सराय काले खां मामला: कैसे इस पूरी साजिश को सबीना नाम की एक युवती ने दिया अंजाम

पुलिस इस युवती की तलाश कर रही है!

(PC: Navoday Times)

सराय काले खां में जो हिंदुओं के विरुद्ध हिंसा भड़काई गई, अब उसमें सामने आया है कि इस पूरे प्रकरण के पीछे एक मुसलमान महिला का हाथ था, जो न सिर्फ अपनी सहेली द्वारा एक हिन्दू से विवाह करने से कुपित थी, बल्कि इसकी आड़ में वह हिंसा भी भड़काना चाहती थी। प्रारम्भिक जांच पड़ताल में सामने आया है कि पिछड़े वर्ग के हिन्दू लड़के से विवाह करने के पीछे मुस्लिम लड़की की भाभी की सहेली सबीना ने ही कट्टरपंथी मुसलमानों को हरिजन बस्ती जलाने के लिए भड़काया था। पुलिस ने सबीना नाम की सहेली की तलाश शुरू कर दी है।

जागरण की रिपोर्ट के अनुसार हरिजन समुदाय के सुमित से विवाह करने वाली खुशी की सहेली सबीना इस पूरे प्रकरण के पीछे थी। कहा जाता है कि विवाह के बाद यह सबीना ही थी जो सबसे अधिक क्रोधित थी और उसी ने पूरे हरिजन बस्ती को राख में परिवर्तित करने के लिए साजिश रची थी।

बता दें कि हरिजन समुदाय के एक लड़के सुमित ने हाल ही में खुशी अहमद नामक युवती से साकेत कोर्ट में प्रेम विवाह किया। इसे स्पष्ट तौर पर दोनों ने पुलिस स्टेशन में भी सिद्ध किया। लेकिन दिल्ली पुलिस की प्रारम्भिक जांच के अनुसार ये सामने आया है कि सबीना ने अपने इलाके में कई लोगों से बातचीत की और कट्टरपंथी मुसलमानों को हिंसा भड़काने के लिए उकसाया। फिलहाल सबीना फरार है और पुलिस उसकी तलाश में लगी हुई है।

दक्षिण पूर्वी दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा के अनुसार, “पुलिस के अनुसार महिला का परिवार इस रिश्ते के विरुद्ध है। हमारी जांच पड़ताल में ये सामने आया है कि सुमित और खुशी पर हमला करने जो भीड़ आई थी, उसमें प्रमुख तौर से महिला के रिश्तेदार और कुछ जान पहचान के लोग थे”। सुमित के पिता ने बताया कि जब उनके परिवार के विरुद्ध धमकियाँ आई, तो उन्होंने कुछ समय अपने रिश्तेदार के यहाँ बिताने की सोची, लेकिन इसके बावजूद उनके परिवार पर घातक हमला हुआ था।

इन रिपोर्ट्स से ये भी सामने आया है कि सबीना के सराय काले खां के सभी मुस्लिम परिवारों से अच्छे संबंध थे। धर्म के नाम पर वह लोगों को भड़काने के लिए काफी कुख्यात रही है। पहले भी एक मामूली लड़ाई को उसने सांप्रदायिक हिंसा में बदलने की कोशिश की थी।

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फिलहाल दिल्ली पुलिस ने आश्वासन दिया है कि पकड़े गए और भगोड़े अपराधियों पर एससी एसटी एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज होगा, और दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देशानुसार पुलिस सुमित और खुशी को हर प्रकार से सुरक्षा प्रदान कराई जाएगी, ताकि आने वाले दिनों में उनपर या सुमित के परिवार वालों पर दोबारा ऐसा हमला फिर न हो।

जिस प्रकार से एक प्रेम विवाह के पीछे कट्टरपंथी मुसलमानों ने जो उपद्रव मचाया, उससे सिद्ध हो जाता है कि कैसे ‘सेक्युलरिज्म’ के नाम पर हिंदुओं के आत्म सम्मान और उनकी जिंदगी को दांव पर लगाया जा सकता है। जिस प्रकार से नेशनल मीडिया को इस विषय पर सांप सूंघ गया है, वह चिंताजनक तो है, पर आश्चर्यजनक नहीं। अभी यही घटना के पात्र बदल दिए जाएँ, और ये हमला किसी हिन्दू ने किया होता तो फिर देखिए कैसे मीडिया से लेकर विपक्ष हाय तौबा मचाती।

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