South China Morning Post की एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण चीन सागर में मौजूद विवादित Spratly islands के आसपास पिछले दो सालों में वियतनाम ने अपने सुरक्षा कवच को इतना मज़बूत कर लिया है कि अब अगर चीनी नौसेना इन द्वीपों पर कब्जा करने की मंशा से कोई सैन्य कार्रवाई करती है, तो उसे भारी खामियाज़ा उठाना पड़ सकता है।
Spratly द्वीपों का समूह दक्षिण चीन सागर में मौजूद है, जिसपर आसपास के छः देशों का दावा है। इन देशों में फिलीपींस, वियतनाम, चीन, ब्रुनई, मलेशिया और ताइवान शामिल हैं। Spratly में 100 से अधिक reef islands हैं, और यहाँ अलग-अलग द्वीपों पर अलग-अलग देशों का दावा है, जिसके कारण यहाँ का विवाद बेहद पेचीदा हो गया है। हालांकि, दक्षिण चीन सागर पर अपने अवैध दावों के चलते चीन Spratly islands को भी अपना ही हिस्सा मानता है। अब अमेरिका के एक थिंक टैंक ने नए खुलासे में कहा है कि पिछले दो वर्षों में वियतनाम ने यहाँ आक्रामक सुरक्षा नीति के तहत अपनी सुरक्षा को बेहद मज़बूत कर लिया है।
Centre for Strategic and International Studies’ Asia Maritime Transparency Initiative की एक रिपोर्ट के मुताबिक वियतनाम ने इन विवादित Spratly के कई द्वीपों के आसपास तटीय सुरक्षा के साथ-साथ हवाई सुरक्षा व्यवस्था को भी बेहद मज़बूत बना लिया है। सुरक्षा व्यवस्था को खासतौर पर चीन को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, और इसीलिए यहाँ पर तैनात डिफेंस सिस्टम को इस प्रकार डिजाइन किया गया है ताकि चीन के सभी महत्वपूर्ण सैन्य ठिकाने वियतनाम की striking range में ही रहें।
इसी के साथ-साथ वियतनाम ने Pearson Reef और Namyit Island पर भी अतिरिक्त ढांचो (radomes) को तैयार किया गया है ताकि वहाँ मौजूद रेडार को किसी भी हमले से बचाया जा सके। वियतनाम ने कुछ ठिकानों पर इजरायल से लिया गया Artillery rocket systems भी तैनात किया है, जो कि कम से कम समय में बेहद कम संसाधनों के साथ दुश्मनों पर हमला करने की क्षमता रखते हैं।
वियतनाम ने पिछले दो सालों में West reef द्वीप पर 70 एकड़ के इलाके में सिग्नल टावर और प्रशासनिक इमारतों को खड़ा किया है। इसके साथ ही वर्ष 2019 में शुरू किए गए एक प्रोजेक्ट के तहत Sin Cowe के उत्तरी तट पर 26 एकड़ की ज़मीन पर सुरक्षात्मक ढांचों को खड़ा किया है।
वियतनाम ने अपनी सुरक्षा तैयारी से यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी वक्त चीनी आक्रामकता से निपटने के लिए तैयार बैठा है। पिछले कुछ सालों में चीन ने जिस प्रकार Spratly द्वीप समूह के बड़े इलाके में सैन्य ढांचों को खड़ा किया है, उसने वियतनाम को अपनी सुरक्षा तैयारी पुख्ता करने पर मज़बूर कर दिया है। Wall Street Journal की एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2015 से ही चीन इन द्वीपों पर हवाई पट्टी और इमारतें बनाने का काम जारी किए हुए है, ताकि यहाँ फाइटर जेट्स से लेकर बड़े-बड़े ट्रांसपोर्ट जेट्स को उतारा जा सके।
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इतना ही नहीं, पिछले कुछ महीनों में तो चीनी आक्रामकता में कई गुना इजाफ़ा देखने को मिला है। उदाहरण के लिए पिछले वर्ष अप्रैल में चीनी कोस्ट गार्ड ने विवादित Paracel द्वीपों के आसपास एक वियतनामी फिशिंग बोट को टक्कर मारकर पानी में डुबा दिया था, जिसके बाद वियतनाम और चीन में काफी तनाव पैदा हो गया था।
Paracel द्वीप चीन और वियतनाम के बीच तनाव का एक और बड़ा कारण है, जिनको लेकर दोनों देशों के बीच वर्ष 1974 और वर्ष 1988 में छोटे स्तर का युद्ध भी देखने को मिल चुका है। ऐसे में अब वियतनाम पहले ही Spratly द्वीपों पर अपनी सुरक्षा को अभेद्य बनाकर चीन को एक कड़ा संदेश भेजना चाहता है।
बाइडन प्रशासन के सत्ता संभालने के बाद चीन की ओर से दक्षिण चीन सागर में आक्रामकता कई गुना बढ़ी है। इसी महीने चीन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अपनी कोस्ट गार्ड को दुश्मनों पर “ओपन फायर” करने की छूट देने का ऐलान भी किया है, जिसके बाद वियतनाम ने इसपर अपनी चिंता भी जताई है। जिस प्रकार वियतनाम ने अब Spratly द्वीपों की सुरक्षा को मज़बूत किया है, उससे स्पष्ट हो गया है कि वियतनाम और बाकी दक्षिण पूर्वी एशियाई देश चीनी आक्रामकता के सामने घुटने टेकने वाले नहीं हैं।