अगर चीन ताइवान पर हमला करने की सोचेगा तो जापान चीन पर हमला कर देगा

ताइवान

जब जो बाइडन ने अमेरिका का प्रशासन संभाला तो सबसे पहले उन्होंने इंडो-पैसिफिक में अमेरिकी विदेश नीति को बदलने की कोशिश की, लेकिन जापान और अन्य QUAD सदस्यों के लगातार दबाव के कारण बाइडन को वापस ट्रंप की नीतियों पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ा। हालाँकि तब भी CCP आक्रामकता को कम करने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है, जिसको देखते हुए जापान ने चीन के किसी भी आक्रमण से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।

जापानी सरकार ने दी जानकारी

जापानी सरकार के सूत्रों ने बताया कि टोक्यो में हालिया बैठक में जापानी और अमेरिकी रक्षा प्रमुखों ने चीन और ताइवान के बीच सैन्य टकराव की स्थिति में आपसी सहयोग के लिए सहमति जताई है। जापानी संप्रभु क्षेत्रों और जलक्षेत्र पर चीन की लगातार नजर गड़ाए रखने के कारण जापान अब रक्षात्मक छोड़ आक्रामक रुख अपना रहा है।

स्पष्ट साहस दिखा रहा जापान

चीन के सामने अब एक ऐसा जापान है जो स्पष्ट साहस दिखा रहा है, जो न केवल आक्रामक तरीके से खुद को सुरक्षित करेगा, बल्कि सीसीपी और ताइवान द्वारा किसी भी आक्रामक कदम का जवाब भी देगा।

रिपोर्ट के अनुसार, जब अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने मंगलवार को जापानी रक्षा मंत्री नोबुओ किशी से मुलाकात की, तो उन्होंने इस मुद्दे को उठाया। हालांकि इस बारे में कोई बात नहीं हुई कि इस तरह की आपात स्थिति के लिए अपनी प्रतिक्रिया का समन्वय कैसे करेंगे।

तटरक्षक बल को दिया था फ्री हैण्ड

ये खबर ऐसे समय में आई, जब चीन ने अपने कॉस्ट गार्ड कानूनों की पुनर्व्याख्या की थी और कहा था कि अब तट रक्षक बल किसी भी विदेशी जहाजों पर गोली चला सकते हैं। जनवरी में, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पानी में भी विदेशी जहाजों पर फायरिंग करने के लिए चीनी तटरक्षक बल को फ्री हैण्ड दिया था।

जापान दिखा रहा आक्रामक रुख

चीन ने यह निर्णय जापान के सेनकाकू द्वीप समूह को देखते हुए लिया था, जिस पर बीजिंग अपना दावा करता है। इस कारण चीन और जापान के बीच तनाव में बढ़ोत्तरी हुई थी। अब जापान ने भी इन घटनाओं को देखते हुए आक्रामक रुख अपनाने का फैसला किया है।

चीन-जापान के साथ-साथ चीन-ताइवान के बीच भी तनाव बढ़ रहा है। ऐसे परिदृश्य में, ताइवान भी अपनी ताकत बढ़ाने में लगा हुआ है, जिससे चीन को जवाब दिया जा सके। यही नहीं अपने देश के अंदर भी चीनी फंडेड कंपनियों के ऊपर कार्रवाई कर रहा है।

टास्क फोर्स ने की छापेमारी

हाल ही में, न्यू ताइपे के जांचकर्ताओं के एक टास्क फोर्स ने सात स्थानों पर छापा मारा, जिसमें WiseCore Technology Co।, Ltd। and IC Link Ltd।, के कार्यालय शामिल थे। इस दौरान 19 लोगों को स्थानीय हाई-टेक कंपनियों से talent poaching आरोपों पर पूछताछ के लिए बुलाया गया।

अब ताइवान द्वीप पर कब्ज़ा करने की कोशिश करने वाले चीनियों से खतरा स्पष्ट हो गया है। हाल ही में एक बयान में, चीनी प्रधानमंत्री Li Keqiang ने चीन की सदियों पुरानी धमकी चीन के पुनरेकीकरण को दोहराया। इस दौरान प्रधानमंत्री चीन की संसद की वार्षिक बैठक के उद्घाटन पर बोल रहे थे।

 जापान ने साफ किया अपना रुख

ऐसी स्थिति में, जापान एक स्पष्ट रुख अपना रहा है कि अगर चीनी किसी भी तरह से ताइवान पर हमला करता है तो, टोक्यो एक पूर्ण सैन्य सहयोग के साथ अन्य सभी प्रकार का समर्थन ताइवान को प्रदान करेगा।

जापानी रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने ऑस्टिन के साथ मुलाकात में ताइवान स्ट्रेट की मध्य रेखा को पार करने वाले चीनी युद्धक विमानों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए जापानी सेल्फ डिफेंस ट्रूप्स के अमेरिकी सेना के साथ समन्वय करने और ताइवान की रक्षा की आवश्यकता का उल्लेख किया है।

रिपोर्ट में दी गई जानकारी

एशिया निक्केई की रिपोर्ट के अनुसार, चीन और ताइवान के बीच संकट की स्थिति को देखते हुए अमेरिका युद्धपोतों और सैन्य विमानों की सुरक्षा के लिए SDF को आदेश जारी करने पर विचार कर रहा है, जिससे जापानी नागरिकों की सुरक्षा की जा सके।

चीन को सबक सिखाने के लिए आगे आएंगे QUAD देश

यानी अगर चीन आक्रामकता दिखाता है तो उसे सिर्फ ताइवान का ही नहीं बल्कि अमेरिका और जापान का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में अब चीन कोई भी कदम उठाने से पहले कई बार विचार आवश्यक करेगा, क्योंकि अगर ये दोनों देश युद्ध में कूदे तो QUAD के अन्य दो सदस्य भारत और ऑस्ट्रेलिया भी चुप नहीं बैठेंगे और चीन को सबक सिखाने के लिए अवश्य आगे आयेंगे।

Exit mobile version