ये कैसा फ्रैक्चर है? 10 मार्च को ममता का पैर फ्रैक्चर हुआ, 16 अप्रैल आ गया पर कोई सुधार नहीं

पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चोट लगे आज 1 महीना से भी ऊपर हो गया है पर उनके पैरों में लगे प्लास्टर अभी भी ज्यों की त्यों ही है। बता दें कि, 10 मार्च को ममता बनर्जी नंदीग्राम में अपना चुनाव प्रचार कर रही थी और उसी दौरान उनको अपनR कार के गेट से पैरों में चोट लग गई जिससे कथित तौर पर फ्रैक्चर हो गया।

अगर हम पूरे घटनाक्रम पर विस्तार से नज़र डालें तो देखेंगे कि, ममता बनर्जी चोट लगने के तुरंत बाद ही चुनाव प्रचार के लिए वापस मैदान में कूद पड़ीं। इसका तात्पर्य यह निकलता है कि, ममता बनर्जी को ज्यादा गंभीर चोट नहीं लगी थी। पर जब पत्रकारों ने ममता बनर्जी से उनका हाल पूछा था, तो ममता बनर्जी ने जवाब दिया कि, ‘नंदीग्राम में मुझ पर हमला किया गया है। मेरे पैर में चोट लगी है। मेरे पैरों में सूजन है। मेरे पैर को गाड़ी से कुचलने की कोशिश की गई।’ ममता बनर्जी के बयान पर अगर गौर करे तो, ममता बनर्जी दर्द में भी आरोप- प्रत्यारोप का खेल खेल रही थी।

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चलिये एक बार यह मान भी ले कि ममता बनर्जी को कोलकता के सबसे अच्छे ओर्थपेडीक ने इस काबिल बना दिया कि मुख्यमंत्री जी दो दिनों के अंदर ही हॉस्पिटल बेड से चुनाव प्रचार का सफर व्हील चेयर से तय कर लिया। परंतु कोलकता के ओर्थपेडीक ऐसा चमत्कार करेंगे यह किसी ने सोचा भी नहीं था, यकीन नहीं आता तो आप खुद नीचे दिये हुए विडियो को देखे। आप देख सकेंगे की कैसे ममता बनर्जी पैरों में प्लास्टर लगने के बावजूद भी अपने पैरों को हिला रही है। ऐसा लग रहा है मानो, दीदी व्हील चेयर पर नहीं बल्कि केवल चेयर पर बैठी हुई है। गौरतलब है कि, प्लास्टर लगा हुआ पैर इतना लचीला कैसे हो सकता है? किसी ने सोचा भी नहीं होगा लेकिन ममता बनर्जी के पैर और प्लास्टर ने यह करनामा कर दिखाया है।

अब सवाल यह उठता है कि जब ममता बनर्जी का पैर 2 अप्रैल को ही ठीक हो गया था, तो अभी तक यह प्लास्टर हटा क्यों नहीं? इसका जवाब है, व्हीलचेयर पॉलिटिक्स! ममता बनर्जी शायद इकलौती ऐसी पीड़ित होंगी जो चोट लगने के तुरंत बाद बीजेपी- बीजेपी चीख रही थीं। खैर, भारत की राजनीति में ममता बनर्जी अकेले नहीं है जो कथित तौर पर चोट के नाम पर राजनीति कर रही हैं, इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल भी ऐसा कर चुके हैं। वो अलग बात है कि केजरीवाल के पास दर्द झेलने की सहन शक्ति ज्यादा नहीं है इसलिए उन्हें बस कुछ तमाचों से ही काम चलाना पड़ा।

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ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की 10 साल से मुख्यमंत्री है। जब 2011 में उन्हें सत्ता हाथ लगी थी तब पश्चिम बंगाल के हालात बहुत खराब थे। ममता बनर्जी अपने कार्यकाल में ज़रा सा भी विकास करती तो सबके सामने होता। ममता बनर्जी सरकार 10 सालों में भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी और cut-money वसूलने के अलावा कुछ नहीं किया है। वहीं, दूसरी और भाजपा ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल में हराने की पूरी तैयारी कर चुकी हैं। ऐसे में ममता बनर्जी के पास सहानुभूति कार्ड खेलकर पब्लिसिटी स्टंट करने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा था। आखिरकार यह भी काम नहीं आया क्योंकि चोट लगने के तुरंत बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने ही साफ कर दिया था कि ममता बनर्जी की चोट महज एक दुर्घटना थी।

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