चिप मैन्युफैक्चरिंग के लिए $1 बिलियन, भारत को चिप मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में मोदी सरकार का बड़ा फैसला

Semi-Conductor

Tech सेक्टर से लेकर Automobile सेक्टर और Artificial Intelligence सेक्टर तक में अति-महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली Semi-Conductor चिप्स की मांग में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है, जबकि दूसरी ओर चीन में सप्लाई चेन में दिक्कतें आने के कारण इसके उत्पादन में गिरावट देखने को मिली है। शायद यही कारण है कि अब भारत सरकार ने मौके पर चौका लगाते हुए देश में Semi-Conductor चिप्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अब एक बड़ी Incentive स्कीम की घोषणा की है।

भारत सरकार के ऐलान के मुताबिक अब भारत सरकार देश में Semi-Conductor चिप्स का उत्पादन करने आने वाली कंपनी को 1 बिलियन डॉलर की फंडिंग प्रदान करेगी। सरकार ने साथ में ये भी कहा है कि उत्पादकों से सरकार खुद भी Chips खरीदेगी और साथ ही प्राइवेट कंपनियों को भारत में बनी chips ही इस्तेमाल करने पर बाध्य किया जाएगा। यानि एक तरफ Chips उत्पादकों को Input लेवल पर सरकार से फंडिंग मिलेगी, तो वहीं Output लेवल पर सरकार Chips बिकवाने में भी इन कंपनियों की मदद करेगी।

ऐसा करके सरकार का मकसद है कि देश को Semi-Conductor चिप्स के उत्पादन का केंद्र बना दिया जाए, ताकि इस 450 बिलियन डॉलर के उद्योग का बड़ा हिस्सा भारत के हिस्से में आ सके। अभी Semi-Conductor चिप्स की मांग बहुत ज़्यादा बढ़ी हुई है और ऐसे में भारत Quad के साथी देशों के साथ मिलकर अपने यहाँ के चिप उद्योग को बड़ा बूस्ट प्रदान कर सकता है।

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भारत में पहले ही Foxconn, Pegatron और Wistron जैसे बड़े चिप्स उत्पादन करने वाली कंपनियां काम करती हैं जो अभी देश में मोबाइल फोन असेंबल करने का काम कर रही हैं। सरकार चाहती है कि अब देश में Manufacturing को बढ़ावा देने के लिए Semi-Conductor चिप्स के क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाया जाए, ताकि चिप बनाने वाली जरूरतमंद कंपनियां अधिक से अधिक संख्या में भारत में अपना कारोबार स्थापित कर सकें।

भारत सरकार नई रणनीति के तहत incentive schemes के आधार पर देश में Laptops और मोबाइल फोन के उत्पादन को बढ़ावा देने पर पहले ही काम कर रहा है। पिछले वर्ष जून महीने में भारत सरकार ने Mobile Manufacturing के लिए तो 6.7 बिलियन डॉलर की एक incentive scheme को लॉन्च किया था। भारत सरकार अभी अपने यहाँ मोबाइल फोन के निर्माण को बढ़ावा देने में लगी है, और यह कोशिश सफ़ल होती दिखाई भी दे रही है। वर्ष 2025 तक भारत Mobile phone क्षेत्र में 133 बिलियन का व्यापार करना चाहता है, जो भारत के आर्थिक विकास में योगदान देगा। इसके साथ ही सरकार ने इसी वर्ष फरवरी में Laptops और Servers के उत्पादन हेतु 7325 करोड़ रुपये की Incentive स्कीम लॉन्च करने की घोषणा की थी।

भारत सरकार पहले ही ‘Make in India’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे मुहिमों को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में पहले मोबाइल, फिर Laptops और अब Semi-Conductor चिप्स क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कमर कस चुकी है और इसका मकसद एक ही है- सरकार को आने वाले 5 सालों में दुनिया का Manufacturing Hub बनाना और इस क्षेत्र में चीन के प्रभुत्व को कम करना! आत्म-निर्भर भारत अभियान के तहत भारत अब Semi-Conductor चिप्स के क्षेत्र में भी आत्म-निर्भर बनने जा रहा है, जो देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए अति-महत्वपूर्ण है।

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