राजस्थान से हाल ही में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। एक महिला के साथ एक थानेदार ने थाने में बर्बरता की सभी सीमाएँ लांघते हुए तीन दिन तक दुष्कर्म किया। लेकिन न तो इस घटना के बारे में कोई उल्लेख किया जा रहा है, और न ही राष्ट्रीय मीडिया के लिए यह गंभीर विषय है।
हाल ही में अलवर से एक दिल दहलाने वाली खबर सामने आई, जब एक महिला ने एक थानेदार और उसके सहायक पर तीन दिन तक थाने में दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। ये घटना राजस्थान के अलवर जिले के खेड़ली थाने की है। यहाँ ये महिला अपने पति के विरुद्ध हिंसा के संबंध में शिकायत दर्ज कराने आई थी।
लेकिन थाने में महिला को न सिर्फ बंधक बनाया गया, बल्कि तीन दिन तक पुलिस थाना परिसर में ही स्थित थानेदार राम सहाय और उसके सहायक, सब इंस्पेक्टर भरत सिंह ने दुष्कर्म किया। जब ये बात सामने आई, तो अलवर प्रशासन को खेड़ली थाने में तैनात सभी अफसरों के विरुद्ध कड़े कदम उठाने पड़े।
अलवर की एसपी तेजस्विनी गौतम के अनुसार, राजस्थान के अलवर जिले में इतनी बड़ी घटना हो गई, और आरोप प्रत्यारोप तो छोड़िए, ये राष्ट्रीय मीडिया के एक धड़े के लिए गंभीर समस्या भी नहीं है। अब इस मामले में देश के सभी विपक्षी नेता और वामपंथी मीडिया के जुबान ताला लगा हुआ है, और राज्य सरकार पर कोई सवाल नहीं उठाये जा रहे हैं।
यही मीडिया कठुआ कांड में सारे तथ्य स्पष्ट न होने पर भी सनातन धर्म को अपनी निजी अदालत में दोषी ठहरा चुके थे। यही मीडिया हाथरस में दुष्कर्म पीड़िता के पिता को गोली मारे जाने पर आरोपी की पहचान न उजागर होने तक राज्य सरकार को जमकर कोस रहे थे। लेकिन राजस्थान से ऐसी घटना सामने आने पर मीडिया की चुप्पी शर्मनाक है। इस मामले में महिला के साथ रेप हुआ परंतु एजेंडे को सुट नहीं करता इसलिए इसपर कोई चर्रा नहीं हो रही है।
यही दोहरा मापदंड एक प्रमुख कारण है कि आज देश की मीडिया की विश्वसनीयता रसातल में है। एक दुष्कर्म की घटना को दिखाना, और दूसरे मामले को महत्व नहीं देना शर्मनाक है, ये न सिर्फ भारत के वामपंथी मीडिया के दोगलेपन को उजागर करता है, बल्कि ये भी सिद्ध करता है कि अपने हितों के लिए यह प्राकृतिक आपदाओं में भी मोलभाव करेंगे।