‘सांप को दूध पिलाओगे तो वो एक दिन तुम्हें ही काटेगा’ ये कहावत अब कांग्रेस और पत्रकार निधि राजदान के ऊपर बिल्कुल सटीक बैठती है। कांग्रेस के भले के लिए भी कोई कुछ बोलता है तो कांग्रेस की ट्रोल आर्मी उसकी फजीहत करने में जुट जाती है। निधि राजदान की हालत भी कुछ ऐसी ही है। निधि राजदान ने कांग्रेस नेतृत्वका कमी गिनाते हुए कुछ बेहद ही महत्वपूर्ण बातें कही हैं और यहां तक कहा है कि अगर कांग्रेस इन पांच राज्यों के चुनावों में कुछ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती है तो फिर उसका खात्मा लगभग तय हो जाएगा। निधि राजदान ने सब-कुछ कांग्रेस के भले के लिए कहा था लेकिन कांग्रेसियों को ये बात अच्छी नहीं लगी है।
देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस की वर्तमान स्थिति ये है कि उसके अपने ही नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। इस मसले पर वामपंथी पत्रकार निधि राजदान ने गल्फ न्यूज के अपने एक लेख में स्वराज इंडिया के नेता योगेन्द्र यादव की बात का उल्लेख किया और कहा कांग्रेस अगर इन पांच राज्यों मे चुनावों में कुछ अच्छा प्रदर्शन कर बीजेपी को नहीं पछाड़ती है तो फिर उसका खात्मा तय हो जाएगा। निधि ने इस दौरान हाल के कांग्रेस नेता पीसी चाको के इस्तीफे को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा है।
उन्होंने पीसी चाको को बयान का उल्लेख करते हुए कहा, “केरल जहां कि वायनाड सीट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी सांसद हैं, वहां के ही नेता पीसी चाकों ने पार्टी में खत्म होते लोकतंत्र और गुटबाजी का हवाला देकर इस्तीफा दिया है जो कांग्रेस के लिए राज्य में एक मुश्किल घड़ी है।” उन्होंने कहा पश्चिम बंगाल की राजनीति की बात करें तो वहां कांग्रेस मुख्य भूमिका तक में नहीं हैं। कुछ ऐसा ही हाल पार्टी का अब तमिलनाडु में भी है।
निधि राजदान ने अपने लेख में मुख्य रूप से कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि आज की स्थिति में कांग्रेस के पास कोई ऐसा नेता नहीं है जो कि पार्टी को साथ लेकर चल सके। इसलिए सबसे बुनियादी सवाल यही है कि पार्टी को कौन नेतृत्व देगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पीएम नरेन्द्र मोदी से टक्कर लेने के लिए उसके नेता राहुल गांधी की राजनीति परिवर्तन लाने होंगे, और अगर ऐसा नहीं हो सकता तो फिर पार्टी को गांधी परिवार से बाहर आकर कोई अन्य नेता चुनना होगा।
निधि राजदान ने अपने इस पूरे लेख में एक रोडमैप देने की कोशिश की है, और ये बताया है कि कैसे देश की राजनीति में यदि कांग्रेस को अपनी प्रासंगिकता बनाए रखनी है तो उसे बुनायादी परिवर्तन करने ही होंगे, लेकिन कांग्रेसियों को ये रोडमैप तनिक भी रास नहीं आया है और वो सोशल मीडिया पर कांग्रेस की ट्रोल आर्मी निधि राजदान की फजीहत करने लगी है।
निधि राजदान के इस लेख को लेकर कांग्रेस के लोगों ने उन्हें एक फेक न्यूज फैलाने वाली बता दिया है। इतना ही नहीं लोगों ने उनके हावर्ड यूनिवर्सिटी वाले प्रकरण के जख्मों को कुरेद कर उनका मजाक भी उड़ाया है। एक शख्स ने लिखा कि निधि राजदान वही पत्रकार हैं, जिन्होंने हावर्ड के ज्वाइनिंग लेटर का कोई फैक्ट चेक नहीं किया था और वो खुद को पत्रकार कहती हैं। ये तो कुछ उदाहरण हैं, असल में सोशल मीडिया पर कांग्रेस की एक ऐसी पूरी आर्मी खड़ी हो गई है जिसने निधि को बुरी तरह ट्रोल किया है।
Fake News Alert: propagandist @Nidhi openly peddling falsehood saying, "AAP emerged as number two in Gujarat Civic Polls". This is a BRAZEN LIE. AAP instead lost most seats, barring Surat.
Also, she didn't mention Punjab at all because shows paymaster Kajriwal in bad light. 👇 pic.twitter.com/2mnB8oUFoY
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) March 14, 2021
Lol this is been said by a senior journalist of that time.. Who joined Harvard without any background check and was duped..
Now she is checking the reality of #Congress
😅😂🤦♂️वाह रे तेरे अच्छे दिन#nidhi https://t.co/Rs0outhhbn
— Sup Max!! (@KuchAduriBaat) March 14, 2021
https://twitter.com/PowerofTruth8/status/1371004608911351808?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1371004608911351808%7Ctwgr%5E%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fhindi.opindia.com%2Fpolitics%2Fcongress-trolls-attack-journalist-nidhi-razdan-for-criticising-party%2F
Harvard queen @Nidhi has gone to enjoy her lunch by turning off her entire comments section in the subsequent tweet!!!
Quite brave I must admit blocking others from commenting when you face a backlash for your skewed opinion and you expect bouquets!!! https://t.co/Ek3xym2G1e
— Sridhar Ramaswamy శ్రీధర్ రామస్వామి ✋🇮🇳 (@sridharramswamy) March 14, 2021
ये पहला मामला नहीं है कि कांग्रेस के बारे में कुछ बोलने पर वामपंथी पत्रकारों के खिलाफ कांग्रेस की ट्रोल आर्मी खड़ी हुई हो। इससे पहले भी जब द प्रिंट के वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने भी राहुल गांधी के रवैए को लेकर एक वीडियो में काफी आलोचनात्मक बातें कहीं थीं, जिसके बाद कांग्रेस के लोगों ने उनकी फजीहत शुरु कर दी थी। शेखर गुप्ता के बाद अब निधि राजदान के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है, और उनकी फजीहत शुरु हो गई है।
बात अगर शेखर गुप्ता या निधि राजदान की करें तो ये बात किसी से छिपी नहीं है कि दोनों कांग्रेस के समर्थन में आए दिन बयान देते रहते हैं। इसके बावजूद अब जब इन लोगों ने कांग्रेस के भले के लिए ही सकारात्मक आलोचना की है, तो कांग्रेस को ये रास नहीं आई है जो दिखाता है कि कांग्रेस असल में किस हद तक एक असहिष्णु राजनीतिक पार्टी बन गई है और इसीलिए कांग्रेस के खिलाफ निधि राजदान ने एक लेख में कुछ तथ्यात्मक बातें कहीं हैं तो कांग्रेस को दिक्कत होने लगी। निधि राजदान की स्थिति ये हो गई है कि वो कांग्रेस की दुश्मन बन गईं हैं।