पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनावों में ममता बनर्जी महिलाओं का वोट पाने की हर संभव कोशिश कर रही है, इसी क्रम में उन्होनें 291 उम्मीदवारों में से 50 महिला उम्मीदवारों को मौका दिया हैं। अभी तक पश्चिम बंगाल की महिलाओं ने ममता बनर्जी को अपना पूरा सहयोग दिया, लेकिन इस बार यह चाल काम नही आने वाली है, क्योंकि पश्चिम बंगाल के महिलाओं के सामने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकल्प हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से नई दिल्ली की कमान संभाली है, उन्होनें महिला सशक्तिकरण के लिए कई अहम फैसले लिए है अथवा उनके केंद्रित कई योजनाओं का आरंभ किया है। अभी कुल मिलाकर केंद्र सरकार की 13 से ज्यादा ऐसी योजनाएं सुचारु रूप से चल रही हैं।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना जिसका मूल काम है गरीब ग्रहिणीयों को मुफ्त में एलपीजी सिलिंडर मुहैया कराना। अभी तक प्रधानमंत्री की इस योजना के तहत 11.97 करोड़ एलपीजी सिलिंडर बांटे गए हैं। एलपीजी के साथ ही गरीब कल्याण योजना के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान 80 करोड़ लोगों को 8 महीनो तक लगातार राशन दिया गया, और इस योजना की मुख्य लाभार्थी महिलाएं ही हैं ।
कोरोना वायरस pandemic में हुए lockdown में 19.86 करोड़ महिलाओं के जन धन खाते में जमा किए गए, जिसके चलते आज नतीजा यह हुआ कि अब लड़कियों के स्कूलों में दाखिले की दर लड़को से भी ज्यादा हो चुका है। 94.32 प्रतिशत लड़कियों के दाखिले के सामने 89.28 प्रतिशत लड़कों ने दाखिला लिया है। यह योजना अपने आप में सरहनीय हैं।
इस योजना से इतर प्रधानमंत्री की महिला सशक्तिकरण को लेकर निजी दिलचस्पी भी सरहनीय है। हाल ही में महिला दिवस के दिन प्रधानमंत्री ने अपने टिवीटर पर देश की महिलओं को अभिनंदन करते हुए कहा “सलाम है नारीशक्ति को, भारत सरकार को हमारे देश की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करने का एक बहुत बड़ा अवसर मिला है।”
प्रधानमंत्री और भारत सरकार का महिलाओं के प्रति यह विश्वास, देश की महिलाओं ने भी नकारा नहीं, जिसका नतीजा हाल ही में हुए बिहार चुनाव में साफ नज़र आया, जहां तीसरे और चौथे चरण में महिलाओं ने बीजेपी को वोट किया और बीजेपी बिहार चुनाव की सबसे बड़ी पार्टी बनी और सरकार बनाने में कामयाब रही। प्रधान मंत्री मोदी ने उनको अपना ‘Silent Voter’ का दर्जा दिया। प्रधानमंत्री ने कहा “बीजेपी के पास silent voters बड़ी संख्या में है जो की बीजेपी को हमेशा से वोट करते आ रही है, वो हमारे देश के महिलाए है।”
एक तरफ प्रधानमंत्री की महिलाओं के बीच लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, दूसरे तरफ ममता बनर्जी के मन में महिलाओं के लिए बस चुनावी प्रेम है। जो कि चुनाव की शोर के साथ ही दब जाएगा। देखना यह होगा की पश्चिम बंगाल की महिलाएं इस बार महिला सशक्तिकरण को साकार करने वाले प्रधानमंत्री को चुनती है या ममता बनर्जी के दिखवे में आ अपना मत TMC को देती है।