स्थिति कैसी भी हो, गृह मंत्री अमित शाह कभी अपनी कही बात से मुकरते नहीं हैं। एक के बाद एक कई इंटरव्यू के ज़रिए उन्होंने न केवल यह स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के विरुद्ध अपनी नीतियों से कोई समझौता नहीं करेगी, तो वहीं दूसरी ओर हाल ही में उन्होंने फिर से CAA और एनआरसी को सही समय पर लागू करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
उदाहरण के लिए बंगाल के नादिया जिले में आयोजित एक रैली में अमित शाह ने ‘बम, बंदूक और बारूद’ मॉडल नष्ट करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा, “हम बम, बारूद और बंदूक के मॉडल को विश्वास, विकास और व्यापार से बदलेंगे।” उन्होंने ममता बनर्जी पर हमलावर होते हुए कहा कि पिछले दिनों दीदी का एक ऑडियो सामने आया है, जिसमें वो कहती हैं कि कूच बिहार में जो चार लोग दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मारे गए हैं, उनके शव के साथ जुलूस निकालना है। दीदी, शर्म करो, मृत लोगों के साथ भी आप राजनीति कर रही हो।”
अमित शाह ने आगे कहा कि घुसपैठिए बंगाल के लोगों के हक का रोजगार लेते हैं। उनके अनुसार, “घुसपैठिये बंगाल के लोगों के हक का राशन ले जाते हैं। बंगाल के अंदर कानून व्यवस्था को बिगाड़ते हैं। घुसपैठ को रोकने का काम सिर्फ भाजपा कर सकती है और कोई नहीं कर सकता। दीदी के पास बंगाल के विकास के लिए कोई एजेंडा नहीं है। दीदी बंगाल में 12 मिनट भाषण करती हैं और 10 मिनट मोदी जी को और मुझे गालियां बोलती हैं, दो मिनट सुरक्षा बलों को कोसती हैं”।
लेकिन अमित शाह वहीं पर नहीं रुके। कुछ ही समय बाद एक अहम इंटरव्यू के दौरान उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की पोल खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जब वे ममता की अपराधियों के प्रति आसक्ति पर प्रहार कर रहे थे, तो एक पत्रकार ने प्रश्न पूछा कि CAA और एनआरसी का क्या होगा?
इस पर अमित शाह ने अपने ही चुटीले अंदाज में उत्तर दिया, “अब देखिए ये कोरोना की महामारी पर निर्भर है, लेकिन कानून बना है तो लागू भी जरूर होगा। ये हमारी प्रतिबद्धता है कि जो शरणार्थी आए हैं, उन्हे हम नागरिकता प्रदान करें”। इससे पहले भी चुनावी तैयारी के दौरान अमित शाह ने कई बार स्पष्ट किया है कि CAA और एनआरसी को लागू करने में कोई अड़चन नहीं आने पाएगी। बंगाल के लिए भाजपा के संकल्प पत्र में भी यह बात स्पष्ट दर्ज है कि बंगाल में भाजपा की सरकार बनते ही CAA और एनआरसी का काम भी ज़ोरों शोरों से शुरू किया जाएगा।
यही नहीं, अभी स्वरूपनगर में हुई रैली में भी अमित शाह ने हुंकार भरते हुए ममता बनर्जी को यह कानून लागू करने से रोकने की चुनौती दी। अमित शाह कहते हैं, “दीदी कहती हैं, हम सीएए(CAA) नहीं आने देंगे। अरे दीदी, तुम क्या सीएए रोकोगी। दो तारीख को तुम्हारी विदाई निश्चित है, उसके बाद सीएए आने वाला है।” उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि “दो मई को भाजपा सरकार बना दीजिए हम हर शरणार्थी को गले लगाकर सम्मान के साथ नागरिकता देने का काम करेंगे।”
सच कहें तो अमित शाह ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि स्थिति कैसी भी हो, यदि उन्होंने वचन दिया है तो वे अपना वादा अवश्य पूरा करेंगे। अब देखना यह होगा कि 2 मई को भाजपा की संभावित विजय के बाद अमित शाह कितनी तत्परता से CAA और एनआरसी लागू करते हैं।