देश के मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीला के बाहर खड़ी कार और उसमें रखे विस्फोटक से जुड़े केस को लेकर महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार के सीएम और शिवसेना नेता उद्ध ठाकरे पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मुद्दे पर क्राइम ब्रांच के अधिकारी सचिन वाझे को बचाने के सीधे आरोप उद्धव पर ही लग रहे हैं, विश्लेषकों का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा उन्हें राजनीतिक संरक्षण मिल रहा था। वहीं, इस मुद्दे पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस ने विधानसभा में उद्धव ठाकरे को ही घेर लिया था, और उनके वाझे के साथ संबंधों को लेकर बड़ा खुलासा किया था, जिसका नतीजा ये हुआ है कि इस मामले में अब उद्धव सरकार को सचिन वाझे के सिर से अपने संरक्षण के हाथ पीछे खींचने पड़े हैं और वाझे पर अब ताबड़तोड़ कानूनी कार्रवाई हो रही है।
मुकेश अंबानी के घर के बाहर खड़ी मनसुख हीरेन की कार और उनकी संदिग्ध हत्या को लेकर उनकी पत्नी ने सारा शक महाराष्ट्र पुलिस के क्राइम ब्रांच डिपार्टमेंट के अधिकारी सचिन वाझे पर जाहिर किया है। इस मामले में पहले महाराष्ट्र सरकार झोल करने की कोशिश कर रही थी और सचिन वाझे को बचाने का प्रयास कर रही थी, क्योंकि सचिन वाझे शिवसेना नेता और सीएम उद्धव ठाकरे के करीबी माने जाते हैं, लेकिन पूर्व सीएम औ बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस के आक्रामक रवैए ने उद्धव को घुटने पर ला दिया है।
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महाराष्ट्र विधानसभा में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की जमकर आलोचना की। उन्होंने प्रेस वार्ता में उद्धव ठाकरे और सचिन वाझे के बीच की घनिष्ठता को सबके सामने ला दिया है। उन्होंने कहा कि सचिन वाझे पहले कोर्ट के आदेश के चलते ड्यूटी पर नहीं था जिसे वापस लाने की बात लगातार शिवसेना कर रही थी।उन्होंने कहा, “लेकिन जब मैं मुख्यमंत्री था और गृह विभाग मेरे पास था तो, शिवसेना के मेरे सहयोगी चाहते थे कि वाझे को बहाल किया जाए। मैंने महाधिवक्ता से सलाह ली, जिन्होंने कहा कि निलंबन खत्म करना उचित नहीं है। पिछले साल एमवाईए सरकार ने कोविड-19 के बीच पुलिस बल में अधिकारियों की कमी का हवाला देकर वाजे को बहाल कर दिया।”
मनसुख हीरेन और सचिन वाझे से जुड़े हुए केस को लेकर फडणवीस ने कहा, “अब उन पर एक घटना को अंजाम देने का आरोप है, जिसके वह जांच अधिकारी थे।।” एक दिलचस्प बात ये भी है कि एनआईए ने मनसुख हीरेन की मौत से जुड़े मामले और संदिग्ध कार के मसले पर अब वाझे को गिरफ्तार कर लिया है जिसके बाद अब मुंबई पुलिस ने भी सचिन वाझे को सस्पेंड कर दिया है। महाराष्ट्र पुलिस ने उस सचिन वाझे को पद से हटाया है, जिसका कल तक सीएम उद्धव ठाकरे खुद समर्थन कर रहे थे।
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एनआईए द्वारा गिरफ्तारी के बाद अब फडणवीस ने एक बार फिर उद्धव ठाकरे को निशाने पर लिया है। वहीं, इस मुद्दे पर बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा, “यह शर्मनाक है कि कल तक राज्य के मुख्यमंत्री जिस पुलिस अधिकारी का बचाव कर रहे थे। उन्हें एनआईए ने आतंकवाद की साजिश के मामले में गिरफ्तार किया है। शिवसेना उस व्यक्ति का समर्थन कर रही है, जो उद्योगपतियों को नुकसान पहुंचाना चाहता है और शांति भंग करना चाहता है।”
उद्धव ठाकरे के इशारे पर ही मुंबई पुलिस ने सचिन वाझे को सस्पेंड किया है, जबकि सचिन उनके बेहद करीबी लोगों में शामिल थे। सचिन वाझे वही पुलिस अधिकारी हैं, जो कि रिपब्लिक टीवी के पत्रकार अर्नब गोस्वामी वाले केस में मुख्य भूमिका निभा रहे थे। सीधे शब्दों में ये कहा जा सकता है कि वाझे अर्नब बनाम उद्धव की उस जंग में उद्धव के प्यादे थे। दरअसल, देवेन्द्र फडणवीस के उद्धव और सचिन के संबंधों के खुलासे के बाद से ही उद्धव असहज हो गए थे, वरना वो इस मुद्दे पर आनन-फानन में इतना बड़ा फैसला न लेते। इस फडणवीस ने उन्हें पूर्णतः विवश कर दिया है, जिसका नतीजा ये है कि अब उद्धव के करीबी सचिन वाझे सलाखों के पीछे हैं।