किसानों के सबसे बड़े दुश्मन आढ़ती बने अमरिंदर के गले की फांस

आढ़ती डुबाएंगे अमरिंदर की नैया!

अमरिंदर

PC : (NaiDuniya)

एक ओर देश भर में केंद्र की योजनाओं का किसानों को विभिन्न प्रकार से लाभ हो रहा है। वहीं कई ऐसे राज्य, जहाँ विपक्षी दलों की सरकार है, वहाँ क्षुद्र राजनीतिक लाभ के लिए किसानों का शोषण हो रहा है। इसी में एक राज्य पंजाब है, जहाँ केंद्र की डायरेक्ट बेनिफिट योजना का राज्य सरकार द्वारा विरोध किया जा रहा है। केंद्र का जोर है कि MSP का किसानों के खाते में सीधा भुगतान हो, लेकिन अमरिंदर सरकार आढ़तियों की पुरानी योजना को लागू रखना चाहती है।

यदि केंद्र सरकार MSP का भुगतान सीधे किसानों के खाते में करती, तो इससे आढ़तियों को नुकसान होता, क्योंकि ऐसी योजना में उन्हें ‘कट मनी’ लूटने का मौका नहीं मिलता। अब जब केंद्र सरकार ने आढ़तियों को बीच से निकाल कर सीधे किसानों के खाते में फसल का पैसा ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है, तो पंजाब सरकार ने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया है।

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गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ‘आढ़तियों’ को भरोसा दिया कि उनकी सरकार उनके (आढ़तियों के) माध्यम से किसानों को भुगतान करने की पुरानी व्यवस्था को बहाल करने का समर्थन करेगी। फेडरेशन ऑफ आढ़ती एसोसिएशन ऑफ पंजाब के बैनर तले आढ़तियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान अमरिंदर सिंह ने उनसे कहा कि राज्य में आढ़ती खरीद प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा बने रहेंगे। आढ़तियों के साथ हुई ऑनलाइन बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ मेरे दरवाजे आपके लिए खुले हुए हैं।’

बता दें कि मंडी कानून राज्य सूची का विषय है। ऐसे में केंद्र केवल निर्देश जारी कर सकता है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पंजाब के किसानों का हक, आढ़तियों को देने पर तुले हुए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी वादा किया कि वह केंद्र को इस संदर्भ में पत्र लिखकर उनसे अनुरोध करेंगे कि आढ़तियों के अधिकार सुरक्षित रखा जाए।

अब प्रश्न उठता है कि जब मंडियां और आढ़तियों का गठजोड़ वर्षों से किसानों के शोषण का कारण बना हुआ है, तो भी पंजाब सरकार उन्हें समर्थन क्यों दे रही है ? इसका कारण यह है कि पंजाब में आढ़तियों की स्थिति देश के किसी अन्य राज्यों से बहुत बेहतर है। उनके पास धन और राजनीतिक पकड़ दोनों हैं।

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केंद्र वर्षों से पंजाब और हरियाणा से गेहूँ खरीदता रहा है। MSP पर गेहूँ की देशभर में कुल खरीद का 70 प्रतिशत पंजाब और हरियाणा से आता है। वर्षों से आढ़तियों द्वारा इसका लाभ उठाया जा रहा है। यही कारण था कि जब केंद्र ने कृषि सुधार लागू किए, तो इन्हीं बिचौलियों द्वारा केंद्र की योजना का विरोध किया गया। एक आम किसान के लिए इतने लंबे समय तक बॉर्डर घेर कर आंदोलन करना संभव ही नहीं है। किसान आंदोलन के पीछे ऐसे ही बिचौलियों और बड़े किसानों का धन लग रहा है।

देश में अधिकांश समय तक कांग्रेस की सरकार रही है। अतः इन आढ़तियों के कांग्रेस से अच्छे संबंध भी हैं। अब जब मोदी सरकार किसानों को आढ़तियों की पकड़ से मुक्त करना चाहती है, तो पंजाब की कांग्रेस सरकार और आढ़तिया दोनों एक साथ मिलकर इसका विरोध कर रहे हैं। हालांकि अमरिंदर सिंह द्वारा आढ़तियों को लेकर दिए गए बयान का उन्हें कितना राजनीतिक फायदा मिलेगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन एक बात तो साफ है कि पंजाब सरकार को आम किसान के हित की कोई चिंता नहीं है।

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