तमिलनाडु की राजनीति में बीजेपी के लिए हमेशा ही कोई खास जनाधार नहीं था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री जे जयाललिता की मृत्यु के बाद राज्य में राजनीतिक रिक्तता पाकर जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत बीजेपी के चाणक्य अमित शाह ने वहां लगातार दौरे किए, जिसका नतीजा ये है कि राज्य में बीजेपी और AIADMK का अच्छा गठबंधन है, लेकिन विधानसभा चुनावों से पहले सजा काटकर निकली जयाललिता की करीबी शशिकला इस गठबंधन और AIADMK के लिए मुसीबत बन गईं थी क्योंकि वो पार्टी में एक बड़ी फूट डालने की वजह बन रही थी, लेकिन अब शशिकला ने ही राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया है।
जयाललिता की मृत्यु के बाद राज्य की राजनीति में शशिकला ने लगातार अपनी ही पार्टी AIADMK के लिए मुसीबतें खड़ीं करना शुरु कर दी थी, लेकिन फिर भ्रष्टाचार के मामले उन पर भारी पड़े और वो सजा काटने जेल गईं। इसके बाद जब चार वर्ष पूरे होने पर वो सजा काट कर बाहर आई, तब से राज्य की राजनीति में वो भूचाल खड़ा करने लगी । विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की ये स्थिति एआईएडीएमके और बीजेपी के गठबंधन के लिए सबसे बड़ी मुसीबत का सबब बन सकती थी, क्योंकि शशिकला का अपना बड़ा जनाधार है और ये AIADMK को ही तोड़कर पार्टी और गठबंधन को बर्बाद कर सकता था लेकिन अचानक अपने एक ऐलान सब उन्होने सब कुछ पलट दिया है।
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भ्रष्टाचार के मामलों में सजा काटकर बाहर आईं शशिकला ने एआईएडीएमके से अलग होकर अलग एक नई पार्टी के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन अचानक किए एक ऐलान में शशिकला ने कहा कि वो अब राजनीति छोड़ रही हैं। उन्होंने कहा, “मैनें कभी सत्ता या पद की कामना नहीं की। मैं हमेशा तमिलनाडु के लोगों और ‘अम्मा‘ (जयललिता) की आभारी रहूंगी। मैं ईश्वर से प्रार्थना करूंगी कि तमिलनाडु में ‘अम्मा‘ का शासन जारी रहे।”
Tamil Nadu: In a statement, VK Sasikala says she is quitting public life; asks the AIADMK cadre to stand united and ensure DMK is defeated in forthcoming Assemlby elections.
(file photo) pic.twitter.com/qEXfWLkXhq
— ANI (@ANI) March 3, 2021
जयललिता को तमिलनाडु की जनता ‘अम्मा’ से संबोधित करती थी, ठीक इसी तरह शशिकला को चिनम्मा कहकर बुलाती है जो शशिकला की लोकप्रियता का प्रमाण है। ऐसे में ये माना जा रहा था कि राज्य की राजनीति में एआईएडीएमके-बीजेपी गठबंधन को नुकसान हो सकता है। शशिकला के आने से विपक्षी डीएमके-कांग्रेस गठबंधन काफी उत्साहित था, जो कि जायज बात भी थी। लेकिन अब उनके मंसूबों पर पानी फिर चुका है।
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शशिकला के राजनीति छोड़ने के बाद सहज रूप से वो लोग भी एआईएडीएमके के समर्थन में आ जाएंगे जो कल तक शशिकला का समर्थन कर रहे थे, वहीं एआईएडीएमके-बीजेपी गठबंधन पहले ही काफी मजबूत था, और अब जब शशिकला ने राजनीति भी छोड़ दी है तो एआईएडीएमके के वोट बैंक के छिटकने की संभावनाएं न के बराबर हो गई हैं, जिसके चलते ये माना जा रहा है कि अब तमिलनाडु की राजनीति में एनडीए से पहले से ज्यादा मजबूत है जो कि यूपीए के लिए सबसे बड़ी मुश्किल होगा।
इस पूरे बदले हुए समीकरण में मुख्य धुरी शशिकला हैं क्योंकि उनका राजनीति छोड़ने का एक फैसला बीजेपी-एआईएडीएमके गठबंधन के लिए एक नई ऊर्जा लेकर आया है और ये विधानसभा चुनाव को अब काफी हद तक एकतरफा कर चुका है जो डीएमके और कांग्रेस के लिए अब एक बड़ी हार का संकेत दे रहा है।