जापान सरकार ने अपने यहाँ सरकारी कर्मचारियों पर Line App इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पिछले दिनों खबर सामने आई थी कि Line App के लिए काम करने वाले कुछ चीनी इंजीनियर्स ने गलत और अवैध तरीके से Line के servers तक पहुँच बनाकर यूजर्स के गोपनीय डेटा को चुरा लिया।
जापान सरकार के इस कदम से सभी जापानी कंपनियों को संदेश गया है कि वे भविष्य में किसी भी चीनी तकनीकी विशेषज्ञ को Hire न करें अन्यथा उस कंपनी पर जापानी सरकार द्वारा कार्रवाई हो सकती है। जापानी सरकार का यह कदम इस बात का भी संकेत है कि भविष्य में ऐसी कंपनियों पर जापानी सरकार और कड़ी कार्रवाई कर सकती है।
पिछले दिनों शंघाई में Line की एक क्षेत्रीय शाखा में काम कर रहे चार इंजीनियर्स ने कंपनी के वर्ष 2018 के servers तक पहुँच बनाकर यूजर्स के Telephone नंबर, नाम और E-mail address तक निकाल लिए थे। इसके बाद Line ने अपने सभी Databank को जापान में ट्रांसफर करने का ऐलान किया है।
साथ ही उसने चीन में मौजूद शाखा को Line के Servers से Disconnect करने का फैसला लिया है। इसी बीच जापानी सरकार ने कंपनी पर कार्रवाई की है। इस Messaging App को आधिकारिक बातचीत के लिए प्रतिबंधित करने के साथ-साथ जापानी सरकार ने मामले की जांच के लिए एक टास्क फोर्स गठित करने का ऐलान किया है।
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यह घटना दिखाती है कि जापान के Tech सेक्टर में चीनी जासूसों ने किस हद तक सेंधमारी की हुई है, लेकिन अब जापानी सरकार इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाने जा रही है। Line App पर कार्रवाई कर जापानी सरकार ने कंपनियों को चीनी इंजीनियर्स से दूर रहने का संदेश दिया है। कोई भी चीनी कर्मचारी CCP, United Front या अन्य किसी चीनी जासूसी एजेंसी का सदस्य हो सकता है। ऐसे में Line App का मामला सभी जापानी कंपनियों के लिए एक अलार्म बेल की तरह है।
Tech सेक्टर के जरिये अपने जासूसी कार्यक्रम को आगे बढ़ाने वाला चीन अमेरिका और भारत जैसे देशों में बड़ी कार्रवाई का सामना भी कर चुका है। भारत सरकार सैकड़ों चीनी Apps प्रतिबंधित कर चुकी है। इसी के साथ ट्रम्प प्रशासन के समय अमेरिका में भी Confucius संस्थानों और Tiktok, WeChat जैसी Apps पर प्रतिबंध लगाया गया था। अब चूंकि कोरोना के बाद से जापान और चीन के संबंधो में तनाव कई गुना बढ़ गया है। ऐसे में जापान में भी चीनी जासूसी का खतरा बढ़ गया है। Line App मामले ने इस डर को सच्चाई में बदल दिया है।
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समुद्र में Senkaku द्वीपों के लिए एक दूसरे के साथ सींग उलझा चुके जापान और चीन के बीच युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। जनवरी महीने में चीन ने अपनी कोस्ट गार्ड को “विदेशी जहाजों” पर ओपन फायर करने की खुली छूट दे दी थी, जिसके बाद जापान ने भी अपनी कोस्ट गार्ड को इसी प्रकार के आदेश जारी कर दिये हैं। इससे पहले जापान ने चीन को बड़ा आर्थिक झटका देते हुए अपनी कंपनियों को चीन छोड़कर भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में स्थानांतरित होने के लिए कहा था। इसके लिए जापानी सरकार ने इन कंपनियों को अरबों रुपये की राहत देने का ऐलान किया था।
पिछले कुछ समय में जापान ने Quad को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। Indo-Pacific में चीनी प्रभाव को कम करने के लिए भारत के साथ मिलकर जापान ने ट्रम्प की विरासत को आगे बढ़ाने की पूरी कोशिश की है, जिसके बाद जापान के खिलाफ भी चीनी जासूसी कार्यक्रम तेजी से एक्टिव हुआ है। जापान में चीन ने बेशक अपने कर्मचारियों को मोहरा बनाकर जापानी यूजर्स के डेटा को चुराने का काम किया हो, लेकिन अब जापानी सरकार ने कार्रवाई कर दिखा दिया है कि वह चीन के इस मंसूबों को सफल नहीं होने देगी।