लगता है अब केवल पी. चिदंबरम ही नहीं, बल्कि उनके सुपुत्र कार्ति चिदंबरम भी उनके साथ जेल जाने वाले हैं। INX मीडिया मामले में पैसों की धांधली को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि दोनों के अपराध छुपाये नहीं जा सकते और दोनों के खिलाफ भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त रहने के मामले में चार्जशीट भी दाखिल की गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय यानि ED के पास इतने साक्ष्य हैं, जिससे वह बिना किसी संकोच के चिदंबरम परिवार, विशेषकर पी. चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम पर मुकदमा कर सकते हैं। शायद इसीलिए दिल्ली के जिला न्यायालय ने दोनों को INX मीडिया मामले में हाल ही में सम्मन भी जारी किया है।
प्रवर्तन निदेशालय की चार्ज शीट के अनुसार, “निदेशालय के पास इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि कार्ति चिदंबरम और पी चिदंबरम दोनों मनी लौंड्रिन्ग में लिप्त हैं। आपराधिक साजिश के अंतर्गत INX मीडिया द्वारा लगभग 3.08 करोड़ रुपये का भुगतान M/s Advantage Strategic Consulting Pvt Ltd (ASCPL) एवं M/s Kriya FMCG Distributors Pvt Ltd (Kriya) and M/s CBN Placement and Management Centre (CBNPMC) नामक शेल कंपनियों को 2007 से 2008 के दौरान किया गया था, जिसके मालिक कार्ति चिदंबरम थे। ये भुगतान SpanFibre and M/s Satyam Fibre (India) Pvt Ltd (Satyam Fibre) कंपनियों के जरिए किया गया था”
इस चार्जशीट के आधार पर दिल्ली कोर्ट के न्यायाधीश ने कहा, “इन घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए हमारे पास इतना साक्ष्य हैं कि याचिका में दर्ज सभी 10 अभियुक्तों को हम सम्मन कर जारी सकें, जिनमें से छः अभियुक्त तो कंपनियां हैं और इन पर धारा 3 एवं section 70 of the PMLA, के अंतर्गत कार्रवाई हो सकती है”।
ये INX मीडिया का मामला है क्या ? 2016 में शीना बोरा हत्याकांड से जिस धाँधलेबाज़ी की कहानी सामने आई, उसमें ये भी सामने आया कि कैसे इस मीडिया कंपनी के कार्ति चिदंबरम के साथ घनिष्ठ संबंध थे और कैसे इन्हे FDI प्रपोज़ल दिलवाने के लिए बतौर वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग किया था।
इन तथ्यों के सामने आने के बाद सीबीआई ने 2017 में विदेशी निवेश के अधिनियमों का उल्लंघन करने के आरोप में चिदंबरम के खिलाफ केस दर्ज किया, जबकि 2019 आते आते प्रवर्तन निदेशालय ने भी धाँधलेबाज़ी के चलते पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इसी के चलते 2019 में पहले कार्ति चिदंबरम और फिर पी चिदंबरम को हिरासत में लिया गया था। इस समय बाप-बेटा दोनों ही जमानत पर हैं।
अब जिस प्रकार से प्रवर्तन निदेशालय के चार्जशीट के आधार पर जिला न्यायालय दिल्ली को चिदंबरम परिवार को सम्मन करने के लिए विवश होना पड़ा है, इससे इतना तो स्पष्ट है कि पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के लिए आगे की राह आसान नहीं होने वाली, इसीलिए पिछले कुछ दिनों से दोनों बाप-बेटा हाय तौबा मचाते हुए दिखाई दे रहे हैं। वो कहीं लोकतंत्र की हत्या का रोना रो रहे हैं, तो कहीं पर वो तमिल समुदाय के सम्मान की आड़ में भाजपा को निशाना बना रहे हैं।
चिदंबरम महोदय इस बात का जवाब आज तक नहीं दे पाए कि, उनके INX मीडिया में निवेश 6.5 करोड़ से 66 करोड़ कैसे हो गया? उनके और कार्ति चिदंबरम के ऊपर जो आरोप लगे हैं, वो कोई मामूली आरोप नहीं है। अगर ये आरोप सिद्ध होते हैं तो दोनों का जेल जाना तय है, जिसे चिदंबरम परिवार तो क्या, खुद 10 जनपथ भी नहीं रोक पाएगा।