अब श्रीराम की महिमा भारत में ही नहीं, दुनिया के कोने कोने में गाई जाएगी। योगी सरकार ने घोषणा की है कि, अब रामायण की वैश्विक Encyclopedia जल्द ही जारी की जाएगी। इस विषय पर 2020 में ही सरकार ने इशारा किया था, लेकिन अब इसपर उत्तर प्रदेश प्रशासन की आधिकारिक मुहर लग चुकी है। शनिवार (मार्च 6, 2021) को रामायण पर ई-पुस्तक फॉर्मेट में ग्लोबल Encyclopedia को आधिकारिक रूप से लॉन्च किया।
यह पुस्तक अयोध्या शोध संस्थान द्वारा तैयार की गई है। इसे लॉन्च करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, “रामायण, महाभारत और अन्य हिंदू महाकाव्य सबसे अच्छा जीवन सबक देते हैं और यह एक बेहतर भारत की कल्पना करने में मदद करेंगे।” उनके अनुसार, “ग्लोबल Encyclopedia ऑफ रामायण प्रकृति और परमात्मा के समन्वय को दर्शाने का कार्य करेगा। यह विज्ञान और अध्यात्म के अनेक अनछुए पहलुओं को जानने का अवसर भी प्रदान करेगा।”
मुख्यमंत्री ने आगे यह भी कहा, “मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने भगवान विष्णु के साक्षात अवतार होने के बावजूद मानवीय मर्यादाओं के अंदर अपनी पूरी लीलाओं को रचा। प्रभु श्री राम की यह महानता थी कि उन्होंने सामान्य मनुष्य की भाँति कष्टों को सहते हुए मानवीय मर्यादाओं का पग-पग पालन किया।”
एक समय था जब श्रीराम के लिए नारा लगाने वालों को गोलियों से भून दिया जाता था। लेकिन आज के उत्तर प्रदेश में रामायण को न सिर्फ उसका उचित स्थान मिला है, अपितु श्रीराम जन्मभूमि परिसर के पुनरुत्थान का कार्य पूरे जोर शोर से जारी है। इसी परिप्रेक्ष्य में योगी आदित्यनाथ ने श्री राम का अपमान करने वालों पर तंज कसते हुए कहा, “अभी भी कुछ लोग हैं, जो अयोध्या में भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं। हालाँकि, ऐतिहासिक तथ्यों से इनकार नहीं किया जा सकता है। याद करिए 1990 के दशक के प्रारंभ में कुछ लोग उत्तर प्रदेश में भी जय श्री राम का विरोध करते थे, आज उनकी दुर्गति देश भी देख रहा है और दुनिया भी देख रही है। और यह आज से नहीं, रामायण काल से हो रहा है। जो लोग राम के खिलाफ हैं उन्हें कहीं भी जगह नहीं मिलती।”
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक बार फिर उत्तर प्रदेश प्रशासन ने रामायण पर आधारित वैश्विक Encyclopedia को बढ़ावा देकर सनातन संस्कृति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है।