आप हिंदू हैं और कमल हासन को वोट देने की सोच रहे हैं, तो पहले उनके ये बयान देख लीजिए

हिन्दुओं को आतंकवादी कहने वाले कमल हासन, लड़ने जा रहे हैं चुनाव

हाल ही में अभिनेता कमल हासन ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी, मक्कल नीधी मैय्यम तमिलनाडु के चुनाव लड़ेंगी, जिसके लिए उनके द्वारा 70 उम्मीदवारों की प्रथम सूची जारी की है। मक्कल नीधी मैय्यम 294 में से 154 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, और उसके सहयोगी दल IJK और AISMK 40 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।

तो अब ये स्पष्ट हो चुका है कि कमल हासन आधिकारिक तौर पर चुनाव लड़ेंगे। एक प्रचलित अभिनेता के तौर पर कमल हासन के कई प्रशंसक होंगे, जो उसे वोट देने के लिए तत्पर होंगे। लेकिन उससे पहले कमल हासन जैसे लोगों की सच्चाई से भी लोगों को अवगत होना चाहिए, खासकर हिंदुओं को, जो कमल हासन के लिए शायद इंसान कहलाने योग्य भी नहीं।

जब कमल हासन ने लोकसभा में तमिलनाडु की 37 सीटों पर चुनाव लड़ा था, तो अपने आप को सेक्युलर नेता के तौर पर स्थापित करने के लिए उन्होंने ऐलान किया कि स्वतंत्र भारत का पहला आतंकवादी हिन्दू था, और कमल का इशारा स्पष्ट तौर पर नाथूराम गोडसे की ओर था, जिन्होंने महात्मा गांधी को मार गिराया था। अब ये और बात है कि चुनाव में उनकी पार्टी का कोई उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा पाया।

परंतु ये तो अभी शुरुआत थी। एक स्थानीय न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में कमल हासन ने महाभारत का उपहास उड़ाने का अवसर भी नहीं छोड़ा। जनाब कहते हैं, “ये वो देश है जो बड़े चाव से ऐसी पुस्तकें पढ़ता है, जिसमें औरत को अपनी लालसा के लिए एक मोहरे के तौर पर दांव पर लगाया जाए और उनकी इज्जत लूटी जाए।”

यह बयान न सिर्फ महाभारत महाकाव्य की दृष्टि से अपमानजनक है, बल्कि द्रौपदी के साथ हुई त्रासदी के लिहाज से भी अनुचित है।

इसके अलावा कमल हासन ने यह भी सिद्ध करने का प्रयास किया कि कैसे भारत में सनातन धर्म का कोई नामोनिशान है ही नहीं। जहां उन्होंने हिन्दू शब्द की उत्पत्ति के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किये, तो वे ये भी सिद्ध करना चाहते थे कि सनातन धर्म या उसके अनुयाई जैसा कुछ नहीं है, और इन्हे हिन्दू नाम मुगलों और अंग्रेजों ने दिया था। वैसे ये वही कमल हासन हैं, जो विश्वरूपम के प्रति जरा सा विरोध होने पर कट्टरपंथी मुसलमानों से घिघियाते हुए माफी भी मांगते हैं

अब कमल हासन जितने ही हिन्दू विरोधी हैं, उतने ही भारत विरोधी। पुलवामा हमले के बाद उसने अप्रत्यक्ष तौर पर भारतीय सेना की प्रतिबद्धता सवाल उठाते हुए कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की बात की। लेकिन जैसे ही भारतीय वायुसेना ने पुलवामा हमले के जवाब में पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, कमल हासन गजब की पलटी मारते हुए भारतीय सेना के पराक्रम की तारीफ करने लगे।

कमल हासन वो थाली के बैंगन हैं, जो मौका देखकर चौका लगाने का प्रयास करते हैं। लेकिन इनकी पार्टी को वोट देने से तमिलनाडु के हिंदुओं को एक बार अवश्य सोचना चाहिए कि उनके लिए उनका आत्मसम्मान ज्यादा जरूरी है, या कमल हासन के लोकलुभावन वादे।

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