UN को भारत और Christian Michel मामले से दूर रहना चाहिए, इस केस में उसका कोई काम नहीं है

क्रिश्चन मिशेल, भारत में AgustaWestland घोटाले के मामले में जेल में बंद है। उसने भारत से VVIP हेलीकॉप्टर की डील करने के लिए घूस दी थी, लेकिन अब भ्रष्टाचार के आरोपी के पक्ष में संयुक्त राष्ट्र उतर गया है। संयुक्त राष्ट्र की एक एक्सपर्ट टीम ने भारत सरकार को सलाह दी है कि वह तुरंत मिशेल को रिहा करें

संयुक्त राष्ट्र के Working Group on Arbitrary Detention ‘WGAD’ ने अपनी एक कथित जांच में पाया है कि भारतीय एजेंसियों ने मिशेल के UAE से प्रत्यर्पण के दौरान मिशेल के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार भारत ने दुबई के किसी हाईप्रोफाइल भगौड़े को गिरफ्तार कर दुबई से इसकी वापसी के बदले मिशेल का प्रत्यर्पण करवाया है।

WGAD ने भारत सरकार से कहा है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर मिशेल के मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करे। अब सवाल उठता है कि UN एक्सपर्ट्स की बातें कितनी प्रभावी हैं, पहली बात यह किसी भी स्थिति में भारत के लिए बाध्यकारी नहीं है। दूसरी बात इससे यदि भारत सरकार पर नैतिक दबाव बनाने की कोशिश भी की जा रही है तो भी इसका कोई लाभ नहीं होगा।

ऐसा इसलिए क्योंकि भारत की जनता जानती है कि मिशेल के बहाने भारत के कुछ VVIP लोगों को बचाने की कोशिश हो रही है। अन्यथा संयुक्त राष्ट्र के कुछ विशेषज्ञों को अनौपचारिक रूप से इस मामले पर टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं थी। रही बात नैतिक दबाव की तो संयुक्त राष्ट्र ने किसी भी देश पर नैतिक दबाव बनाने की क्षमता को बहुत पहले ही खो दिया था। रूस में गैरकानूनी रूप से अलेक्सेई की गिरफ्तारी को लेकर मौन रहने वाले संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ भारत को सलाह नहीं दे सकते। इन्हें गिरफ्तार लोगों के कानूनी अधिकारों की चिंता है तो पहले चीन और उत्तर कोरिया जैसे देशों की निगरानी ठीक से करें उसके बाद भारत जैसी संवृद्ध लोकतान्त्रिक व्यवस्था पर सवाल उठाये ।

मिशेल भारत के कई महत्वपूर्ण लोगों के राज से पर्दा उठा सकता है। 2018 में ED ने कोर्ट को बताया था कि मिशेल ने AgustaWestland घोटाले की जांच के दौरान श्रीमती गांधी का नाम लिया था। उसने कोर्ट को यह भी बताया था की इटालियन महिला का बेटा, जो भारत का अगला प्रधानमंत्री होगा, वो भी इस मामले में संलिप्त है। उसका सीधा इशारा सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी की और था। इतना ही नहीं सीबीआई ने जाँच में यह पाया है कि मिशेल के पिता भी इंदिरा गांधी के मित्र थे। AgustaWestland घोटाला गांधी परिवार को सलाखों तक भी ले जा सकता है क्योंति मिशेल इस पूरे मामले की मुख्या कुंजी है।

संयुक्त राष्ट्र के एक्सपर्ट इस बात को सम्भवतः समझ नहीं रहे हैं कि वर्तमान मोदी सरकार को अपनी छवि से कहीं अधिक चिंता देश की सुरक्षा की है। ऐसे में उनकी राय का कोई विशेष प्रभाव सरकार पर नहीं पड़ने वाला। वैसे भी अनुच्छेद 370, CAA, फार्म प्रोटेस्ट आदि मुद्दों पर जिस तरह अंतरार्ष्ट्रीय स्तर पर कुछ विशेष तबकों ने भारत विरोधी प्रवृत्तियों का साथ दिया है, उसने भारतीयों में यह भावना और प्रबल किया है कि वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतिक्रियाओं को नजरंदाज करके आगे बढ़ें। अतः UN एक्सपर्ट की राय मीडिया में सनसनी पैदा करने के अतिरिक्त कुछ भी विशेष हासिल नहीं करेगी।

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