पिछले वर्ष मई में गलवान घाटी हिंसा के दौरान चीन ने अपने करीब 60 सैनिकों की जान गंवाई थी। इस घटना को घटित हुए अभी 1 साल पूरा होने को आया है, लेकिन चीन के ये पुराने घाव अभी तक भरे नहीं हैं। शायद यही कारण है कि अब चीनी सरकार ने अपने नए कानून के तहत Internet पर चीन के सैनिकों की मौत से जुड़ी किसी भी खबर पर चर्चा करना गैर-कानूनी घोषित कर दिया है। आसान भाषा में कहें तो अब चीनी नागरिकों के पास यह जानने का अधिकार नहीं है कि किसी भी सैन्य भिड़ंत में चीन के कितने सैनिक मारे गए! अगर कोई भी चीनी नागरिक ऐसा करता है तो उसे तीन साल की जेल की सज़ा भुगतनी पड़ सकती है।
अब बड़ा सवाल यहाँ यह उठता है कि आखिर चीनी सरकार को ऐसा कदम क्यों उठाना पड़ा? दरअसल, फरवरी महीने में चीन ने गलवान घाटी में मारे गए सैनिकों की सूची जारी की थी और यह स्वीकार किया था कि उसके सिर्फ चार सैनिक ही मारे गए हैं। हालांकि, इसके बाद चीनी लोगों में काफी गुस्सा देखने को मिला था। चीनी लोग चीनी सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों पर सवाल उठा रहे थे। चीनी सरकार ने कहा था कि अपने साथियों को बचाने की कोशिश में चीन के चार सैनिक शहीद हो गए। इसपर एक प्रभावशाली चीनी Weibo यूजर ने सवाल उठाते हुए लिखा था कि “अगर अपने साथियों को बचाते हुए चार सैनिकों की मौत हुई तो फिर ऐसे भी कई सैनिक होंगे जिनको ये सैनिक नहीं बचा पाये होंगे, ऐसे में मौत का आंकड़ा सिर्फ चार कैसे?।”
Weibo पर ढाई मिलियन फोलोवर्स वाले इस शख्स के account को पहले तो चीनी सरकार ने सस्पेंड कर दिया और अब नए कानून के तहत “चीन के शहीद सैनिकों का अपमान करने के जुर्म” में इस व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा रहा है और अगर इसके खिलाफ दोष सिद्ध होते हैं तो इसे तीन सालों के लिए जेल की सज़ा भी हो सकती है। चीनी सरकार ने अपने यहाँ नए कानून को 1 मार्च से लागू किया है। इससे पहले चीनी सरकार ने वर्ष 2018 में एक कानून बनाया था, जिसके तहत Internet पर सेना के अपमान करने वालों के खिलाफ पुलिस जांच तो कर सकती थी लेकिन उस कानून के तहत किसी को जेल की सज़ा देने का प्रावधान नहीं था। अब चीनी सरकार को उम्मीद है कि नए कानून के लागू होने के बाद चीनी लोग भविष्य में किसी भी झड़प की सूरत में चीनी सरकार और PLA से मरने वाले सैनिकों की जानकारी नहीं मांग पाएंगे।
पिछले कुछ महीनों में चीनी सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिसके बाद चीनी सेना और चीन के दुश्मनों के बीच किसी सैन्य झड़प के आसार काफी बढ़ गए हैं। दक्षिण चीन सागर में दुश्मनों से निपटने के लिए चीनी सरकार ने अपनी कोस्ट गार्ड को “ओपन फायर” करने की छूट दे दी है, जिसके बाद आशंका जताई जा रही है कि फिलीपींस, वियतनाम और जापान जैसे देशों के साथ चीन का तनाव कई गुना बढ़ सकता है। इसके साथ ही चीन ताइवान के खिलाफ आक्रामकता बढ़ा चुका है। ऐसे में अगर किसी भी मौके पर किसी सैन्य झड़प के दौरान चीनी सैनिकों की मौत होती है तो चीनी सरकार नहीं चाहती कि उसे अपने नागरिकों को उसका जवाब देना पड़े! ऐसे में भविष्य में अपने लोगों को CCP पर भड़ास निकालने का मौका न देने के लिए ही चीनी सरकार अब यह नया कानून लेकर आई है।