एंटीलिया केस में, सचिन वाझे किसी दूसरे पुलिसवाले को मारने वाला था ?

NIA का खुलासा!

सचिन वाझे

PC: Outlook India

मुकेश अम्बानी के घर एंटीलिया के बाहर बम रखने के मामले में जांच के बीच रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब NIA ने एक और नया खुलासा किया है और बताया है कि सचिन वाझे ‘एंटीलिया के पास बम रखने के बाद कुछ और बड़ा करने की योजना बना रहे थे। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार NIA के सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुंबई API सचिन वाझे ‘एंटीलिया के पास स्कॉर्पियो में विस्फोटक लगाने के बाद एक एनकाउंटर की प्लानिंग कर रहे थे। इस एनकाउंटर में वह किसी पुलिसवाले या अपराधी की हत्या करने वाले थे। फिलहाल, इसका खुलासा नहीं किया गया है लेकिन इसका खुलासा NIA जल्द ही कर सकता है। भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार वह कुछ लोगों का एनकाउंटर कर पूरे मामले को उनके सिर पर डालने वाले थे जिससे उनका नाम सामने न आये। ये एनकाउंटर औरंगाबाद से चोरी एक ‘मारुति इको’ कार में किया जाना था। NIA को शक है कि इस एनकाउंटर में मनसुख हिरेन को भी शिकार बनाया जा सकता था।

बता दें कि मनसुख हिरेन विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो का पंजीकृत मालिक था जो 25 फरवरी को मुंबई में अरबपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के बाहर मिली थी। मनसुख हिरेन ने दावा किया था कि एसयूवी एक सप्ताह पहले चोरी हो गई थी। हालांकि, मनसुख हिरेन 5 मार्च को मृत पाया गया था। नौपाड़ा पुलिस ने उसके शरीर को ठाणे के मुंब्रा क्रीक से निकाला था।

जांच में यह भी सामने आया है कि इस एनकाउंटर में दिल्ली के एक अपराधी को भी मारने की प्लानिंग थी। इससे पहले ही NIA की इस केस में एंट्री हो गई और वाझे की प्लानिंग फेल हो गई। इसके अलावा, NIA ने स्पष्ट किया है कि एजेंसी यह पता लगा रही है कि क्या पूर्व एनकाउंटर विशेषज्ञ प्रदीप शर्मा ने इस मामले में वाझे को ‘लॉजिस्टिक्स सपोर्ट’ प्रदान किया था? बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी की पूर्व मुंबई एपीआई सचिन वाझे से 27 दिनों से कड़ी पूछताछ कर रही है। अब NIA ने कोर्ट में खुद कहा है कि वाझे से हमें और पूछताछ की जरूरत नहीं है। मतलब एजेंसी ने विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो केस की जांच लगभग पूरी कर ली है। माना जा रहा है कि NIA जल्द दोनों केसों का खुलासा कर सकती है। इसके बाद मुंबई की NIA कोर्ट ने वाझे को 14 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी में तलोजा जेल भेज दिया।

बता दें कि 25 फरवरी को दक्षिण मुंबई के पैडर रोड स्थित एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी एक स्कॉर्पियो गाड़ी खड़ी मिली थी। 25 फरवरी की देर रात एक बजे यह गाड़ी एंटीलिया के बाहर खड़ी की गई थी। इसी दिन दोपहर में इसपर पुलिस की नजरें गईं और कार से 20 जिलेटिन की रॉड बरामद की गई। उस कार का मालिक मनसुख हिरेन था। मनसुख हिरेन क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के साथ जांच में सहयोग भी कर रहा था। इसी सिलसिले में वो अपने घर से निकला लेकिन 5 मार्च को उसका शव बरामद हुआ जिसे मुंबई पुलिस ने आत्महत्या बताया था।

लेकिन हिरेन की पत्नी और उनके परिवारवाले ने आत्महत्या के दावे को ठुकरा दिया था। हिरेन की पत्नी ने मुंबई पुलिस को लेकर खुलासा किया था कि मनसुख हिरेन किसी पुलिस अफ़सर से मिलने जा रहा था और उसके बाद ही उसकी मौत की घटना सामने आई। हिरेन की पत्नी ने यह भी दावा किया था कि मुंबई पुलिस के अफ़सर सचिन वाझे ने मनसुख की हत्या कर दी है। मनसुख ने इस गाड़ी के गुम होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। इसके बाद महाराष्ट्र ATS ने मनसुख की हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की। जाँच शुरू होने के बाद इस मामले के तार एक-एक कर सुलझने लगे और मुंबई API सचिन वाझे का हाथ सामने आया और 20 मार्च को NIA ने SUV में विस्फोटक रखने के आरोप में वाझे को गिरफ्तार किया था। वाझे के खिलाफ आरोप में UAPA भी लगा दिया गया तथा वाझे को पुलिस सेवा से फिर से निलंबित कर दिया गया। यही नहीं उनके साथ ही मुंबई के कमिश्नर परम बीर सिंह को जांच में ‘खामियों’ के कारण होम गार्ड में स्थानांतरित किया गया है। बाद में दोनों केस की जांच NIA के जिम्मे सौंप दी गई। अब नए खुलासे में यह बात और स्पष्ट हो गयी है कि इस मामले के तह में कई और राज दबे हुए हैं जिनका बाहर आना है।

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