महाराष्ट्र के एक पुलिस अफसर ने खोली उद्धव ठाकरे के पुलिस ट्रान्सफर रैकेट की पोल – अब दोबारा होगी जांच

एक के बाद एक भ्रष्टाचार के मामलों में फंसी उद्धव सरकार

उद्धव ठाकरे और उनकी भ्रष्ट महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार के लिए मुसीबतें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही। अब एक और धांधली सामने आई है, जिसमें स्पष्ट तौर से उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री अनिल देशमुख पर महाराष्ट्र पुलिस के ट्रांसफर में धांधली कराने के आरोप लगे हैं।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रमुख विपक्षी नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने सभी को चौंकाते हुए यह खुलासा किया कि किस प्रकार से महाराष्ट्र का वर्तमान प्रशासन भ्रष्टाचार का मायाजाल बुन रहा था। मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र पुलिस की इंटेलिजेंस अफसर रश्मि शुक्ला के पत्र का जिक्र करते हुए महाराष्ट्र में ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट चलने व बड़े नेताओं व अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाया।

लेकिन ये रश्मि शुक्ल हैं कौन, और इन्होंने ऐसा क्या खोजा जिसके कारण आज महाविकास अघाड़ी गठबंधन के सदस्य बगलें झाँकते फिर रहे हैं? बता दें कि आईपीएस अफसर रश्मि शुक्ला अभी सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) में सहायक महानिदेशक हैं। इससे पहले वह महाराष्ट्र के इंटेलिजेंस विभाग में आयुक्त रह चुकी हैं।

रश्मि शुक्ला ने पिछले साल अगस्त 2020 में लिखे पत्र में पुलिस के कुछ बड़े अफसरों और अन्य अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के रैकेट में शामिल होने का दावा किया था। इस पत्र के साथ सबूत के तौर पर रश्मि शुक्ला ने फोन रिकॉर्डिंग होने का भी दावा किया था। उक्त पत्र के अनुसार, महाराष्ट्र के पुलिस विभाग में अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर रैकेट का पर्दाफाश हुआ है।

इसके तार राज्य के कुछ नेताओं से जुड़े हैं। शुक्ला ने पत्र में लिखा कि मामले से जुड़े लोगों के फोन कॉल ट्रेस किए गए। इसमें रैकेट की बात सच साबित हुई। इससे कुछ दलाल व ताकतवर लोग जुड़े थे।

इतना ही नहीं, रश्मि शुक्ला ने जिस रैकेट का भंडाफोड़ किया, और जिस धांधली की ओर देवेन्द्र फड़नवीस इशारा कर रहे हैं, उसकी पुष्टि एक तरह से आईपीएस अफसर संजय पाण्डेय ने भी की है। आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला और देवेंद्र फडणवीस को बल मिला है आईपीएस अफसर संजय पाण्डेय से, जो इस विषय में बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं।

परमवीर सिंह से पहले डीजी होम गार्ड के पद पर तैनात रहने वाले संजय पाण्डेय ने आरोप लगाया है कि जब अफसरों की अदला बदली की गई, तो उन्हे ना सिर्फ अनदेखा किया गया, परंतु उनके स्थान पर उनसे कुछ पद जूनियर हेमंत नागराले को मुंबई पुलिस का कमिश्नर भी बनाया गया

इसके विरुद्ध संजय पाण्डेय ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए ट्रांसफर की धांधली पर सवाल उठाया है।

अब रश्मि शुक्ला ने यह पत्र स्पष्ट तौर पर उद्धव ठाकरे को लिखा था, लेकिन न ही इस बात की उन्होंने कोई जांच कराई, और न ही उन्होंने इस विषय पर कोई कार्रवाई करना उचित समझा। लेकिन रश्मि शुक्ला का ट्रांसफर करा दिया गया।

अब इस खुलासे को लेकर पूर्व सीएम फडणवीस ने महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार व उसके मुखिया उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वह इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करेंगे, जिसके लिए उन्होंने केन्द्रीय गृह सचिव से घंटों बातचीत भी की।

एक के बाद एक जिस तरह से महाराष्ट्र प्रशासन की देखरेख में किये गए भ्रष्टाचार के मामले सामने आते जा रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि यह खेल बहुत बड़ा था, और जाने अनजाने में एंटीलिया केस को NIA के हाथ में सौंपते ही महाविकास अघाड़ी की भ्रष्ट नीतियों की पोल परत दर परत खुलने लगी है।

जिस प्रकार से देवेन्द्र फड़नवीस इस विषय को आक्रामक तरह से सबके सामने पेश कर रहे हैं, उससे स्पष्ट कि वे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक वह महाराष्ट्र को महा विकास अघाड़ी के प्रकोप से सदैव के लिए मुक्त नहीं कर देते।

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