कुछ लोग ऐसे होते हैं जो खुद को बड़ा बहादुर दिखाने की कोशिश करते हैं, लेकिन हकीकत में काफी डरे हुए होते हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का हाल भी कुछ ऐसा ही है, वो अपने बागी नेता शुभेंदु अधिकारी को सबक सिखाने के नाम पर नंदीग्राम में चुनाव लड़ने की बात तो कर रही हैं, लेकिन उन्हें हार का डर भी सता रहा है। इसीलिए उन्होंने ये संकेत भी दिया है कि वो Tollygunge की विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ सकती हैं, साफ है कि ममता अंतिम पलों में अपनी बीतों से पलट भी सकती हैं।
A nervous Mamata Banerjee not only deserts her traditional seat of Bhowanipore but also keeps the option of contesting Tollygunge open. In the press she slips in, “I may contest too” while announcing Arup Biswas’s name for the seat!
Pishi is sensing defeat…#PaliyeGeloMamata pic.twitter.com/qrfF8nChg6
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) March 5, 2021
विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी का अभियान पश्चिम बंगाल में काफी आक्रामक है और ये ममता के डर की सबसे बड़ी वजह है। ऐसे में ममता के लिए दूसरी सबसे बड़ी मुसीबत ये भी है कि उनके एक बेहद करीबी और कद्दावर नेता टीएमसी छोड़ बीजेपी मे जा चुके हैं। ऐसे में बीजेपी ने ममता को शुभेंदु की सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती दे दी थी, जिसे अब ममता बनर्जी ने भी स्वीकार करके एक नई मुसीबत मोल ली है। ममता दीदी चुनावी जोश और आत्मविश्वास में इतना आगे निकल गईं हैं कि उन्होंने ये तक कह दिया कि वो अपनी परंपरागत सीट भवानीपुर से भी चुनाव नहीं लड़ेंगी। ममता ने पहले तो ये बात बोल दी लेकिन अब ममता को अपने बड़बोलेपन का एहसास काफी जल्दी ही हो गया और उन्होंने इसीलिए एक और बड़ा संकेत दिया है।
ममता बनर्जी ने पहले तो विधानसभा चुनाव को लेकर एक सीट नंदीग्राम से ही लड़ने का ऐलान किया, लेकिन बाद में जब उन्हें अपने बड़बोलेपन का एहसास हुआ तो उससे सबक लेते हुए थोड़ी ही देर में उन्होंने अपने आप को संभाल लिया। ऐसे में उन्होंने अन्य उम्मीदवारों का नाम लेते हुए Tollygunge सीट के उम्मीदवार का नाम भी लिया लेकिन एक बड़ा संकेत भी दिया। उन्होंने कहा कि वो भी इस सीट से शायद चुनाव लड़ सकती हैं। ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी हो जाता है कि ममता ने अचानक ऐसा क्यों कहा?
नंदीग्राम को लेकर ममता बनर्जी ने चुनाव लड़ने की बात तो कह दी लेकिन वो इस बात को अच्छे से जानती हैं कि शुभेंदु अधिकारी का असली गढ़ नंदीग्राम ही है। ऐसे में यदि वो केवल एक ही सीट से चुनाव लड़ेंगी तो वो चुनाव हार भी सकती है। ममता के लिए ये काफी मुश्किल होगा कि वो मुख्यमंत्री तो छोड़ो विधायक भी नहीं रह पाएंगी, उन्हें एहसास हो चुका है कि उन्होंने जोश में एक ऐसा बयान दिया है जो कि उन पर भी भारी ही पड़ेगा।
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ऐसे में अब वो एक संकेत दे रही हैं कि वो Tollygunge की सीट से भी लड़ सकती हैं। साफ है कि ममता खुद को आक्रामक दिखाने की कोशिश कर रही हैं लेकिन असल में वो इस सीट से चुनाव लड़ने को लेकर डरी हुई हैं। इसीलिए ऐसा संभव है कि अंत समय में ममता नंदीग्राम सीट से पीछे हट जाएं या फिर एक की जगह दो विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़े जो कि उनके खौफ को पूर्णतः प्रतिबिंबित करता है।