शिलॉन्ग टाइम्स की वरिष्ठ पत्रकार और सपांदक पेट्रीशिया मुखीम को चर्च जाने वाले खास धर्म के लोगों ने दुष्ट और चुड़ैल बताया है, उन पर हमला करने तक की कोशिशें की गईं, अन्य कोई मामला होता तो अंतरराष्ट्रीय मीडिया में एक बड़ी कवरेज बन जाती, लेकिन खास धर्म का होने के चलते इसे नजरंदाज कर दिया गया जो कि एक बेहद संदेहास्पद बात है। इस मामले मे मुखीम का अपराध ये था कि वो चर्च में होने वाले भ्रष्टाचार को लेकर शिलॉन्ग टाइम्स में खबरें प्रकाशित करती हैं और इसीलिए उन्हें अब दुष्ट और चुड़ैल जैसी संज्ञाएं देकर अपमानित किया जा रहा है।
ईसाई धर्म के आगमन के बाद 9 वीं शताब्दी में पहली बार इजराइल की पगन रानी जेज़बल को चुड़ैल कहा गया था, आधुनिक युग में इस तरह के शब्दों का प्रयोग महिलाओं पर यौन रूप से जुड़े अनर्गल आरोपों को लगाने के लिए किया जाता है, लेकिन मुखीम के मामले में ये ईसाई कट्टरपंथी चार कदम और आगे चले गए और उन्हें वैश्या कहकर ही अपमानित करने लगें जो कि किसी भी महिला के अपमान की पराकाष्ठा है।
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दरअसल, एक फेसबुक पोस्ट में पेट्रीशिया मुखीम ने कहा, “हाल के दिनों में शिलॉन्ग टाइम्स उन षडयंत्रकारी मुद्दों पर लेख प्रकाशित कर रहा है जिन्हें देखते हुए भी चर्च अपनी आखों पर पट्टी बांधें हुए हैं और किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। इसलिए अगर आप इस तरह के बयान देते हैं तो फिर आपको जेज़बल की तरह ही वैश्या की संज्ञा दे दी जाएगी।” इस मुद्दे पर शिलॉन्ग टाइम्स की संपादक ने कहा, “चर्च को किसी भी तरह की आलोचनात्क बात पसंद नहीं है। मावखर के ही एक चर्च से करीब 4.63 करोड़ रुपए गायब हैं, लेकिन इस मुद्दे पर पुलिस के पास जाने से पहले चर्च को एक आंतरिक जांच करनी चाहिए थी जो कि उसने नहीं की।”
पेट्रीशिया मुखीम दरअसल शिलॉन्ग के 2019 के मावखर इलाके के चर्च में हुए भ्रष्टाचार की बात कर रही थीं जिसको लेकर बेहद ही धीमी गति से जांच की जा रही है, जबकि इस मामले में पुलिस ने FIR भी दर्ज कर ली है, लेकिन अभी किसी भी प्रकार का कोई खास एक्शन नहीं लिया गया है। पिछले महीने ही शिलॉन्ग टाइम्स ने एक अन्य लेख प्रकाशित किया था जिसमें लेखक अपनी लेफ्ट और राइट की विचारधारा से इतर बातें कह रहे थे । इसमे मोदी सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बोलने के लिए चर्च को कहा गया था, और यहां तक कहा गया था कि चर्च द्वारा सरकार की फासीवादी विचारधारा की आलोचना की जाए।
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एक वरिष्ठ महिला पत्रकार को चुड़ैल और वैश्या की संज्ञाएं केवल इसलिए दी जा रही हैं क्योंकि वो चर्च के अधिकारियों के काम करने की तरीके पर सवाल खड़े करती हैं, और इसके जरिए उनकी असहिष्णुता सामने आ जाती है। ये लोग केवल ये चाहते हैं कि चर्च में भ्रष्टाचार से लेकर यौन उत्पीड़न की घटनाएं आसानी से चलती रहें लेकिन कोई इस मुद्दे पर आरोप न लगाए और जो अपनी चुप्पी तोड़ेगा उसका शब्दों से ही चरित्र हनन कर दिया जाएगा जैसा पेट्रीशिया मुखीम के साथ किया जा रहा है।