कितना हास्यास्पद होता है कि कोई अपने दुश्मन के लिए गड्ढा खोदे और खुद ही उसमें गिर जाए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कुछ ऐसा ही हो रहा है। नंदीग्राम में सुवेंदु अधिकारी के सामने हार के डर से ममता की पार्टी TMC वोटों के लिए अब चोट और सहानुभूति का कार्ड खेलने वाली थीं, लेकिन ये दांव ही पूरी तरह उल्टा पड़ गया है। पुलिस की रिपोर्ट से लेकर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया ममता के लिए आलोचनात्मक और बीजेपी के लिए फायदेमंद नजर आ रही है। ऐसे में हाल के मामले से सीधा फायदा बीजेपी के नंदीग्राम के उम्मीदवार और टीएमसी के बागी नेता सुवेंदु अधिकारी को होगा, और सहानुभूति कार्ड से वोटों की उम्मीद लगाने वालीं ममता बनर्जी की रणनीति सुवेंदु की जीत सुनिश्चित कर सकती है।
सुवेंदु अधिकारी ने ममता को नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की चुनौती दी और ममता ने वो स्वीकार कर ली, लेकिन शुभेंदु के रसूख के बारे में ममता अच्छे से जानती हैं। वो जानती हैं कि सुवेंदु अधिकारी को हराना कठिन है। ऐसे में ममता ने नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान हुए एक हादसे में खुद को लगी एक चोट का जिम्मेदार बीजेपी को बता दिया। ममता की प्लानिंग थी कि वो इस आरोप और अपनी चोट के दम पर नंदीग्राम में महिला की अस्मिता और राजनीतिक हिंसा की पीड़िता वाला सहानुभूति कार्ड खेलेंगी और सुवेंदु अधिकारी को इसी साहनुभूति कार्ड से हरा देंगी, लेकिन फिर मामले में ट्विस्ट आ गया।
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ममता की चोट को लेकर जांच में सामने आई पुलिस की ही रिपोर्ट में ममता के लिए मुश्किलें बढ़ गईं हैं। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में साफ कह दिया है कि ममता को जो चोट लगी वो एक हादसे के कारण थी और इसके पीछे कोई राजनीतिक साजिश नहीं है। दूसरी ओर चुनाव आयोग पर आरोप लगाने वाली ममता की पार्टी को भी चुनाव आयोग ने ही झटका दे दिया है। आयोग ने कहा है कि बंगाल की स्थिति पहले ही राजनीतिक हिंसा को लेकर खराब है। इसलिए आयोग पर आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। इन सबसे इतर ममता के लिए सबसे बड़ी मुश्किल हादसे के चश्मदीद बन गए हैं।
हादसे के दौरान नंदीग्राम में मौजूद लोगों ने साफ कहा है कि ममता के साथ उनकी गलती के कारण हादसा हुआ है, उन्हें किसी ने भी धक्का नहीं दिया था। स्थानीय लोगों के खुलासे के बाद ममता के लिए एक अलग ही मुश्किल खड़ी हो गई हैं। इन सभी परिस्थितियों के इतर नंदीग्राम की राजनीति की बात करें तो सुवेंदु अधिकारी ने आज पूजा अर्जना के साथ ही अपना नामांकन दाखिल कर दिया है, और वो अब ममता के खिलाफ काफी आक्रामक हो गए हैं और चोट की नौटंकी के बाद इस सीट पर ममता की भद्द पिट चुकी है क्योंकि ममता ने सोचा था कि वो इस चोट की सहानुभूति के जरिए वोट हासिल करेंगी।
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ममता को लगी चोट को लेकर हुए खुलासों के बाद जनता में बीजेपी के प्रति सकारात्मक भाव आ गया है और इससे बीजेपी के वोटों में अब बढ़ोतरी की बड़ी संभावनाएं हैं। ऐसे में सुवेंदु अधिकारी का गढ़ कहा जाने वाला नंदीग्राम अब बीजेपी के लिए अधिक मजबूत हो गया है, और ये बीजेपी के लिए और अधिक फायदेमंद साबित होगा। यही कारण है कि अब विश्लेषकों द्वारा ये कहा जा रहा है कि ममता ने अपनी चोट के नाम पर जो गड्ढा खोदने की तैयारी की थी, उस गड्ढे में अब टीएमसी ही गिरने वाली है क्योंकि अब सुवेंदु नंदीग्राम की सीट पर पहले से ज्यादा मजबूत हैं और ममता के असल प्रपंच और नौटंकियां जनता ने भी देख लीं हैं।