चीन की बढ़ती आबादी के बीच अब वहाँ की सरकार ने दोबारा अपने यहाँ Retire होने की उम्र को बढ़ाने का फैसला लिया है। चीनी सरकार ने वर्ष 2012 में भी सेवानिवृत्ति की उम्र को बढ़ाने का फैसला लिया था लेकिन तब लोगों के गुस्से के कारण चीनी सरकार इसे लागू नहीं कर पाई थी। अब करीब 9 वर्षों बाद दोबारा चीनी सरकार इस योजना के साथ सामने आई है। हालांकि, विरोध इस बार भी कुछ कम नहीं है। उसके बावजूद चीन में बूढ़ों की बढ़ती संख्या और नौजवानों की घटती संख्या ने चीनी सरकार को इस योजना के साथ आगे बढ़ने पर मजबूर कर दिया है। यह One-Child नीति का एक और दुष्परिणाम है कि चीन में अब नौजवानों के अभाव में बुजुर्गों पर काम का अधिक बोझ डाला जा रहा है, जिसके नतीजे में चीनी कर्मचारियों की प्रभावशीलता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना ज़ाहिर है।
बता दें कि चीन में पुरुषों के लिए मौजूदा सेवानिवृत्ति उम्र 55 से 60 साल है, जबकि महिलाओं के लिए यह 50 से 55 साल है। अब चीनी सरकार ने कहा है कि वह अपनी पंच-वर्षीय आर्थिक नीति के तहत आने वाले कुछ सालों में धीरे-धीरे Retire होने की उम्र को बढ़ती चली । चीन में पिछले करीब चार दशकों से सेवानिवृत्ति की उम्र को बढ़ाया नहीं गया है, लेकिन इस बार भी सरकार के इस फैसले के बाद लोगों में गुस्से की लहर देखने को मिल रही है। चीन के नौजवान सरकार पर इसलिए भड़के हैं कि उनसे रोजगार के अवसर छिन जाएंगे जबकि सेवानिवृत्ति उम्र के नजदीक पहुंचे लोग इसलिए परेशान हैं क्योंकि उन्हें पेंशन स्कीम का फायदा मिलने में कुछ और सालों की देरी का सामना करना पड़ेगा।
One Child Policy के कारण चीन में रोजगार के लायक नौजवानों की कमी होती जा रही है। समस्या इतनी गंभीर है कि चीनी सेना यानि PLA को भी अपने लिए नए सैनिक ढूंढने में मशक्कत करनी पड़ रही है। 60 के दशक के आसपास चीन में baby boom देखने को मिला था, जिसके कारण अब करीब 60 वर्षों बाद चीन में तेजी से बुज़ुर्ग बढ़ते जा रहे हैं। वर्ष 2050 तक चीन में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या 48 करोड़ 70 लाख होने का अनुमान है। वर्ष 2017 के आखिरी तक चीन में कुल आबादी का करीब 17 प्रतिशत हिस्सा पहले ही 60 वर्ष की आयु को पार कर चुका था।
अब चीनी सरकार चाहती है कि कैसे भी करके लोगों की बढ़ती आयु के नकारात्मक प्रभाव चीन की आर्थिक प्रगति पर पड़ने से रोके जाएँ। ऐसे में चीनी सरकार ने आने वाले कुछ सालों के दौरान Retirement उम्र को बढ़ाने का फैसला लिया है। इस कदम से चीनी सरकार की मंशा यह है कि अधिक से अधिक लोगों को Workforce में शामिल किया जाये और elderly dependence ratio को बढ़ने से रोका जाये। वर्ष 2035 तक चीन में elderly dependence ratio 33 प्रतिशत तक पहुँचने का अनुमान है। इसका अर्थ यह है कि वर्ष 2035 तक चीन में हर तीन में से केवल 2 व्यक्ति ही काम करने के लायक होंगे।
हालांकि, Retirement उम्र बढ़ाने से इसके कई नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। पहला और सबसे ज़्यादा खतरनाक प्रभाव तो यह है कि इससे चीनी जनता में चीनी सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ सकता है। जिस प्रकार लोगों ने वर्ष 2012 में चीनी सरकार को अपने हाथ वापस पीछे खींचने पर मजबूर कर दिया था, उसी प्रकार अब वे दोबारा यही कोशिश करना चाहेंगे जिससे चीनी समाज में तनाव बढ़ेगा। इसी के साथ-साथ चीनी कर्मचारियों की प्रभावशीलता भी कम होने का अनुमान है। अगर अधिक आयु के कर्मचारी चीनी Workforce में शामिल होंगे तो ज़ाहिर है ना सिर्फ इससे उत्पादन का खर्चा बढ़ेगा बल्कि इससे उत्पादन क्षमता भी कम होगी और गुणवत्ता भी! ऐसे में Retirement उम्र बढ़ाने का फैसला चीनी अर्थव्यवस्था के लिए किसी वरदान से ज़्यादा अभिशाप साबित हो सकता है।