लतिका सुभाष का सिर मुंडवाना केरल कांग्रेस की नाकामी का जीता जागता सबूत है

लतिका सुभाष

PC: Mangalam

केरल में इन दिनों काफी राजनीतिक उथल पुथल मची हुई है। गोल्ड घोटाले के कारण पिनाराई विजयन और उनकी सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया [मार्क्सवादी] की सत्ता वापसी लगभग न के बराबर हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के केरल वापसी की संभावना अधिक प्रबल है। लेकिन सच्चाई तो कुछ और ही बता रही है।

हाल ही में केरल कांग्रेस के आधिकारिक दफ्तर के सामने एक विचित्र घटना घटी। केरल के महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने न सिर्फ अपने पद से इस्तीफा दिया, बल्कि तिरुवनंतपुरम में स्थित पार्टी मुख्यालय के बाहर ही अपना सिर भी मुंडवा लिया।

महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष लतिका सुभाष का आरोप है कि कांग्रेस ने चुनाव के लिए उम्मीदवार चुनने में धांधलेबाज़ी की है, और महिलाओं को पर्याप्त सीटें नहीं मिली है। उनके अनुसार, “हमने महिलाओं के उचित प्रतिनिधित्व के लिए कई बार आवाज उठाई, पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। यहां तक कि मुझे चुनाव में लड़ने भी नहीं दिया जा रहा है। मैं दूसरी पार्टी में शामिल होने नहीं जा रही हूँ, परंतु अपना विरोध जताने के लिए मैंने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय किया है”।

केरल में कुल 140 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस 92 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। अभिनेता धर्माजन को कोझिकोड जिले की Balussery सीट से उतारने के अलावा कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी को पुथुपल्ली सीट से जबकि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नीथला को हरिपद सीट से उम्मीदवार बनाया है।

अब तक 86 उम्मीदवारों की सूची जारी की जा चुकी है, लेकिन इनमें कहीं भी लतिका सुभाष का नाम नहीं था। लतिका ने आगे ये भी बताया, “कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष [एम रामचंद्रन] ने उम्मीदवारों की सूची तैयार करते वक्त महिलाओं की दावेदारी की अनदेखी की, जो स्वीकार्य नहीं है। अब तक घोषित 91 उम्मीदवारों में से केवल 9 महिला हैं, जबकि हमने [महिला कॉन्ग्रेस] ने इन चुनावों में कम से कम 20 सीटें मांगी थी। मैंने इत्तूमनूर से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, क्योंकि मैं यहीं पैदा हुई और पली बढ़ी हूँ”।

अब इससे दो बातें सिद्ध होती है – केरल कांग्रेस में नेतृत्व का बहुत बड़ा संकट है, और दूसरा यह कि राहुल गांधी की कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर है। अब आप सोच रहे होंगे कि राहुल गांधी का इस पूरे प्रकरण से क्या वास्ता? दरअसल, जब राहुल गांधी केरल दौरे पर आए थे, तो उनके बस दो ही उद्देश्य थे – नारी सशक्तिकरण और ‘गरीबों’ के प्रति अपना वात्सल्य दिखाना। इसके लिए उन्होंने सागर में मछली पकड़ने के लिए डुबकी लगाने से लेकर कॉलेज में नाचने और स्कूलों में पुशअप करने तक क्या कुछ नहीं किया।

लेकिन लतिका सुभाष के साथ जो हुआ, उससे इतना तो साफ है कि कांग्रेस केवल नाम के लिए नारी सशक्तिकरण की दुहाई देती है, असल में पार्टी का इससे दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं। इसके अलावा केरल में हाल में कई बड़े नेताओं ने कांग्रेस छोड़ी है। इनमें कद्दावर नेता पी सी चाको के अलावा प्रदेश सचिव एमएस विश्वनाथन, महिला कांग्रेस सचिव सुजया वेणुगोपाल, इंटक महासचिव पीके अनिल कुमार, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य केके विश्वनाथन जैसे नेता शामिल हैं। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि लतिका सुभाष का मुंडन केरल में कांग्रेस की असफलता का परिचायक है।

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