उत्तर प्रदेश के चुनावों के लिए नड्डा मैदान में उतर चुके हैं, संदेश साफ है- बंगाल में जीत पक्की है

बंगाल के बाद,उत्तर प्रदेश को जीतने का काम शुरू !

बीजेपी

किसी भी पार्टी के नेता के क्रिया-कलाप ही बताते हैं, कि पार्टी का भविष्य क्या होने वाला है,  और जब बात भारतीय जनता पार्टी की आती है, तो आंकलन लगाना लोगों के लिए दिलचस्पी का विषय भी बन जाता है। इन्हें जानते हुए ही पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी नए ही संकेत दे देते हैं। जब पांच राज्यों में चुनाव के प्रचार और अभियान चल रहे हैं, तब वो काशी पहुंच गए, और सटीक शब्दों में कहें तो उन्होंने यूपी चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है। इसका संदेश साफ है कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में चल रहे अपने सबसे महत्वकांक्षी चुनावी अभियान में जीत को लेकर पूर्णतः आश्वस्त है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पिछले लगभग 6 वर्षों की मेहनत का असर भी अब दिखने लगा है क्योंकि राज्य भी बीजेपी को सभी ओपिनियन पोल्स पर अच्छी खासी बढ़त दे रहे हैं। ऐसे में अब बीजेपी अपनी जीत को लेकर काफी आश्वस्त है। इसका संकेत पार्टी के नेता अपने प्रो-एक्टिव अंदाज से भी दे देते हैं। एक तरफ जहां कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां पांच राज्यों को लेकर चुनाव की रणनीति बना रही हैं, तो बीजेपी अपने अगले बड़े मिशन पर काम करना शुरू कर चुकी है।

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पांच राज्यों में चल रहे चुनावी अभियान के बीच बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तर प्रदेश पहुंच गए और बीजेपी के चुनावी अभियान की नींव रख दी हैं। नड्डा दो दिन के दौरे पर हैं। पहले दिन उन्होंने बाबा काशी विश्वनाथ का आशीर्वाद लिया और इस दौरान उन्होंने बनारस के ही रोहनिया क्षेत्र के पार्टी कार्यालय का भी उदघाटन भी किया। खास बात ये भी है कि उनके इस दौरे में उनके साथ केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे।

काशी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है। ऐसे में वहां बीजेपी के किसी भी नेता के दौरे के अलग ही मायने होते हैं। ऐसे में पीएम मोदी को लेकर नड्डा ने भी कुछ बड़ी बातें कहीं हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमीशन की राजनीति को मिशन की राजनीति बनाया तो स्‍वार्थ की राजनीति को सेवा का माध्‍यम बनाया। मोदी सरकार में मुस्लिम बहनों को तीन तलाक के अभिशाप से आजादी मिली है। मोदी सरकार के प्रयासों से भगवान श्रीराम की जन्‍म भूमि पर बड़ा भव्‍य मंदिर बनने का सपना साकार हो रहा है जबकि कांग्रेस ने तो भगवान श्रीराम पर प्रश्‍नचिह्न लगा दिया था।”

उत्तर प्रदेश बीजेपी के लिए सबसे अहम रहा है। पिछले दोनों लोकसभा चुनाव और विधानसभा के चुनाव में बीजेपी को यहां तगड़ी जीत मिली हैं। इसके चलते योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी बीजेपी की राजनीतिक प्रयोगशाला का गढ़ बन गया है। इसके चलते राज्य में बीजेपी उत्तर प्रदेश के अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर अपनी रणनीति तैयार रही है जो कि एक प्रो-एक्टिव स्टेप है। इसके अलावा ये विपक्षियों के लिए एक खौफ भरने की नीति भी है।

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बीजेपी अपने अध्यक्ष नड्डा के यूपी दौरे के जरिए ये संदेश भी दे रही है कि वो उत्तर प्रदेश की अपनी तैयारियों पर काम कर रही हैं क्योंकि वो अपने बंगाल चुनाव के अभियान में जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है। इसलिए बीजेपी अध्यक्ष अब बंगाल से ज्यादा उत्तर प्रदेश पर ध्यान देंगे, जबकि बंगाल में अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केवल स्टार प्रचारकों के तौर पर ही एक्टिव रहेंगे। 

इसमें कोई शक भी नहीं है कि बीजेपी के लिए उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव हद से ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसीलिए बीजेपी का अब पूरा ध्यान बंगाल चुनावों के बाद उत्तर प्रदेश के चुनावों पर ही होगा। इसीलिए वो अपने अध्यक्ष के जरिए ये संदेश देने की कोशिश भी कर रही है कि बंगाल चुनाव तो वो जीत ही चुकी है।

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