जब सचिन वाझे को NIA ने मुकेश अंबानी के घर के सामने विस्फोटकों से भारी गाड़ी पार्क करने और मनसुख हिरेन की रहस्यमयी मृत्यु में शामिल होने के लिए हिरासत में लिया, तो सभी लोगों के दिमाग में एक प्रश्न था – आखिर क्यों? क्यों सचिन वाझे ने ऐसे बचकाने कारनामे को अंजाम दिया?
अब NIA की माने तो सचिन वाझे द्वारा इस पूरे प्रकरण को अंजाम देने के पीछे एक ही मकसद था – अपनी खोई हुई इज्जत वापिस पाना। हाल ही में सचिन वाझे द्वारा चलाई जा रही मर्सिडीज़ जब्त की गई, जिसमें स्कॉर्पियो पर लगाई गई नकली नंबर प्लेट, नोट गिनने की मशीन और लगभग 5 लाख रुपये नकद भी बरामद हुए हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत के अनुसार, “एनआईए के अधिकारियों का कहना है कि इस पूरी घटना के पीछे सचिन वाझे का ही हाथ है और उन्होंने अपनी खोई इज्जत पाने की खातिर सब किया। हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया गया कि मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ही मुकेश अंबानी के घर के बाहर बम कांड के पीछे थे, जिन्होंने एक पुलिस अधिकारी के तौर पर खुद की काबिलियत दिखाने और अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा वापस पाने के लिए इस पूरे प्रकरण को अंजाम दिया”
बता दें कि 25 फरवरी को अंबानी के घर के बाहर एक संदिग्ध स्कॉर्पियो कार मिली थी, जिसमें जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद की गई थीं।
NIA के अधिकारियों के अनुसार, “एनआईए ने काले रंग की मर्सिडीज बेंज को जब्त कर लिया है। इसमें स्कॉर्पियो कार की नंबर प्लेट, 5 लाख रुपये से अधिक की नकदी, एक नोट गिनने की मशीन और कुछ कपड़े बरामद हुए हैं। सचिन वाझे इस कार को चलाते थे लेकिन यह किसकी है इसकी जांच की जा रही है”
बता दें कि मुंबई पुलिस में सहायक इंस्पेक्टर सचिन वाझे कभी दया नाइक और प्रदीप शर्मा जैसे अधिकारियों के साथ एक प्रसिद्ध एनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे। ख्वाजा यूनिस की कथित हिरासत में मौत के बाद उन्हें 2004 में निलंबित कर दिया गया था। लेकिन 2020 में उन्हे आश्चर्यजनक रूप से बहाल कर दिया गया। ये वही सचिन वाझे हैं, जिन्होंने अर्नब गोस्वामी को अन्वय नाईक के आत्महत्या मांले में गिरफ्तार किया था।
NIA का मानना है कि वे सचिन ने मुंबई पुलिस की नजर में हीरो बनने के लिए इस साजिश को अंजाम दिया था। एनआईए के एक अधिकारी कहा कि सचिन वाझे मुंबई पुलिस के सामने यह साबित करना चाहते थे कि वह अभी भी एक बम की साजिश को हल करने के रूप में काफी अच्छे हैं। इसलिए उसने एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लगाने के लिए इस पूरे प्रकरण की योजना बनाई। वह फिर से लाइमलाइट में आना चाहते थे। इसी वजह से उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया। बस उन्होंने यह नहीं सोचा था कि यह मामला NIA को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अपनी कथित प्रतिष्ठा को वापिस पाने के लिए सचिन वाझे ने न केवल नैतिकता की धज्जियां उड़ाई, बल्कि शिवसेना के खिचड़ी गठबंधन पर भी एक गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है, जिसके टिकने की उम्मीदें अब बहुत कम दिखाई दे रही हैं।