देश के बाहर बैठकर एक बड़ा वर्ग देश विरोधी बयान देता रहता है, जिसके चलते भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि खराब होती है। ऐसे में भारत सरकार के लिए ये जरूरी हो गया था कि वो इस तरह के लोगों को लेकर कुछ खास कदम उठाए। अब इस मुद्दे पर सरकार सक्रिय हो गई है, क्योंकि मोदी सरकार ने विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों और OCI के कार्ड धारकों के लिए नए नियम कानून लागू कर दिए हैं जो कि कई लोगों के आपत्तिजनक रवैए पर लगाम लगाएंगे, जिससे देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वाले भारतीय नागरिकों को झटका लगेगा। बता दें कि OCI कार्ड भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला एक तरह का वीज़ा है जो भारत में जीवन भर रहने, काम करने और सभी तरह के आर्थिक लेन-देन करने की सुविधा देता है।
भारत सरकार द्वारा OCI कार्ड धारकों के लिए कुछ नए नियम लागू किए गए हैं। इन नए नियमों से उन लोगों को झटका लगेगा, जो धार्मिक से लेकर सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजन के नाम पर भारत विरोधी एजेंडा चलाते हैं, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण पिछले साल का तब्लीगी जमात का मामला भी है, जो कि भारत में कोरोनावायरस के विस्तार की सबसे बड़ी वजह बन गया था। केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए नियमों के अनुसार ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया कार्ड (ओसीआई) धारक प्रवासी भारतीयों को अब एक स्पेशल स्वीकृति लेने की आवश्यकता होगी जो भारत में किसी तरह की रिसर्च, मिशनरी, पत्रकारिता या तबलीगी कार्यक्रम में शामिल होने या फिर पत्रकारिता गतिविधियों में शामिल होने के लिए आते हैं।
सरकार के नए नियमों के मुताबिक अब यदि किसी भी व्यक्ति को भारत में किसी रिसर्च, मिशनरी या तबलीगी कार्यक्रम में हिस्सा लेना है तो उन्हें विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) से एक स्पेशल अनुमति लेनी होगी। केवल इतना ही नहीं, इसके साथ ही जो OCI कार्ड धारक संरक्षित या प्रतिबंधित क्षेत्रों में जाने के इच्छुक होंगे या फिर विदेशी राजनयिक मिशन के इंटर्नशिप प्रोग्राम में हिस्सा लेना चाहेंगे तो उन्हें भी पूर्ण अनुमति के लिए स्पेशल आवेदन दाखिल करना होगा।
केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए गए इस नए नोटिफिकेशन के बाद देश में OCI कार्डधारक लोगों को भारतीय बच्चों को गोद लेने में सहजता होगी। इसके साथ ही अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षाओं जैसे नीट, जेईई मेंस, जेईई एडवांस या फिर इस तरह की दूसरी परीक्षाओं में NRI सीट या फिर ऐसी अन्य सीट पर NRI के समान ही OCI लोग भी पात्र हो सकेंगे। इसके अलावा ऐसा नहीं है कि इन नए नियमों में केवल प्रतिबंध ही हैं। सरकार ने नए नियमों में घरेलू हवाई यात्रा से लेकर राष्ट्रीय उद्यानों, वन्य-जीव अभयारण्यों, राष्ट्रीय स्मारकों, ऐतिहासिक स्थलों और भारत में संग्रहालयों के लिए लगने वाले शुल्क के मुद्दे पर भी लोगों को बड़ी रियायतें दी हैं।
सरकार ने बताया है कि इन नए नियमों के लागू होने के बाद पुराने सभी नियम कानून निष्क्रिय हो जाएंगे, अब सवाल ये उठता है कि अचानक इन नियमों को लागू करने की आवश्यकता केन्द्र सरकार को पड़ी ही क्यों? दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में भारतीयों का एक धड़ा सामने आया है जो कि प्रत्येक मुद्दे पर देश की नीतियों की आलोचना करता रहता है और सोशल मीडिया से लेकर समाज के प्रत्येक तबके में एक जहर घोलने की कोशिश करता रहता है जो कि आपत्तिजनक था। इन देश विरोधी लोगों में बड़े पत्रकार से लेकर तथाकथित बुद्धिजीवीऔर विश्लेषक शामिल हैं जो कि सार्थक चर्चा के नाम पर केवल भारत का विरोध ही जनता के सामने रखते हैं। ऐसे में सरकार नए नियमों के अनुसार इनकी OCI की वैधता निरस्त कर सकती है
उदहारण के लिए भारत में कई ऐसे लोग हैं जो ओसीआई कार्ड धारक हैं और वो लगातार इस सुविधा का लाभ उठाते हुए भारत के खिलाफ एजेंडा चलाते रहते हैं। अमेरिका की नागरिकता लेकर बैठे द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन देश में वामपंथ का आपत्तिजनक एजेंडा चलाते रहते हैं, उन्हें कई बार राज्यसभा सांसद सुब्रमणयम स्वामी भी लताड़ लगा चुके हैं। इस सूची में एक नाम सोनी राजदान का भी है जो वामपंथ के प्रचार को लेकर काफी सक्रिय है। ऐसे लोग बौद्धिक आतंकवाद को तेजी से बढ़ावा देते हैं।
इतना ही नहीं ये ओसीआई कार्ड धारक लोग देश की जनता को सरकार के खिलाफ भड़काने से लेकर फेक न्यूज फैलाने तक का काम करते रहते हैं। ऐसे में मोदी सरकार द्वारा जारी किए गए इस नए नियम से इन भारत विरोधियों को एक बड़ा झटका लगेगा। सरकार नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कारवाई भी कर सकती है। हालांकि, ये कदम काफी पहले ही उठाया जाना चाहिए था लेकिन अब मोदी सरकार देर के साथ ही दुरुस्त नियमों के साथ सामने आई है।