जब नवंबर 2020 में योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में लव जिहाद कानून लेकर आए थे तो देश के वामपंथियों और लिबरल मीडिया ने इसका पुरजोर विरोध किया। आज लव जिहाद का मामला केवल उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं रहा। अब यह मुद्दा वामपंथियों के गढ़ केरल में भी चर्चा का विषय बन चुका है। बता दें कि, केरल कांग्रेस(M) के प्रमुख Jose K. Mani ने कहा है कि केरल में बढ़ते लव जिहाद के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है, और लव जिहाद मामले में जांच करना भी आवश्यकता है।
और पढ़ें –लव जिहाद अब मुख्यधारा का मुद्दा है, अब इस मुद्दे पर चर्चा बेहद जरूरी है
The Print, को दिए गए एक इंटरव्यू में, Mani, ने कहा,” अभी कुछ लव जिहाद के मामले सामने आए है, और इसको गंभीरता से लेने की जरूरत है, अगर ऐसा कुछ हो रहा है तो उसको देखना जरूरी है”
अगर हम लव जिहाद की परिभाषा पर जाए तो, लव जिहाद मुसलमान लड़कों का धोखाधड़ी का चला है, जिसमें वो गैर मुस्लिम लड़कियों को अपने प्यार के झांसे में बहला फुसलाकर उससे शादी कर लेते है, फिर लड़की का धर्म परिवर्तन कर देते है। परिभाषा में गैर मुस्लिम लड़कियो पर जोर देने की जरूरत है क्योंकि अब तक सभी को लगता था लव जिहाद का शिकार केवल हिंदू लड़कियां ही होती लेकिन ऐसा नहीं है, बल्कि ईसाई, सिख की लड़किया भी इसकी शिकार होती है।
यह बात भाजपा बहुत अच्छे से जानती है, इसीलिए केरल में भाजपा हमेशा से लव जिहाद का मुद्दा उठाती रही है। मेट्रो मैन ई श्रीधरन ने हालिया में जब भाजपा का दामन धामा, उन्होंने सबसे पहले केरल में हो रहे लव जिहाद का मुद्दा को उठाया क्योंकि केरल में लव जिहाद केवल हिंदु लड़कियों के साथ नहीं होता बल्कि ईसाई लकड़ियां भी लव जिहाद का शिकार बनती आ रही है।
इस मामले का गंभीरता किस हद तक है, इसका अनुमान आप दो घटनाक्रम से लगा सकते है। पहला तो यह कि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पूर्वी catholic church, Syro-Malabar Church ने आधिकारिक बयान देते हुए कहा था कि केरल में लव जिहाद की वजह से ईसाई लड़कियों को टारगेट करके मारा जा रहा है। आज केरल में इसाई की जनसंख्या 19 प्रतिशत है।
दूसरा यही कि आज से दो महीने पहले, केरल के Church के बहुत सारे प्रतिनिधि, जिसमें archbishop भी शामिल थे, ने प्रधानमंत्री मोदी से मिले थे और केरल में हो रहे है लव जिहाद के मुद्दे को भी उठाया था। जब इसाई धर्म गुरुओं प्रधानमंत्री से मिलने के बाद लव जिहाद पर बात करने पर मजबूर हो गए तो आप अनुमान लगा सकते की यह मामला कितना गंभीर है और कितना ज्यादा ज़रूरी है। साथ ही आप यह भी कह सकते है कि इसाई धर्मगुरुओं को पीएम मोदी से ही इस समस्या का समाधान की उम्मीद है।
अगर हम इस मुद्दे को राजिंतिक दृष्टिकोण से देखे तो यह साफ संदेश मिल रहा है कि, केरल में भाजपा को न ही केवल ही हिंदू वोटों में बढ़त मिलेगा, जबकि इसाई के वोटों में भी बढ़त की उम्मीद है। इसका कारण है भाजपा ने लव जिहाद को हमेशा बड़े परिप्रेक्ष्य में देखा है और यह बताया है कि लव जिहाद केवल हिंदुओं के लिए नहीं बल्कि अन्य सभी धर्म के लिए खतरा है। साथ ही में, केवल धर्म के लिए खतरा नही बल्कि पूरे इंसानियत के लिए खतरा बताया है।
और पढ़े- इसे भी दक्षिण पंथ की उपज कहोगे – अब मेट्रो मैन ई श्रीधरन ने उठाया लव जिहाद पर सवाल
अब रही बात होने वाली केरल चुनाव की वहां हिंदुओं का पहले से ही भाजपा के प्रति झुकाव बढ़ते जा रहे है क्योंकी सबरीमाला मंदिर का मामला पर भाजपा का रुख हमेशा से साफ रहा है वहीं कांग्रेस का रुख साफ नहीं रहा, केंद्र में कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही बताया है ओर केरल में कोर्ट के फैसलों को गलत। कांग्रेस का पाखंड सबके सामने है। अब रही बात लेफ्ट की तो लेफ्ट हमेशा से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ खड़ी रही है। सबरीमाला मंदिर से हट कर, केरल सरकार कोरोना वायरस महामारी में भी पूरे तरह से विफल साबित हुई है।
लव जिहाद के मामलों पर सबसे ज्यादा सक्रिय भाजपा ही दिखी है। जो अभी तक केरल में यह सोच थी कि भाजपा केवल हिंदुओं के हक के लिए लड़ने वाली पार्टी है, अब वहां इसाई भी समझ गए होंगे भाजपा समस्त धर्मों की सुरक्षा और गरीमा के लिए खड़ी है।
ममM