ताईवान को अपनी ताकत का एहसास करवाने के लिए चीन ने उसपर प्रतिबंद्ध लगते हुए उसके अनानास के निर्यात पर रोक लगा दी। लेकिन चीन के इस फैसले का नतीजा यह हुआ की ताइवानी लोग और भी अधिक एकजुट हो गए। उन्होंने मात्रा चार दिनों में इतने अनानास खरीद लिए जितनी बिक्री सालभर में होती है।
यह पहला मौका नहीं है जब किसी देश ने चीन के आक्रामक व्यवहार का मुंहतोड़ जवाब दिया है। इसके पूर्व ऑस्ट्रेलिया ने भी इसी प्रकार चीनी प्रतिबंधों का सामना किया था और चीन को उसके आर्थिक शक्ति होने का जो घमंड है, उसे तोड़ा था।
इस समय चीन और ताइवान के सम्बन्ध बहुत तनावपूर्ण चल रहे हैं, चीन के लड़ाकू विमानों ने कई बार एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए ताइवान के एयरस्पेस में प्रवेश किया है। लेकिन जब सैन्य दबाव का ताइवान के रवैये पर असर नहीं पड़ा तो चीन ने आर्थिक मोर्चे पर चाल चलते हुए, ताईवान के अनानासों पर प्रतिबंध लगा दिया। पिछले हफ्ते शुक्रवार को लागू हुए प्रतिबन्ध का कारण चीन की ओर से यह बताया गया की अन्ननासों में कोई हानिकारक तत्व मिले हैं।
इसके जवाब में ताइवान के कृषि मंत्री Chen Chi-Chung ने कहा की यह एकतरफा कार्रवाई उन्हें अस्वीकार है। इसके जवाब में ताईवान के विदेशमंत्री जोशेप वू ने ट्विटर पर “फ्रीडम पाइनएप्पल” नाम से एक अभियान चलाया। इसके बाद ताइवान की राष्ट्रपति साई-इंग-वेन ने भी ट्विटर पर लोगों से अपील की कि वे उसी तरह ताइवान के अनानास खरीदें, जैसे ऑस्ट्रेलिया पर चीनी प्रतिबंद्ध के समय ऑस्ट्रेलिया के लोग वाइन खरीद रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति वेन की अपील के बाद ताइवान के अनानास उत्पादकों को 4 दिनों में ही विभिन्न e-commerce वेबसाइट, व्यापारियों और अन्य खरीदारों के जरिये 41,687 टन अनानास का प्री-आर्डर मिला, जबकि अनानास का सालाना व्यापार भी इससे बहुत कम रहता है। कृषि मंत्रालय के आकंड़े के अनुसार 180 कंपनियों ने 7187 टन, 19 कंपनियों ने 15000 टन, 14 बड़े शराब निर्माताओं ने 4500 टन, फुटकर विक्रेताओं ने 10000 टन और विदेशों से सीधे आयात के लिए 5000 टन की खरीद के लिए प्री आर्डर दिए गए हैं।
चीन को पिछले वर्ष 41661 मीट्रिक टन अनानास का निर्यात हुए था। इसकी कुल कीमत 1।5 बिलियन डॉलर की थी। इसी कारण चीन को उम्मीद थी की ताईवान को उसके कदम से भयंकर नुकसान होगा। लेकिन इसके उलटे परिणाम ही सामने आये और न सिर्फ ताइवान को संभावित नुकसान की भरपाई हुई बल्कि अब वह अपने उत्पाद के लिए दूसरे बाजार भी तलाश सकता है।
कनाडा और अमेरिका भी ताईवान के समर्थन में आये हैं। कनाडा के ताइवान स्थित ट्रेड ऑफिस के कर्मचारियों ने भी ताइवानी अनानास के साथ अपनी तस्वीरें डालीं और “फ्रीडम पाइनएप्पल” अभियान का समर्थन किया। अमेरिका के ट्रेड ओफ्फिकी ने भी #Pineapplesolidarity लिखकर तस्वीर पोस्ट की।
कोरोना को ठीक प्रकार से न संभल पाने के कारण पहले ही चीन की छवि को बट्टा लग चुका है। वह अपनी छवि सुधरने के संघर्ष में है। ऑस्ट्रेलयाई पत्रकार की गिरफ़्तारी, हांगकांग के समझौते का उल्लंघन, दक्षिण चीन सागर में आक्रामक व्यवहार, भारत के साथ सैन्य तनाव को बढ़ावा देना आदि के कारण पहले ही उसकी छवि एक गैरजिम्मेदार शक्ति की बन गई है। ऐसे में उसे अपनी छवि ठीक करने पर ध्यान देना चाहिए किन्तु चीन अपने सनकी शासक की मूर्खतापूर्ण नीतियों के कारण पूरी तरह अलग थलग पड़ रहा है।
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उसकी डेबट्रैप पालिसी ने पहले ही उसकी कंपनियों को अछूत बना दिया है, और अब दूसरे देशों पर आर्थिक प्रतिबंद्ध की कार्रवाई करके चीन उन्हें मजबूर कर रहा है की वह चीन से आर्थिक रिश्ते कम करें। यह सभी बातें अंततः चीन को ही नुकसान पहुंचाएगी।