कोरोना वायरस संक्रमण का कहर टूटने के बाद चुनाव आयोग ने बेहद जरूरी फैसला लिया है। चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों के परिणाम आने पर जश्न मनाने पर रोक लगा दी है। बता दें कि पांच राज्यों (पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी) में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे।
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि, भारत निर्वाचन आयोग 2 मई को मतगणना के दिन या उसके बाद सभी विजय जुलूसों पर प्रतिबंध लगाता है। 2 मई को मतगणना के बाद कोई भी विजय जुलूस अनुमन्य नहीं होगा। 2 से अधिक व्यक्तियों को जीतने वाले उम्मीदवार के साथ जाने की अनुमति नहीं होगी।
No victory procession after the counting on 2nd May shall be permissible. Not more than 2 persons shall be allowed to accompany the winning candidate or his/her authorised representative receive the certificate of election from the Returning Officer concerned: EC pic.twitter.com/fT3T3wvHUj
— ANI (@ANI) April 27, 2021
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, 21 अगस्त, 2020 को जारी किए गए कोविड -19 से संबंधित प्रावधान के अनुसार, 2 मई को वोटों की गिनती की जाएगी। साथ ही में नए दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते मतगणना की प्रक्रिया को संपन्न किया जाएगा। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से प्राप्त सुझावों के आधार पर जनसभाओं का संचालन करने वाले राजनीतिक दलों को दिए गए निर्देश की समीक्षा की जा रही है। बता दें कि, पश्चिम बंगाल में अभी आखिरी चरण का मतदान 29 अप्रैल को होने वाला है।
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दरअसल बात यह है कि, कल ( सोमवार) को मद्रास उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को जमकर लताड़ा था। मद्रास हाईकोर्ट ने कोरोना की दूसरी लहर बढ़ने के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया था। मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा था कि “क्या आप दूसरे ग्रह पर रह रहे हैं।’’
कोर्ट ने चुनाव आयोग को फैल रहे कोरोना संक्रमण के लिए अकेले जिम्मेदार करार दिया और कहा कि वह ”सबसे गैर जिम्मेदार संस्था”है। कोर्ट ने यहां तक कहा कि, निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के ऊपर हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज हो।