भारत में वामपंथी मीडिया समूहों को रूस के साथ रिश्तों को लेकर हमेशा ही आपत्ति रही है और देश में एक धड़ा ऐसा भी है, जो भारत के रिश्ते रूस के साथ खराब करने की नीतियों पर काम करता रहता है, जिसका सबूत एक बार फिर सामने आया है। भारतीय अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने खबर प्रकाशित की, कि अफगानिस्तान के शांति वार्ता के मुद्दे पर भारत का नाम न देकर रूस अब साफ तौर पर भारत को किनारे कर रहा है। अखबार के इस दावे के बाद देश में रूस के साथ रिश्तों को लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं, लेकिन अब रूस ने ही भारतीय वामपंथी मीडिया नेटवर्क के इस एजेंडे को ध्वस्त करते हुए अंग्रेजी अखबार की तीखी आलोचन की है, और इस खबर को फेक न्यूज करार दिया है।
दरअसल, हाल ही में ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि भारत अमेरिका के सुझाव पर अफगानिस्तान में शांति के लिए बनी 6 सदस्यीय कमेटी में शामिल हो गया है, जबकि रूस ने अपने सुझाए नामों में भारत का नाम नहीं लिया था। इस रिपोर्ट के माध्यम से इंडियन एक्सप्रेस ने दावा किया है कि रूस अब भारत के साथ रिश्तों को लेकर संवेदनशील नहीं है। इसीलिए वो भारत को किनारे कर रहा है। इस पूरे प्रकरण के बाद देश में रूस के साथ रिश्तों को लेकर चर्चा होने लगी तो अब इंडियन एक्सप्रेस के एजेंडे की काट के लिए रूसी दूतावास ने बयान जारी किया है और अखबार को लताड़ लगा दी है।
Noted publication in the Indian media which seems to be based on the ill-informed sources. Dialogue between #Russia & #India has always been very close & forward-looking on all global & regional issues, including the situation in #Afghanistan ➡ https://t.co/08iEmUpXCZ pic.twitter.com/2zm5S9b2dt
— Russia in India 🇷🇺 (@RusEmbIndia) March 9, 2021
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अफगानिस्तान के मुद्दे पर रूस और भारत के रिश्ते को लेकर एजेंडा चलाने वाले अंग्रेजी अखबार की खबर को भारत स्थित रूसी दूतावास ने फेक न्यूज बताया है। इस मुद्दे पर रूसी दूतावास ने एक विस्तृत बयान जारी किया है। बयान में कहा गया, “जाने–माने अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट, जिसमें दावा किया जा रहा है कि रूस ने अफ़ानिस्तान में शांति बहाल करने की कोशिशों से ‘भारत को दूर रखा’, ये रिपोर्ट एक ऐसे सूत्र के हवाले से लिखी गई है जिसकी जानकारियां ग़लत हैं। रूस और भारत के बीच संवाद हमेशा सभी वैश्विक और अफ़ग़ानिस्तान सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर बहुत क़रीबी का और दूरदर्शी रहा है।”
रूसी दूतावास की ओर से अफगानिस्तान में भारत की भूमिका को अहम बताया गया है। उनका कहना है कि भारत को किसी भी कीमत पर नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। रूसी दूतावास के बयान में कहा गया, “अफ़ग़ानिस्तान समझौते की जटिलता के कारण, एक क्षेत्रीय सहमति और अमेरिका सहित अन्य भागीदारों के साथ समन्वय बनाना महत्वपूर्ण है। रूस ने हमेशा ये कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में भारत की भूमिका अहम है, और ऐसे में इस मामले में उसकी गहरी भागीदारी और संवाद होना स्वभाविक है।”
रूसी दूतावास का कहना पूर्णतः सही है कि भारत की भूमिका अफ़गानिस्तान के क्षेत्र में काफी अहम है, और वहां की शांति और विकास के लिए भारत द्वारा किए गए कार्य इस बात का सार्थक प्रमाण हैं। ऐसे में साफ है कि भारत की वामपंथी मीडिया भारत में फेक न्यूज का एजेंडा चलाने के बाद अब भारत और रूस के रिश्तों के असमंजस पैदा कर एजेंडा चलाने की कोशिश कर रही है जिसे अब रूसी दूतावास ने लताड़ दिया है।
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ऐसा पहली बार नहीं है जब भारतीय वामपंथी मीडिया ने रूस के साथ रिश्तों को लेकर कोई फेक न्यूज आधारित एजेंडा चलाया हो। भारत और रूस के बीच शिखर वार्ता रद्द होने के मामले में भारतीय मीडिया के ‘द प्रिंट’ ने एक फेक एजेंडा चलाया था और कहा था कि अब रूस भारत से दूरियां बनाने लगा है। इस मुद्दे पर द प्रिंट को भी रूसी दूतावास ने लताड़ लगाते हुए उसकी पत्रकारिता की तीखी और आक्रामक आलोचना की थी। अब प्रिंट की तरह ही एजेंडा चलाने पर इंडियन एक्सप्रेस को भी रूसी दूतावास के बयान के जरिए मुंह की खानी पड़ी है जो कि उसकी प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहा है।