“वो चीन को एकजुट किए हुए है” उइगर मुसलमानों पर जिनपिंग के नरसंहार को बाइडन सही ठहरा रहे हैं

जिनपिंग से इतना डरते हैं US के राष्ट्रपति बाइडन?

चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर नरसंहार की कहानी पूरी दुनिया को पता है। ट्रम्प प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर शिनजियांग में नरसंहार के खिलाफ कार्रवाई की थी। लेकिन बाइडन प्रशासन ने नरम रुख अपनाते हुए नरसंहार के टैग की समीक्षा करने के लिए कहा है। अब एक कदम आगे निकलते हुए बाइडन ने इस जनसंहार को तर्क के सहारे वैधता देने की कोशिश की।

सीएनएन टाउन हॉल के Wisconsin में बोलते हुए, राष्ट्रपति बाइडन शिंजियांग में शी जिनपिंग के अत्याचारों का स्पष्टीकरण देते हुए उसे वैध बताने की कोशिश करने लगे हैं। उन्होंने कहा, “चीनी नेताओं, यदि आप चीनी इतिहास के बारे में कुछ भी जानते हैं, तो यह हमेशा से रहा है – जब वे अपने देश पर एकजुट नहीं थे तभी वे बाहरी दुनिया के शिकार हुए है।”

उन्होंने कहा, “शी जिनपिंग का केंद्रीय सिद्धांत यह है कि चीन को एकजुट रखने के लिए उसपर कड़ा नियंत्रण करना। वह जो करते है उसके लिए अपने तर्क का इस्तेमाल उसी आधार पर करते हैं। मैं उनकी ओर इशारा करता हूं और बताना चाहता हूं की कोई भी अमेरिकी राष्ट्रपति, राष्ट्रपति नहीं है यदि वह अमेरिका के मूल्यों को प्रतिबिंबित नहीं करता है, और इसलिए मैं इस पर नहीं बोलूंगा कि वे हांगकांग में क्या कर रहे हैं, या पश्चिमी पहाड़ों में उइगर के साथ कर क्या रहे हैं, या ताइवान में।”

यानी कुल मिलाकर बाइडन यह कहना चाह रहे हैं कि चीन को बाहरी दुनिया से खतरा है और वे उस खतरे को अपनी घरेलू गलती के आधार पर ही समझते हैं। शिंजियांग के लोग चीनी हान से अलग है इसलिए चीन को लगता है कि वे खतरा है।इसका यह अर्थ तो नहीं कि उनके उइगर मुसलमानों के उन्मूलन करने या उन्हें Re Education कैंप में डाल कर हान चीनियों जैसा ही बनाने की आवश्यकता है?

क्या सांस्कृतिक समरूपता की आवश्यकता इतनी तीव्र है कि नरसंहार को उचित ठहराया जा सकता है?  इसके अलावा,  बाइडन उन अत्याचारों को स्वीकार करते हैं और वह सिर्फ इसी तथ्य के आधार पर उनकी आलोचना करते है कि वह अमेरिका के राष्ट्रपति है और उन्हें इसकी आलोचना करने की आवश्यकता है। इसलिए नहीं कि वह उन अत्याचारों का विद्रोह करते है या गलत समझते है।

अगर वह पर्याप्त नहीं है, तो वह एक और औचित्य को जोड़ते हैं। वह कहते हैं, “सांस्कृतिक रूप से प्रत्येक देश में अलग-अलग मानदंड हैं और उनके नेताओं का पालन करना होता है।”  यानी बाइडन के अनुसार, सत्ता पर पकड़ और नरसंहार कर राष्ट्र को एकजुट करने का तर्क देना चीन में एक सांस्कृतिक आदर्श है?

नरसंहार और अत्याचार को उचित बताने की घटना 1933 के बाद पश्चिमी यूरोप में हुई। जर्मनी का एक चांसलर सत्ता में आया और सबसे बड़े संस्थागत नरसंहार में से एक के लिए जिम्मेदार बना।

ये भी पिछले बयान के अनुसार ही है, जो बाइडन ने शी जिनपिंग को लेकर दिया था। उन्होंने कहा था, शी जिनपिंग के शरीर में लोकतंत्र की एक भी हड्डी नहीं है। हालांकि, फिर बाइडन ने यह कह दिया था कि इसका अर्थ आलोचना के रूप में नहीं था। अब इससे तो यही लगता है कि वो शी जिनपिंग की आलोचना नहीं करना चाहते, या कर नहीं सकते।

अब यह सवाल उठना आवश्यक है कि क्या बाइडन चीनी इशारों पर नाचने लगे है? क्या उनके बेटे के व्यापारिक संबंध अत्याचारों की खुली आलोचना करने के फैसले को प्रभावित कर रहें है?

आखिर ऐसा क्या कारण हो सकता है कि एक व्यक्ति जो संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे सबसे शक्तिशाली देश का राष्ट्रपति है वह खुलेयाम हो रहे नरसंहार की आलोचना करने के बजाय उसे तर्कों के सहारे वैधता प्रदान कर रहा है?

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