पंजाब की छवि अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते तथाकथित किसान आंदोलन को प्रायोजित कर सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस की अमरिंदर सिंह सरकार ने बर्बाद कर दी है, जिससे अब पंजाब को आर्थिक नुकसान होना शुरू हो चुका है। इस कड़ी में अब नया झटका पंजाब को बीसीसीआई ने भी दिया है क्योंकि बोर्ड ने तय किया है कि इस बार आईपीएल के मैच पंजाब के मोहाली में नहीं होंगे। बोर्ड इसके पीछे की वजह कोरोनावायरस को बता रहा है लेकिन इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता कि राज्य की अराजकता इस फ़ैसले में बड़ी वजह बना है।
पंजाब की टीम किंग्स इलेवन पंजाब आईपीएल में खेलती है, लेकिन इस बार वो अपने होम ग्राउंड पर नहीं खेल पाएगी, क्योंकि कोरोना के सहारे बीसीसीआई ने मोहाली नाम तय वेन्यू की सूची से उड़ा दिया है। पंजाब में आज की ताजा स्थिति की बात करें, तो किसान आंदोलन के कारण राज्य की छवि काफी हद तक खराब हो चुकी है। कम्युनिकेशन इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचाने से लेकर राज्य में बढ़ती अपराधिक गतिविधियां उसकी गिरावट की बड़ी वजहें हैं। ऐसे में अब बीसीसीआई ने भी पंजाब को झटका दे दिया है।
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दरअसल, हाल ही में आईपीएल का आयोजन करने वाले बीसीसीआई ने पंजाब के विषय में बड़ा फैसला लिया है, कि मोहाली में इस बार आईपीएल का कोई क्रिकेट मैच नहीं होगा। बीसीसीआइ के वेन्यू चार्ट के मुताबिक इस सीजन में आइपीएल का आयोजन सिर्फ छह शहरों में होगा। यह शहर दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता और अहमदाबाद हैं। मुंबई को स्टैंडबाई के तौर रखा गया है। दिलचस्प बात ये है कि इससे पहले प्रतिवर्ष मोहाली के बिंद्रा स्टेडियम में 7-8 मैच होते थे।
इस मामले में पीसीए ने भी प्रतिक्रिया दी है, और बीसीसीआई के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। इस मामले में पीसीए प्रवक्ता सुशील कपूर ने कहा कि किसी भी टीम के लिए घरेलू मैदान पर खेलना हमेशा फायदेमंद होता है। एक तो टीम को पिच की स्थिति और मौसम का अनुमान होता है। दूसरा घरेलू प्रशंसकों की भीड़ से खिलाड़ी भी उत्साहित होते हैं। आइपीएल में वही टीमें अच्छा प्रदर्शन करती हैं, जो घरेलू मैदान में बेहतर खेल दिखाती है। वहीं बीसीसीआई का कहना है कि ये कोरोनावायरस के चलते लिया गया है, जबकि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पंजाब की अराजकता इस अहम फैसले की एक सबसे बड़ी वजह है, वरना बढ़ते कोरोना के बावजूद मुंबई की तरह मोहाली को स्टैंडबाई पर तो रखा ही जा सकता है, क्योंकि ये देश के महत्वपूर्ण क्रिकेट स्टेडियमों की सूची में शामिल है।
I am surprised at the exclusion of Mohali Cricket Stadium for the upcoming IPL season. I urge and appeal to @BCCI & @IPL to reconsider their decision. There is no reason why Mohali can't host IPL and our Government will make all necessary arrangements for safety against #Covid19.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) March 2, 2021
इसीलिए इस मुद्दे पर तुरंत ही राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी भरोसा दिया है कि वो कोरोनावायरस के मामले अतिरिक्त सुरक्षा देने को तैयार हैं। उनका कहना है कि कोरोना को लेकर राज्य सरकार बीसीसीआई के नियमानुसार अतिरिक्त व्यवस्था करेगी, लेकिन बीसीसीआई को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए, मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर बोर्ड के अचानक लिए फैसले की कड़ी आलोचना भी की है।
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पंजाब की अराजकता इतनी ज्यादा है कि वहां सुरक्षा पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं आईपीएल में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर भी आएंगे। ऐसी स्थिति में कोई भी अनहोनी हुई तो सीधा नुकसान देश की छवि को भी होगा। इसलिए बीसीसीआई ने कोरोनावायरस के बहाने एक सही फैसला लिया है। वहीं, इससे पंजाब के अराजकतावादी लोगों और सरकार को भी सबक मिलेगा क्योंकि आईपीएल मैचों के न होने से राज्य को बड़ा आर्थिक नुकसान होगा। वहीं पंजाब के लोगों में भी सरकार की ही छवि बर्बाद होगी।