द टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि संयुक्त राष्ट्र ने खालिस्तानी आतंकी संगठन से $10,000 का चंदा लिया है। यह चंदा “Sikhs For Justice” नामक संस्था से लिया गया है जो कि यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में स्थित है। “Sikhs For Justice” संगठन संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ “ Commission of inquiry” गठन करने के लिए lobbying कर रहा है। यह संस्था अपने सोश्ल मीडिया पर भारत विरोधी पोस्ट साझा करता है, जिसके चलते भारत में प्रतिबंधित है।
“Sikhs For Justice” का नाम लाल किले पर 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद आया था। एक वीडियो में इस संगठन का मुखिया एमओ धालीवाल (MO Dhaliwal) भारत विरोधी बात कह रहा था, जिसमें यह कहता सुना गया कि किसान आंदोलन तो बस शुरुआत है, इसके आगे भी भारत के खिलाफ जंग जारी रहेगी। बस यह ही नहीं, बहुचर्चित “toolkit” जिसमें भारत के अंदर विरोध प्रदर्शन और दुनिया भर में भारत के दुतवास के बाहर प्रदर्शन की बात कही है, उसके करता धरता भी SFJ ही हैं।
द यूनाइटेड नेशन्स हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स के प्रवक्ता ने जेनेवा में टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा “हम पुख्ती करते है कि, हमें $10,000, 1 मार्च को “ Sikhs For Justice” संस्था से प्राप्त हुआ है, इसका पेमेंट ऑनलाइन माध्यम से किया गया है। आमतौर पर हम ऑनलाइन माध्यम से आए चंदा को मानते नहीं है, जब तक कोई संगठन या इंसान संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित न हो।”
यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में रहने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू, जिसको भारत ने खालिस्तानी आतंकवादी घोषित किया है, वो SFJ का General Counsel है। उसने द टाइम्स ऑफ इंडिया से वार्ता के दौरान कहा है कि SFJ ने UNHRC को $10,000 को चंदा दिया है ओर पूरी कोशिश कर रहा है कि भारत के खिलाफ “Commission of inquiry” बैठे ।
गुरपतवंत सिंह पन्नू ने आगे कहा, “मेरी जानकारी के अनुसार अभी संयुक्त राष्ट्र ने कोई कार्रवाई की शुरुआत नहीं हुई है, लेकिन SFJ निरंतर प्रयास कर रहा है कि भारत के ऊपर जल्द से जल्द कार्रवाई हो”।
जब TOI ने यूनाइटेड नेशन्स हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स से बात की तो उन्होंने कहा, “OHCHR ने भारत के खिलाफ ‘Col’ जारी नहीं किया है और न ही ऐसा कोई प्लान है। ऐसे फैसले 47 देश जो की UNHRC के मेम्बर है उनकी सहमति से लिए जाते हैं, कोई इंसान या संगठन के कहने पर यह फैसला नहीं लिया जाता है।”
यह खबर आने से पहले, TFI ने अपनी रिपोर्ट्स में बताया भी है कि कैसे Chilean के पूर्व राष्ट्रपति मिशेल Bachelet जो कि अभी UNHRC में हाइ कमिश्नर के पद पर हैं, उनके माध्यम से SFJ भारत के खिलाफ ‘commission of inquiry’ बैठाने के लिए दबाव दे रहा था। Bachelet भारत विरोधी बयान और रुख के लिए जानी जाती हैं। हाल ही में उनका किसान आंदोलन मे मानवाधिकार के उल्लंघन के खिलाफ और कश्मीर में भी मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ के बयान से सुर्ख़ियो में थी।