन की बात कही है। अगर अब ट्विटर इस मामले में सरकार द्वारा होने वाली जांच में दोषी पाया जाता है तो उसे भारत में ब्लॉक भी किया जा सकता है। उसके प्रमुख अधिकारियों को इस मुद्दे पर सफाई देने के लिए सरकार के पैनल के समक्ष पेश होना होगा। साफ है कि सरकार अब ट्विटर के खिलाफ एक्शन में है क्योंकि इसकी पॉलिसी में बहुत ज्यादा झोल हैं। इसी ट्विटर ने अमेरिका की कैपिटॉल हिल हिंसा के बाद वहां के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का निजी अकाउंट ब्लॉक कर दिया था लेकिन वो ट्विटर भारत के लाल किले में हुई घटना पर फेक न्यूज फैलाने वाले लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करता है जो कि उसका दोगलापन दिखाता है।
ट्विटर प्रमुख जैक डॉर्सी का दोगलापन अब उन्हें ही भारी पड़ने वाला है क्योंकि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर बेवजह दुश्मनी मोल हैं। अब केवल दो ही चीजें हो सकतीं है, या तो ट्विटर अब सारी बातों से परे सरकार के आदेशों का पालन करे, वरन उस पर अगले 48 घंटों में भारत सरकार द्वारा कोई सख्त कार्रवाई होगी। इस कार्रवाई में ट्विटर के भारत में बैन होने की संभावनाएं भी काफ़ी प्रबल हैं।