देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर के घातक साबित होने के बाद अब लोग वैक्सीन को लेकर काफी आतुर हो रहे हैं और जल्द-से-जल्द वैक्सीन लगवाना चाहते हैं। ऐसे में हजारों तरह की फेक न्यूज भी वायरल होने लगी हैं जिनका आधार शून्य है। आर्थिक मामलों की कथित सुप्रसिद्ध वेबसाइट Money Control ने अब भारत बायोटेक की को-वैक्सीन की कीमतों को 1,000 रुपए से ज्यादा का बताकर नई फेक न्यूज फैलाई है, जबकि असल बात ये है कि अभी तक कंपनी और ICMR की ओर से ऐसी कोई भी जानकारी नहीं दी गई है। कुछ इसी तरह इन लोगों ने देश से ऑक्सीजन के एक्सपोर्ट को लेकर भी बेबुनियाद रिपोर्ट प्रकाशित की थी और सरकार से लताड़ खाने के बाद खबर को ही डिलीट कर दिया था।
देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर लोगों को डरा रही है। ऐसे में मोदी सरकार ने वैक्सीनेशन के तीसरे फेज में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का वैक्सिनेशन करने का प्रोग्राम भी एक मई से शुरू करने की बात कह दी है। इसके बाद एस्ट्राजेनिका से कॉन्ट्रैक्ट कर वैक्सीन बनाने वाली भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन के एक डोज की कीमत राज्य सरकारों के लिए 400 रुपए और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपए प्रति डोज रखी है, जबकि केंद्र को वैक्सीन उसी पुरानी कीमत पर मिलेगी। इससे इतर भारत की स्वदेशी वैक्सीन को लेकर अब फेक न्यूज फैलाई जा रही है।
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सीरम इंस्टीट्यूट के आदार पूनावाला ने कोविशील्ड की कीमत सार्वजनिक की, तो आर्थिक मामलों की वेबसाइट मनी कंट्रोल ने भारत की स्वदेशी वैक्सीन को-वैक्सीन को लेकर भी ऐलान कर दिया कि भारत बायोटेक की एक वैक्सीन की कीमत 700-1000 रुपए तक की हो सकती है। अपनी हेडलाइन में इस तरह की भ्रामक बात लिखने के बाद वेबसाइट की रिपोर्ट में लिखा गया कि भारत बायोटेक की को-वैक्सीन की कीमत विदेशों में करीब 15-20 डॉलर प्रति डोज है, जबकि भारत में इसकी कीमत 2 डॉलर के करीब होगी। वेबसाइट के अनुसार कंपनी के प्रमुख कृष्णा एला कीमतों के बढ़ने का संकेत दे रहे हैं।
अब सवाल ये उठता है कि कृष्णा एला ये सारी बातें भारतीय बाजारों को लेकर कह रहे हैं या विदेशी? खुद मनी कंट्रोल बता रहा है कि भारत में वैक्सीन की कीमत 2 डॉलर प्रति डोज यानी करीब 150 रुपए होगी और विदेशों में 15-20 डॉलर प्रति डोज होगी, तो फिर ये सवाल उठाया जा सकता है कि मनी कंट्रोल अपनी ही खबर के टाइटल में भारत बायोटेक की वैक्सीन कीमतों के संबंध में इस तरह की फेक न्यूज क्यों फैला रहा है, जबकि असलियत तो ये है कि अभी तक भारत बायोटेक या ICMR ने को-वैक्सीन की कीमतों को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा ही नहीं की है।
साफ है कि मनी कंट्रोल भारत बायोटेक की स्वदेशी को-वैक्सीन की कीमतों के संबंध में फेक न्यूज फैला रहा है, लेकिन क्यो? अभी हाल ही ICMR ने अपने बयान में बताया है कि कोरोनावायरस के सभी स्ट्रेन से लड़ने में को-वैक्सीन पूर्णतः सहज है। ऐसे में स्वाभाविक है कि जनता का रुझान अब को-वैक्सीन की तरफ ज्यादा होगा। ऐसे में वैक्सीन की कीमत को लेकर फेक न्यूज फैलाकर क्या मनी कंट्रोल जनता के बीच असमंजस की स्थिति पैदा करना चाहती है? जबकि भारत में तो सभी वैक्सीन आम जनता को मुफ्त में ही लगाई जा रही है।
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फेक न्यूज फैलाने का मनी कंट्रोल का ये कारोबार कोई नया नहीं है। दरअसल, देश में ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे पर भी मनी कंट्रोल ने फेक न्यूज फैलाई थी कि सरकार ने बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन का एक्सपोर्ट किया है, जिसके बाद केंद्र सरकार ने सफाई देकर फेक न्यूज फैलाने वाली इस कंपनी को तगड़ी लताड़ लगाई थी। ऐसे में पुनः वैक्सीन की कीमत को लेकर फेक न्यूज फैलाना दिखाता है कि असल में इन मनी कंट्रोल जैसी वेबसाइटों का मुख्य मकसद ही फेक न्यूज फैलाकर जनता के बीच भ्रम की स्थिति पैदा करना है, जिससे सड़कों पर तांडव हो। इसीलिए अब आवाश्यकता है कि फेक न्यूज के इन जनकों पर सख्त कार्रवाई की जाए।