बदनियती से जब कोई किसी सही इंसान के लिए गड्ढा खोदता है, तो अकसर वो ही उस गड्ढे में गिर जाता है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को बाहरी बताकर बाहरी बनाम स्थानीय का कैंपेन चलाने की तैयारी की थी, लेकिन अब उनका ये दांव उनके लिए ही घातक हो गया है, क्योंकि नंदीग्राम में बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने उन्हें ही बाहरी बता दिया है। दिलचस्प बात ये है कि ममता ने अपनी परंपरागत विधानसभा सीट भवानीपुर छोड़ कर नंदीग्राम का रुख किया था, लेकिन अब बाहरी का टैग हटाने के लिए ममता ने नंदीग्राम में दो घर लिए हैं।
बीजेपी ने अपने जनसमर्थन का विस्तार करके ममता बनर्जी के लिए सबसे बड़ी मुश्किल उनकी ही भवानीपुर सीट पर खड़ी कर दी थी, जिसके बाद ममता ने वो सीट ही छोड़ दी, और नंदीग्राम का रुख कर लिया। इससे ममता दो निशाने लगाने की कोशिश में थीं, पहला बागी होकर बीजेपी में गए सुवेंदु अधिकारी को सबक सिखाना, और दूसरा सुवेंदु के जाने से टीएमसी के कार्यकर्ताओं के ठंडे पड़े जोश को पुनः बूस्ट देना। ममता के ये दोनों ही प्लान फेल हो गए क्योंकि बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने उन्हें नंदीग्राम में बाहरी घोषित कर दिया है।
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बीजेपी के इस जाल में ममता फंस गईं हैं क्योंकि बाहरी का टैग हटाने के लिए उन्होंने अब नंदीग्राम में किराए पर दो घर लिए हैं जिसमें से एक, एक साल के लिए और दूसरा 6 महीने के लिए लिया गया है । ममता का ये प्लान है कि वो यहीं नंदीग्राम में रहकर सुवेंदु अधिकारी को टक्कर देंगी। ममता ने एक रैली में कहा था कि वो जल्द ही नंदीग्राम में हल्दी नदी के किनारे एक पक्का घर लेंगी, जो कि उनके लिए कभी भी आने जाने में सहज होगा।
ममता ने जो दो घर लिए वो रायपाड़ा इलाके में हैं, और इन दोनों घरों के बीच की दूरी करीब 100 मीटर तक की ही है। दिलचस्प बात ये है कि जिस दिन ममता ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की बात कही थी, उसी दिन से टीएमसी के लोगों ने घर तलाशना शुरु कर दिया था। अब सवाल ये उठता है कि अचानक ऐसी क्या जरूरत पड़ गई कि खुद को बंगाल की बेटी बताने वाली ममता दीदी को नंदीग्राम की जनता को खुश करने के लिए वहां घर लेना पड़ा, और इसकी वजह उनका ही बाहरी बनाम स्थानीय का मुद्दा था।
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बंगाल में जब-जब बीजेपी के प्रचार के लिए पीएम मोदी या अमित शाह जाते हैं तो उन्हें ममता और उनकी पार्टी के प्रत्येक नेता द्वारा बाहरी बताकर उन्हें खदेड़ने की बात कही जाती है। ममता ने तो अपने चुनाव का कैंपेन ही ‘बंगाल को अपनी बेटी चाहिए’ बना रखा है, लेकिन अब बाहरी बनाम स्थानीय का यही मुद्दा ममता पर ही भारी पड़ गया है क्योंकि नंदीग्राम में बीजेपी के स्थानीय उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी ने उन्हें बाहरी बता दिया है। उन पर वहां बाहरी का टैग काफी प्रचलित भी हो गया है, जिसके बाद अपने ऊपर से लगे इस टैग को हटाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब नंदीग्राम में एक घर ले लिया है।
ममता के इस रवैए को लेकर कहा जा सकता है कि राज्य में ममता ने जो जाल बीजेपी नेताओं के लिए बिछाया था, अब वो खुद ही उस जाल में फंस गई हैं, और बाहरी बनाम स्थानीय का ये मुद्दा ममता के गले की फांस बन गया है।