राज्यसभा में कार्यकाल पूरा करने के बाद केवल गुलाम नबी आजाद की ही नहीं बल्कि तीन अन्य सांसदों की भी विदाई हुई है। इन सभी ने कश्मीर के हितों को लेकर आवाज उठाने के साथ ही देश की मोदी सरकार द्वारा राज्य में चलाई जा रही नीतियों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी कैबिनेट की तारीफ की है।
इसमें सबसे बड़ी बात पीडीपी के सांसद मीर मोहम्मद फैयाज ने उज्जवला योजना को लेकर कही है, जो दिखाता है कि जमीनी स्तर पर पीएम मोदी की योजनाएं कितनी ज्यादा सफल साबित हुईं हैं। इसके अलावा इन सभी ने कश्मीर के विकास के लिए पीएम मोदी को शुभकामनाएं देते हुए ये भी कहा है कि उनके कार्यकाल के दौरान पीएम ने उनकी मांगों सकारात्मक ढंग से लिया था।
राजनीति में आज के दौर में एक नियम बन गया है कि सरकार कुछ सही भी करे, तब भी उस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की जाए; लेकिन व्यक्ति जब भावनाओं में ओत-प्रोत हो जाता है तो वो अपने मन की सारी बातें राजनीति से परे होकर बोल देता है। कुछ ऐसा ही गुलाम नबी आजाद के साथ रिटायरमेंट स्पीच के दैरान हुआ और कुछ ऐसा ही जम्मू-कश्मीर के अन्य सांसदों के साथ भी हुआ है। कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी कैबिनेट द्वारा किए गए कश्मीर के हित के कार्यों की प्रशंसा तो की ही है, साथ ही अन्य दो विपक्षी सांसदों ने भी मोदी सरकार की तारीफ की है।
पीडीपी नेता मीर मुहम्मद फैयाज गुलाम नबी आजाद के बाद पीएम मोदी की प्रशंसा करने में सबसे आगे रहे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ में खूब कसीदे पढ़े और कहा, “हमारे यहां जो महिलाएं थी वह पहले जंगलों से लकड़ी लेकर आती थीं, लेकिन आज उनके घरों में भी गैस है। मैंने देखा है, जब मैं म्युनिसिपल कमिटी का चेयरमैन था तो उस वक्त साल में 5 लाख रुपए मिलते थे, अभी जब मैं लोगों से पूछता हूं तो वे कहते हैं कि 5 करोड़ रुपए मिलते हैं, जो हुआ वो कहना चाहिए।”
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जम्मू कश्मीर के एक अन्य पीडीपी सांसद नजीर अहमद ने अनुच्छेद-370 के हटने पर दुख तो जताया लेकिन फिर ये भी कहा कि पीएम मोदी समेत पूरी सरकार को कश्मीर के विकास पर जोर देना चाहिए। उन्होंने अपनी पार्टी का ध्यान रखते हुए राजनीतिक बात तो की लेकिन फिर अपनी बातों में ये जाहिर कर दिया कि उनके लिए भी कश्मीर के विकास से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं हैं।
जम्मू-कश्मीर को लेकर गुलाम नबी आजाद ने साफ कहा कि राजनीतिक हितों से इतर प्रधानमंत्री के पास जब भी कश्मीर के हित का कोई प्रस्ताव जाता था तो वो बिना किसी देरी के उस पर काम करने के आदेश जारी कर देते थे। उनका ये बयान दिखाता है कि मिशन जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री हद से ज्यादा संवेदनशील हैं।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से सभी विपक्षी पार्टियां बीजेपी समेत मोदी सरकार के विरोध में खड़ी थीं। इसके इतर जब राज्य सभा में पीडीपी के सांसदों ने कश्मीर के लिए किए गए मोदी सरकार के कार्यों को गिनाया तो साबित हो गया कि कश्मीर प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की पहली प्राथमिकता है और उसके लिए वो दलगत राजनीति को हमेशा ही परे रखेंगे।