सांप्रदायिक हिंसा का शिकार हुआ एक और हिंदू परिवार, मारपीट के साथ जमकर की गई तोड़फोड़
अगर 21वीं सदी में भी बिना मर्ज़ी या दूसरे समुदाय में विवाह कर लेने से लोग हिंसा पर उतार आते हैं तो उस समाज के लोगों के अंदर समस्या है। ऐसी ही एक समस्या का सामना करना पड़ा है दिल्ली के सराय काले खां निवासी हिंदू परिवार को। यहां पर एक हिंदू लड़के ने मुस्लिम लड़की के साथ शादी कर ली। मामले की जानकारी होने पर मुस्लिम समुदाय के लोग हिंसा पर उतर आए और पूरे इलाके में जमकर तोड़- फोड़ की, जिसकी वजह से वहाँ की निवासियों को चोटें आईं हैं और उनकी संपति को भारी नुकसान भी हुआ है।
पैरामिलिट्री फोर्स ने हालात पर किया काबू
दरअसल मामला यह है कि दिल्ली के सराय काले खां निवासी 22 वर्षीय हिंदू (दलित) व्यक्ति ने एक मुस्लिम महिला के साथ शादी कर ली, जिससे नाराज़ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इलाके में घुस कर जमकर तोड़फोड़ और हिंसा की। इस दौरान इलाके में स्थिति इतनी खराब हो गई है कि पैरामिलिट्री फोर्स को मौके पर पहुंचकर हालात पर नियंत्रण करना पड़ा।
दिल्ली पुलिस ने दी जानकारी
दिल्ली पुलिस के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के हरिजन बस्ती में सराय काले खां में भीड़ द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय की महिला से शादी करने के लिए 22 वर्षीय हिंदू लड़के के घर पर कथित रूप से हमला करने के बाद सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।पुलिस ने आगे कहा,“यह घटना शनिवार रात को हुई, जब लगभग 15-20 लोगों ने इलाके में प्रवेश किया और हंगामा किया। वहीं घटना के मद्देनजर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।”
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क्या बोलीं DCPR.P Meena
मामले की जांच पड़ताल कर रहीं DCPR.P Meena ने कहा, “वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा घटनास्थल का दौरा किया गया। इस दौरान पता चला कि सुमित और खुशी दोनों बालिग हैं। महिला ने अपने माता-पिता की इच्छा के खिलाफ शादी कर ली थी। भीड़ में महिला के रिश्तेदार और परिचित भी शामिल थे।”
सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई वारदात
इलाके में लगे CCTV कैमरा के अनुसार, भीड़ बहुत गुस्से में नज़र आ रही है, जो इलाके में अफरा- तफरी मचा रही है और रास्ते पर खड़ी गाड़ियों को तोड़ रही है। घरों के दरवाज़ो को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं और यह भी देखा गया है कि 3-4 लोगों को चोट भी लगी है।
सराय काले खां के निवासियों के मुताबिक हमलावर अभी भी खुले में घूम रहे हैं। उनके ऊपर अभी तक किसी भी प्रकार की पुलिस कारवाई नहीं की गई है।
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महिला ने मर्जी से की थी शादी
आपको बता दें कि, 17 मार्च को इन दोनों ने शादी की थी, जिसके बाद महिला के परिवार वालों ने महिला के लापता होने का FIR दर्ज कराई थी। जब पुलिस मामले की तह तक गई तो पता चला कि महिला ने अपनी मर्जी से शादी की थी और इस दौरान लड़का- लड़की दोनों बालिग थे। पुलिस ने महिला और पुरुष (खुशी और सुमित) को जाने के अनुमति दे दी।
सुमित की माँ इस घटनाक्रम से सदमे में हैं। उन्होने कहा,“मेरे बेटे ने एक मुस्लिम लड़की से शादी की। वे [महिला का परिवार] इसके खिलाफ थे। उन्होंने हमें गाली दी और कहा कि वे हमें यहां नहीं रहने देंगे। हमें शनिवार को थाने बुलाया गया था,लेकिन जब हम पुलिस स्टेशन से लौटे, तो उन्होंने यहाँ हंगामा खड़ा कर दिया था।ख़ुशी ने यहां तक कहा कि वह शादी से खुश है फिर भी यह घटना हुई,हम सभी इस घटना से काफी ज्यादा डरे हुए हैं”
गंगा– जमुनी तहजीब के विपरीत है हकीकत
हमारे देश में Liberal मीडिया हमेशा दलित और मुस्लिम समाज की कथित एकता दिखाने की कोशिश करते हैं।साथ ही गंगा– जमुनी तहजीब जैसी बातों की दलील देते हैं, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है। मुस्लिम हिंसा से सबसे ज्यादा नुकसान दलितों का ही होता रहा है,फिर चाहे सहारनपुर दंगो की बात हो या फिर पिछले साल हुए दिल्ली दंगो की। मुस्लिम हिंसामें सबसे ज्यादा कष्ट दलित समुदाय ही झेलता है।