शरद पवार Panic मोड में हैं, कारण- वाझे का मामला उनके राजनीतिक करियर पर ब्रेक लगा सकता है

बड़ी टेंशन है इनको!

शरद पवार

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत गठबंधन की पार्टी एनसीपी प्रमुख शरद पवार की मुश्किलें बढ़ गईं हैं, क्योंकि सचिन वाझे केस में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह द्वारा एनसीपी नेता और राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर वाझे से वसूली करवाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस मुद्दे पर अब शरद पवार सवालों के घेरे में आ गए हैं और पहली बार हड़बड़ाहट में बयान दे रहे हैं। उन्होंने गृहमंत्री के इस्तीफे से इंकार करते हुए परमवीर सिंह के आरोपों को खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि शरद पवार अपने शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इस बार वो पैनिक मोड में चले गए हैं क्योंकि वाझे का ये केस उनके जीवन भर की राजनीतिक प्रतिष्ठा की धज्जियां उड़ा सकता है।

परमवीर सिंह ने सीएम उद्धव को लिखा पत्र

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने सीएम उद्धव को लिखे अपने पत्र में गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सचिन वाझे से वसूली करवाने के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर पूरे देश की नजरें टेढ़ी हो गई हैं, क्योंकि एनसीपी नेता अनिल देशमुख शरद पवार के काफी खास माने जाते हैं। शरद पवार ने देशमुख के इस्तीफे की मांग पर आक्रामक रुख अपनाया है। उन्होंने परमवीर सिंह पर झूठे आरोप लगाने का दावा करने साथ ही सचिन वाझे और मनसुख हिरेन केस की जांच की रिपोर्ट आने की बात कही है।

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पवार ने परमवीर सिंह की नीयत पर उठाए सवाल

शरद पवार ने परमवीर सिंह की नीयत पर सवाल उठाने के लहजे से कहा, “पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं। देशमुख पर आरोप तो लगे लेकिन प्रमाण नहीं दिया गया है। देशमुख पर लगे आरोप गंभीर हैं लेकिन उनके इस्तीफे पर विचार मुख्यमंत्री करेंगे और इस प्रकरण से सरकार की छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अनिल देशमुख के बारे में अगले एक-दो दिन में फैसला लिया जा सकता है। सीएम और एनसीपी नेताओं के साथ बातचीत के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।”

दिलचस्प बात ये है कि उन्होंने महाराष्ट्र के बेदाग और स्वच्छ छवि वाले प्रसिद्ध पुलिस अधिकारी रहे जूलियो रिबेरो से इस पूरे केस की जांच कराने की मांग तक कर डाली है।  इतना ही नहीं उन्होंने अब परमवीर सिंह की नीयत पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा, “परमवीर सिंह ने ही पिछले साल सचिन वाझे की पुलिस बल में बहाली का फैसला किया था। चूंकि अब उन्‍हें मुंबई पुलिस कमिश्‍नर पद से हटा दिया गया तो वह ये आरोप लगा रहे हैं, ट्रांसफर से पहले उन्‍होंने ये आरोप क्‍यों नहीं लगाए।”

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मुकेश अंबानी के घर के बाहर खड़ी कार के मामले में मनसुख हिरेन की मौत के बाद पहले सचिन वाझे का नाम जुड़ा, जिससे मुंबई पुलिस पर सवाल खड़े हुए। फिर मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह पर सवाल खड़े किए, नतीजा ये कि उनका ट्रांसफर करना पड़ा। इतना ही नहीं खुद को फंसता देख परमवीर सिंह ने इस मुद्दे पर अनिल देशमुख को निशाने पर लिया। अनिल देशमुख पर लगे वसूली के आरोपों के चलते निशाने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी आ गये, वहीं इन सभी कड़ियों को शरद पवार के साथ जोड़ा जा सकता है। कहीं न कहीं शरद पवार को भी डर है कि इस मामले में उनका हाथ भी सामने आ सकता है जिससे वर्षों की कमाई इज्जत

ऐसे में अपने मंत्री को बचाने में शरद पवार अब फ्रंटफुट पर आ गए हैं। अपने आधिकारिक आवास पर एनसीपी के नेताओं से बैठक कर उन्होंने साफ कर दिया कि अनिल देशमुख इस्तीफा नहीं देंगे, लेकिन खास बात ये है कि शरद पवार का स्वभाव शांत रहता है। विषम परिस्थितियों के वाबजूद वो कभी अपना आपा नहीं खोते हैं, लेकिन इस बार सब बदल चुका है। परमवीर सिंह के एक आरोप ने शरद पवार के होश उड़ा दिए हैं, जिसके बाद आनन-फानन में शरद पवार ने प्रेस वार्ता कर परमवीर सिंह पर हमला बोल दिया, जो दिखाता है कि अपने कोटे के मंत्री पर लगे आरोपों से शरद पवार बौखला गए हैं।

इसलिए आक्रामकता के साथ बयान दे रहे हैं पवार

शरद पवार को पता है कि सचिन वाझे केस विश्व के सबसे अमीर लोगों की सूची में शामिल बिजनेसमैन मुकेश अंबानी से जुड़ा हुआ है। इसके चलते शरद पवार अच्छे से जानते हैं कि यदि उनकी पार्टी के किसी नेता पर आरोप लगेंगे तो पार्टी प्रमुख होने के नाते उनकी बुरी फजीहत हो जाएगी और अभी तक सहज रहे उनके राजनीतिक जीवन पर सबसे बुरा असर पड़ेगा, यही वजह है कि पहली बार शरद पवार अनिल देशमुख पर लगे आरोपों पर आक्रामकता के साथ बयान दे रहे हैं।

 

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