जयराम ठाकुर, मनोहर लाल खट्टर और अन्य – T. S Rawat के बाद रघुबर दास सिंड्रोम इन सज्जनों पर भी धावा बोल सकता है

अगला नंबर इनका भी हो सकता है....

देश के कई राज्यों समेत केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की सरकार है, पार्टी के कुछ मुख्यमंत्री तो लोकप्रिय हैं लेकिन कुछ की अलोकप्रियता इतनी ज्यादा है कि पार्टी को उनकी छवि के कारण नुकसान उठाना पड़ता है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता रघुबर दास की छवि भी कुछ ऐसी ही थी, और इसके कारण बीजेपी को झारखंड के विधानसभा चुनावों में नुकसान भी हुआ था।

इसी का नतीज़ा है कि पार्टी ने उत्तराखंड में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ नाराजगी की खबर सुनते ही उन्हें पद मुक्त कर दिया, और अब कुछ ऐसी ही स्थिति बीजेपी के अन्य अलोकप्रिय मुख्यमंत्रियों की भी हो सकती है।

उत्तराखंड के त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर बीजेपी के ही विधायक नाराज थे। सभी का कहना था कि रावत पार्टी को विधानसभा चुनाव में अलोकप्रियता के कारण नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में बीजेपी ने भी परिस्थितियों के कारण आनन-फानन में त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर पार्टी के वरिष्ठ नेता तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बना दिया है। साफ है कि पार्टी उत्तराखंड के अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर संवेदनशील हो गई है, और अब संकेत ये हैं कि पार्टी अपने कई अन्य मुख्यमंत्रियों को लेकर भी कुछ कड़े फैसले ले सकती है।

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बीजेपी के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले मुख्यमंत्रियों की बात करें तो हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर का नाम शीर्ष स्तर पर आता है। करिश्माई छवि की कमी के चलते राज्य में वहां के ही बीजेपी नेता सीएम से नाराज हैं। ऐसे में उनकी कुर्सी त्रिवेंद्र सिंह रावत के जाने के बाद खतरे में आ सकती है। इस सूची में एक नाम हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का भी है क्योंकि उनका प्रदर्शन भी हरियाणा की राजनीति में काफी बुरा ही रहा है, शायद इसीलिए कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पार्टी में काफी असहजता है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की बात करें तो उनकी अलोकप्रियता के कारण पार्टी को 2019 के विधानसभा चुनावों में बड़ा नुक़सान हुआ था। विधानसभा चुनावों के बाद राजनीतिक स्थितियां इतनी ज्यादा विपरीत हो गईं थीं कि राज्य में पार्टी की सरकार बनना मुश्किल हो गया था। ऐसे में बीजेपी आलाकमान की सूझबूझ के कारण राज्य मेंं जेजेपी से गठबंधन कर एनडीए की सरकार बनाई गई, हालांकि सीएम एक बार फिर मनोहर लाल खट्टर ही बने लेकिन किसान आंदोलन से लेकर हरियाणा के अन्य मुद्दों पर खट्टर विफल रहे हैं। इसलिए उन पर काफी दाग लग चुके हैं जो कि पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

इन सभी परिस्थितियों और हाल में त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी जाने के बाद ये कहा जा सकता है कि बीजेपी अब रघुबर दास के कारण झारखंड में मिली हार के बाद जरा-सी नाराजगी पर अपने मुख्यमंत्रियों की कुर्सियां छीन सकती है।

इसलिए बीजेपी अब यदि ऐसा कोई भी निर्णय लेगी तो, उस सूची में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का नाम अवश्य होगा, क्योंकि इन दोनों ही राज्यों से मुख्यमंत्रियों को लेकर स्थानीय सत्र से काफी नकारात्मक फीडबैक सामने आ रहे हैं।

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